Severe Heatwave Hits Farmers Hard Crop Yields Plummet गर्मी में हरी सब्जियों को बचाने में 50 फीसदी लागत खर्च बढ़ी , किसान परेशान , Siwan Hindi News - Hindustan
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गर्मी में हरी सब्जियों को बचाने में 50 फीसदी लागत खर्च बढ़ी , किसान परेशान

गुठनी प्रखंड में प्रचंड गर्मी और लू से जनजीवन बेहाल है। किसानों की हरी सब्जियों और मक्के की फसलें सूखने के कगार पर हैं। 10 बार पटवन करने के बावजूद, 60-70% उपज में गिरावट का खतरा है। विशेषज्ञों के...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानMon, 19 May 2025 04:31 PM
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  गर्मी में हरी सब्जियों को बचाने में 50 फीसदी लागत खर्च बढ़ी , किसान परेशान

गुठनी, एक संवाददाता। प्रखंड मुख्यालय में प्रचंड गर्मी और लू का सितम लगातार जारी है। इससे जनजीवन जहां पूरी तरह बेहाल है। वहीं इसका असर नगर पंचायत से लेकर ग्रामीण इलाकों तक साफ दिखाई दे रहा है। हालांकि, गर्मी और लू से हर वर्ग और लोग परेशान हैं। इनमें सबसे अधिक परेशानी ग्रामीण क्षेत्रों में खेती कर रहे किसानों के सामने है। जहां हरी सब्जियां, मक्के की खेती, मूंग की खेती को बचाने में वह लगातार प्रयासरत है। बावजूद, इस भीषण गर्मी ने उन्हें घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया है। किसानों का कहना है कि हरी सब्जियों और मक्के को बचाने के लिए अभी तक 10-10 बार पटवन किया जा चुका है।

बावजूद कई जगहों पर मक्के की खेती पूरी तरह सूख गई है। जबकि हरी सब्जियां भी सूखने के कगार पर है। किसान इस बात से दुखी है कि खेती में लगाई गई पूंजी का कोई भी अंश उन्हें नहीं मिल पाया। जबकि, भीषण गर्मी ने उनकी कमर ही तोड़ डाली। सब्जियां और मक्के की फसल आ रही है चपेट में भीषण गर्मी और लूं के अंतिम दौर में हरी सब्जियां और मक्के की हरी भरी फसल देखते-देखते सूख रही है। भीषण गर्मी के कारण 20 से 25 प्रतिशत पैदावार प्रभावित होने का खतरा मंडारने लगा है। प्रखंड के आधा दर्जन जगह पर मक्के की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। जो करीब 10 एकड़ से अधिक भूमि शामिल है। किसानों की मानें तो फसलें भीषण गर्मी से झुलसने लगी हैं। फसलों पर शुरू हुआ है गर्मी और लू का असर यूं तो फसलों पर गर्मी का असर अपने अंतिम दौर में ही है। और पौधों के झुलसने का सिलसिला अभी शुरू ही हुआ है। यही रहा तो करीब 80फीसदी से अधिक कम उपज होने की आशंका है। मौसम की ऐसी मार किसानों को कमर तोड़ने के लिए काफी है। इस वर्ष की गर्मी ने किसानों के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। अप्रैल से जून तक का तापमान सामान्य से 4 से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा है, जिससे हरी सब्जियों की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस वर्ष की हीटवेव ने लौकी, खीरा, ककड़ी, परवल, तरबूज और खरबूज जैसी सब्जियों की गुणवत्ता और उपज में भारी गिरावट दर्ज की है। इस वर्ष सब्जियों की उपज में 60 से 70 प्रतिशत की गिरावट आई है। गर्मी और लू के कारण पौधों की जड़ों में नमी की कमी हो गई है, जिससे वे मुरझा गए हैं। हालांकि, सुबह और शाम सिंचाई करने के बावजूद अधिकांश पौधे नहीं बच पाए हैं। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कृषि वैज्ञानिक के अनुसार, उच्च तापमान से पौधों की वृद्धि में रुकावट आती है, जिससे उपज में कमी आती है। लू के कारण फूल और फल खराब हो जाते हैं, जिससे सब्जियों की मात्रा में भारी कमी आ जाती है। अत्यधिक गर्मी सब्जियों के आकार, रंग और स्वाद को प्रभावित करती है।यदि अगले 10 दिनों में बारिश नहीं होती, तो यह नुकसान और बढ़ सकता है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे ड्रिप या स्प्रिंकलर सिंचाई का उपयोग करें, पौधों को सीधी धूप से बचाएं और जैविक या प्लास्टिक मल्च का उपयोग करके मिट्टी की नमी बनाए रखें।

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