नालों का पानी सीधे दाहा नदी या आस-पास के पानी के स्रोतों में है गिरता
सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता।द विभाग की टीम ने विभिन्न थानों में जब्त शराब की बोतलों को पुलिस लाइन में जेसीबी के जरिए विनिष्ट करने का कार्य किया। बताया जा रहा कि डीएम डॉ. आदित्य प्रकाश के निर्देश पर...

सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। नगर परिषद क्षेत्र में जिस प्रकार से जलजमाव की समस्या का निदान धरातल पर नहीं हो पा रहा, ठीक उसी प्रकार से नालों के गंदा पानी के ट्रिटमेंट की कहीं कोई व्यवस्था नहीं है। लिहाजा शहर की लाइफ लाइन कही जाने वाली दाहा नदी एक प्रकार से नाला बनकर रह गयी है। शहर में नालों के पानी के ट्रिटमेंट की कोई व्यवस्था नहीं है। इस कारण स्थिति लगातार गंभीर बनती जा रही है। नाले का गंदा पानी दाहा नदी में सीधे ऐसे ही गिराया जा रहा है। इस कारण से दाहा नदी में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक हाल तक पहुंच चुका है।
निराशाजनक यह है कि इन हालातों का इंतजार किया गया है। बुरे हालातों से पूर्व इस दिशा में कुछ भी सकारात्मक नहीं सोचा गया। अब ट्रिटमेंट की जरूरत महसूस की जा रही नगर परिषद के पास इस बड़ी योजना के लिए फंड नहीं है, जबकि विधायक से लेकर सांसद तक उदासीन बने बैठे हैं। फिर भी राहत की बात यह है कि शहर के नालों के वर्तमान हाल के बाद अब ट्रिटमेंट की जरूरत महसूस की जा रही है। बहरहाल, नगर परिषद क्षेत्र में नालों के पानी के ट्रिटमेंट के लिए कोई सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट या अन्य विशेष व्यवस्था नहीं है। शहर के मुख्य नाला लालकोठी से दाहा नदी समेत अन्य मुख्य नालों का पानी सीधे दाहा नदी या फिर आस-पास के पानी के स्रोतों में गिर जाता है, इससे जल प्रदूषण की समस्या बनी हुई है। वहीं, कुछ स्थानों पर, नालों के पानी को सीधे नदी में छोड़ा जाता है, जो जल प्रदूषण को बढ़ा रहा है। जल प्रदूषण की समस्या बढ़ रही नालों के पानी के उपचार के अभाव के कारण जल प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है। वहीं, जल प्रदूषण के कारण पानी का उपयोग पीने व अन्य उद्देश्यों के लिए दूषित हो रहा है। हालांकि, नगर परिषद व वुडको ने बरसात के मौसम में जलजमाव व बाढ़ की समस्या को कम करने के लिए एक प्लान तैयार किया है। इसमें नाले के पानी को रिसाइकल कर सिंचाई में उपयोग करने की योजना है। बताया जा रहा कि यह योजना जल प्रदूषण को कम करने व सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता बढ़ाने में मदद कर सकती है। हालांकि, इस योजना को भी लागू करने में समय लग सकता है। नप क्षेत्र में अब सिवेज वाटर ट्रिटमेंट बेहद आवश्यक शहर के बढ़ते क्षेत्रफल व जनसंख्या घनत्व के सापेक्षिक लगातार बढ़ते मकानों की संख्या के मद्देनजर सिवेज वाटर ट्रीटमेंट अब बेहद आवश्यक हो गया है। शहर के 45 वार्डों व मुख्य नालों के पानी के ट्रीटमेंट के लिए प्लांट स्थापित करने की योजना को अब धरातल पर उतारने की पुरजोर मांग उठ रही है। नगर परिषद व नगर पंचायतों के विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास व उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे नगर विकास व आवास विभाग के मंत्री से नगर परिषद की उप मुख्य पार्षद ने पिछले दिनों इस संदर्भ में मांग की थी। उप मुख्य पार्षद ने मंत्री से शहर की दाहा नदी को स्वच्छ रखने के लिए वाटर ट्रिटमेंट प्लांट बनाने की मांग की थी। वहीं, विभागीय मंत्री ने 87 करोड़ रुपये की लागत से वाटर ट्रिटमेंट प्लांट लगाने की घोषणा भी की थी। ईओ का कहना है शहर में सिवरेज प्लांट बनाने को लेकर विभागीय स्तर पर कार्य कराने की योजना बनी है। सिवरेज सिस्टम बन जाने के बाद नालों के जल निकासी की समस्या का निदान संभव हो जाएगा। - अनुभूति श्रीवास्तव, ईओ सीवान नगर परिषद।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।