बोले सीवान : जाम और जलजमाव से मिले निजात तो बढ़ेगा भगवानपुर में व्यवसाय
भगवानपुर हाट प्रखंड मुख्यालय पर स्थित बाजार में जाम, प्रेशर हॉर्न, जलजमाव और सुविधाओं की कमी से ग्राहक और दुकानदार दोनों परेशान हैं। यहां सार्वजनिक शौचालय, वाहन पार्किंग और जलनिकासी की व्यवस्था नहीं...
भगवानपुर हाट प्रखंड मुख्यालय होने के कारण पूरे प्रखंड क्षेत्र के कई गांवों के लोग के साथ - साथ पड़ोस के सारण जिले के लोग भी यहां बाजार करने के लिए आते हैं। एनएच 331 के किनारे स्थित इस बाजार से होकर बालू लदे ट्रकों, विभिन्न प्रकार के समान लदे बड़े कंटेनर वाले ट्रकों व अन्य वाहनों की आवाजाही से नियमित जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है। साथ हीं वाहनों के प्रेशर हॉर्न से दुकानदारों व आमलोगों को काफी दिक्कतें होती हैं। इससे बाजार के व्यवसायियों और दुकानदारों को काफी समस्या होती है। जलनिकासी की ठोस व्यवस्था नहीं होने से बरसात को कौन कहे बिन बरसात हीं पुरानी बाजार के पास सड़क पर जलजमाव भी हो गया है।
इससे वाहन चालकों, राहगीरों, दुकानदारों के साथ खरीदारों को परेशानी उठानी पड़ती है। सबसे अहम सवाल यह है कि जाम, प्रेशर हॉर्न, गंदगी और बिन बारिश जलजमाव से मुक्ति कब मिलेगी? भगवानपुर हाट जिले के पुराने बाजारों में शुमार है यह प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों के साथ-साथ पड़ोस के सारण जिले के कई गांवों के लोगों के लिए महत्वपूर्ण बाजार है। भगवानपुर हाट में ब्लॉक, थाना, बैंक एवं अस्पताल होने के कारण यहां बाजार में काफी चहल-पहल रहती है। स्थानीय प्रखंड के अलावा अन्य कई गावों के लोग यहां बाजार करने आते हैं। बाजार के महत्व के हिसाब से यहां सुविधाएं बिल्कुल नगण्य हैं। बजार में दुकानदारों या ग्राहकों के लिए कोई सुविधा नहीं है। एनएच 331 बाजार के बीचोबीच से गुजरती है। इस पर बड़ी संख्या में बालू लदे वाहनों व विभिन्न प्रकार समानों से लदे बड़े - बड़े कंटेनर वाले वाहनों का परिचालन होता है। इस कारण यह बाजार अक्सर जाम से जुझता रहता है। साथ हीं वाहनों के प्रेशर हॉर्न से लोगों के कान झनझना उठते हैं। जाम और वाहनों के प्रेशर हॉर्न के कारण दुकानदार और ग्राहक दोनों को परेशानियों का सामना करना पडता है। दुकानदारों का व्यवसाय ठीक से नहीं हो पाता है। बाजार में एक - दूसरे से बातचीत करना मुश्किल हो जाता है। सार्वजनिक शौचालय और यात्री ठहराव स्थल नहीं बजार में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है। साथ हीं सार्वजनिक शौचालय और यात्री ठहराव की उचित व्यवस्था नहीं है। इससे ग्राहकों और दुकानदारों को काफी परेशानी होती है। बजार में वाहन पार्किंग की व्यवस्था भी नहीं है, जिससे जहां-तहां गाड़ी खड़ी रहती है। इस कारण अक्सर जाम लग जाता है। कई बार गाड़ी पार्किंग एवं साइड करने को लेकर मारपीट भी हो जाती है। बजार में नाइट गार्ड नहीं रहने से अक्सर दुकानों में चोरी की छोटी-बड़ी घटनाएं होती रहती हैं। दुकानदारों ने बाजार में नाइट गार्ड की व्यवस्था करने की मांग प्रशासन से की है।ये सभी वाहन चालक पैसेंजर बैठाने के लिए बीच बाजार में हीं सड़क पर टेम्पो लगते हैं। वहीं मुख्यालय के एस एस हाई स्कूल के मेन गेट के पास भी गाड़ियों को पार्किंग करने से बाजार में करीब करीब पूरे दिन जाम लगा रहता है। जाम के कारण दुकानदारों के व्यवसाय पर भी काफी कुप्रभाव पड़ता है। साथ हीं स्कूल में पढ़ने आने वाले बच्चों को भी आने जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। मुख्य सड़क पर वाहनों के खड़ा करने के कारण लंबी-लंबी लाइन लग जाती है। इससे बाजार में आना-जाना मुश्किल हो जाता है। साथ ही दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती है। शादी-विवाह और पर्व-त्योहार के दिनों में और ज्यादा दिक्कतें होती हैं। टेम्पो और बस स्टैंड नहीं रहने से बजार में लगता है जाम बाजार के बीच से होकर एनएच 331सड़क गुजरती है। साथ हीं मुख्य बाजार में मनोकामना माता मंदिर के पास तिनमुहानी है। यहां से एक ओर मलमलिया, महम्मदपुर, सीवान, पटना, दूसरी ओर छपरा, आरा, पटना, बलिया, तीसरी तरफ महाराजगंज, दरौंदा की ओर जाने वाली मुख्य सड़क है। इससे भगवानपुर हाट बजार में बड़ी संख्या में यात्री बसों के अलावा छोटे वाहन व टेम्पो गुजरते हैं। साथ हीं सभी रूट में अलग-अलग टेम्पो चलता है। बस और टेम्पो स्टैंड नहीं रहने के कारण बजार में मुख्य सड़क पर हीं यात्री बसों का ठहराव होता है। यहां सड़क पर हीं टेम्पों वाले भी गाड़ी लगाते हैं। भगवानपुर हाट में एक तरफ मलमलिया तो दूसरी तरफ सहाजितपुर, बनियापुर, तीसरी तरफ मोरा, महाराजगंज जाने के लिए धमई नदी पुल पर बस, टेम्पो खड़े रहते हैं। जलनिकासी नहीं होने से बिन बारिश ही हो गया है जलजमाव भगवानपुर हाट में सड़क पर हीं ज्यादातर छोटी - मोटी दुकानें स्थित हैं। साथ हीं यह पुराना बजार भी है। प्रखंड मुख्यालय होने की वजह से ब्लॉक, अस्पताल, थाना, बैंक, एटीएम होने से इन जगहों पर ज्यादा भीड़भाड़ रहती है। लेकिन सड़क के किनारे छोटे - छोटे दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण कर दुकान लगाने से अक्सर बाजार में जाम लग जाता है। वहीं लाखों की लागत से सड़क किनारे बने नाला से जल निकासी नहीं हो पा रहा है। इससे पुरानी बाजार के पास सड़क पर नाले का पानी जमा हो गया है। सड़क के दोनों तरफ दुकानें भी लगभग ऊंची हो गई हैं। हल्की बरसात होने पर भी जहां सड़क नीची है वहां जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इससे सड़क किनारे जमा नाले का पानी और फैल जाता है। चक्रवृद्धि मोड़ के पास सड़क नीची होने के कारण बारिश होने पर सड़क पर जलजमाव हो जाता है। इससे आमलोगों, वाहन चालकों व दुकानदारों को काफी परेशानियां होती हैं। जबतक बाजार में एनएच 331 के किनारे बने नाला से जलनिकासी की समुचित व्यवस्था, चक्रवृद्धि मोड़ पर सड़क पर जमा होने वाले पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं हो जाता है, तब तक इससे निजात नहीं मिल सकती। स्थानीय लोगों ने एन एच 331 सड़क किनारे बने नाला की सफाई कराकर जलनिकासी की व्यवस्था करने की मांग की है। यह नाला को पुराना बाजार में ठेकेदार द्वारा बिना कनेक्ट किए अधूरा छोड़ दिया गया है। लोगों ने भी कई जगहों पर मिट्टी डालकर नाला को बंद कर दिया है। सड़क पर सब्जी बेचते हैं दुकानदार, लगता है जाम बाजार में आसपास के दर्जन भर गांवों के लोग नियमित तौर पर सब्जी खरीदने आते हैं। सब्जी विक्रेताओं की संख्या भी काफी है, लेकिन यहां आज तक सब्जी मंडी नहीं बन पायी है। पुराना बाजार में बाजार शेड बना था, लेकिन वहां बाजार नहीं लगने से उस बाजार शेड का स्वरूप बदल दिया गया है। सब्जी विक्रेता मुख्य बाजार की सड़क पर हीं सब्जी बेंचते हैं। इससे बाजार में अक्सर जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है। साथ ही स्थाई दुकानों के आगे सब्जी व फल की दुकानें लगने से दुकानदारों को भी व्यवसाय करने में दिक्कत होती है। सभी दुकानदारों का कहना है कि भगवानपुर में सब्जी मंडी, फल मंडी, मछली बाजार का निर्माण अविलंब होना चाहिए। इससे जाम से निजात मिलेगी और लोगों को भी खरीदारी करने में आसानी होगी। उन्हें इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। प्रस्तुति : विनय कुमार श्रीवास्तव। सुझाव 1. बाजार में शुद्ध पेयजल और सुलभ शौचालय की व्यवस्था होने से ग्राहकों को सहूलियत होगी। 2. बाजार में सीसीटीवी कैमरा से छोटी-बड़ी घटनाओं में अपराधियों को चिह्नित किया जा सकेगा, जिससे घटनाएं कम होंगी। 3. बस स्टैंड एवं टेम्पो स्टैंड अलग बनाने से मुख्य सड़क एवं बाजार में वाहनों से जाम नहीं रहेगा। 4. सब्जी मंडी व मछली बाजार सड़क से हटाकर मंडी में शिफ्ट किए जाने से ग्राहकों एवं दुकानदारों दोनों को सहूलियत होगी। 5. सरकार द्वारा छोटे दुकानदारों को मुद्रा लोन दिलाने के लिए सरल एवं सुगम तरीका अपनाया जाना चाहिए। शिकायतें : 1. बाजार में शुद्ध पेयजल एवं सार्वजनिक शौचालय की सुविधा नहीं है। 2. बाजार के चौक एवं अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर सार्वजनिक शौचालय नहीं हैं। 3. बस स्टैंड और टेम्पो स्टैंड नहीं रहने से जाम की समस्या बनी रहती है। 4. सब्जी मंडी नहीं रहने से सड़क किनारे सब्जी की दुकानें लगती हैं। 5. छोटे दुकानदारों को मुद्रा लोन असानी से नहीं मिल पाता है।| हमारी भी सुनिए 01. सब्जी, फल, मछली, मीट-मुर्गा की बिक्री के लिए मंडी की उचित व्यवस्था नहीं रहने से सड़क किनारे हीं इसकी दुकानें लगती है। इससे बाजार में अक्सर भयंकर जाम लग जाता है। इससे दुकानदार व खरीदारों को भी परेशानी उठानी पडती है। - श्रीनिवास शर्मा, मोटर पार्ट्स दुकानदार 02. छोटे दुकानदारों को ब्याज रहित आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए, ताकि वे व्यवसाय चला सकें। इससे उन्हें जीवन यापन में परेशानी नहीं हो सकेगी। - जगन्नाथ प्रसाद, दुकानदार 03. बाजार में एनएच के किनारे तथा मनोकामना माता मंदिर से चक्रवृद्धि मोड़ तक सड़क के दोनों किनारे छोटे - छोटे दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है। इससे सड़क पर जाम लग जाता है। प्रशासन इसे तत्काल हटाकर अतिक्रमण मुक्त कराए। - रोशन सिंह, रिटायर्ड शिक्षक 04. छोटे व जरूरतमंद दुकानदारों को मुद्रा लोन व बिजनेस लोन आसानी से नहीं मिल पाता है। इससे व्यवसाय बढ़ाने में परेशानी होती है। - सुनील ठाकुर, दुकानदार 05. बाजार से होकर गुजरने वाले बड़े मालवाहक वाहनों के प्रेशर हॉर्न से दुकानदारों व आम लोगों को काफी परेशानियां होती हैं। वहीं सड़क पर अक्सर जाम लगा रहता है। इस कारण दुकानदारों का व्यवसाय प्रभावित होता है। - ललित कुमार, किराना दुकान 06. मुख्य सड़क पर वाहन स्टैंड, ठेला, खोमचा लगाने से बाजार में अक्सर जाम लग जाता है। वाहनों के प्रेशर हॉर्न से कान झनझना उठते हैं। एक - दूसरे से बातें करने में दिक्कतें होती हैं। जाम और प्रेशर हॉर्न के कारण दुकानदारों के व्यवसाय पर प्रतिकूल असर पड़ता है। - विजय शर्मा 07. मुख्य सड़क से होकर गुजरने वाले बालू लदे वाहनों तथा बड़े वाहनों के अनियंत्रित चाल से अक्सर दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। कई बार तो दुर्घटना हो भी जाती है। - सियाराम प्रसाद, रिटायर्ड शिक्षक 08. बाजार में आग से बचाव की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। बाजार में फायर सेफ्टी की कोई व्यवस्था नहीं है। मकान मालिक द्वारा भी कोई फायर सेफ्टी की व्यवस्था नहीं की गई है। - सुरेश प्रसाद, दुकानदार 09. बाजार में एक प्राइवेट बैंक होना चाहिए ताकि दुकानदारों को खाता संचालन में समस्या नहीं हो। सरकारी बैंक वाले स्टाफ दुकानदारों को काफी परेशान करते हैं। - राकेश प्रसाद, दुकानदार 10. बैंक से दुकानदारों को सरल एवं सुगम तरीके से ऋण नहीं मिल पाता है। मिलता भी है, तो इंश्योरेंस के नाम पर काफी अतिरिक्त पैसे की उगाही की जाती है। - संजय कुमार सिंह 11. बैंक में अकाउंट खोलवाने में दुकानदारों को काफी दिक्कतें होती हैं। लंबा प्रोसेस एवं कई कागजात की मांग के कारण करंट अकाउंट असानी से नहीं खुल पाता है। - रामबाबू प्रसाद 12. बाजार में वाहन पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से स्कूल गेट के सामने से बाजार तक सड़क पर हीं जहां-तहां गाड़ी खड़ी रहती है। इससे अक्सर बाजार में जाम लग जाता है। पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं होने से स्कूल के बच्चों को आने - जाने से परेशानियां होती हैं । - प्राचार्य लालबाबू कुमार। 13. बाजार में पेयजल आपूर्ति सही ढंग से संचालित नहीं होती है। पानी से दुर्गंध की शिकायत मिलती है। पीएचईडी एवं नल- जल की टंकी की सफाई नहीं की जाती है। इससे सप्लाई का पानी से लोग परहेज करते हैं। - जगनारायण प्रसाद। 14. चोरी की घटना से दुकानदार भयभीत रहते हैं। दुकानों की सुरक्षा के लिए नाइट गार्ड की व्यवस्था नहीं है। इससे आये दिन चोरी की छोटी-बड़ी घटनाओं की आशंका बनी रहती है। - प्रमोद बैठा। 15. दुकानदारी एवं बच्चों की पढ़ाई के समय शाम में तथा दिन में भी अक्सर चार से पांच घंटों तक बिजली कटौती की जाती है। ज्यादातर छोटे दुकानदारों के पास इनवर्टर नहीं है। इससे उन्हें ज्यादा परेशान होना पड़ता है। पढ़ने वाले बच्चों को भी परेशानियां होती हैं। - मनीन्द्र सिंह। 16. बाजार में सड़क किनारे नाली निर्माण होने के बावजूद नाले से जलनिकासी नहीं होने से सड़क पर जलजमाव हो जाता है। बिन बारिश जलजमाव के कारण सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। इससे सड़क किनारे के घरों में रहने वाले लोगों, राहगीरों व वाहन चालकों को दिक्कतें होती हैं। सड़क भी टूटने लगी है। - देवेन्द्र प्रसाद। 17. बाजार में एकमात्र हाईमास्ट लाइट लगा है। लेकिन शाम के समय बिजली की आंख मिचौली से बाजार में अंधेरा हो जाता है। हाई मास्ट लाइट के बंद होते ही बाजार की सड़कों पर अंधेरा हो जाता है। इससे दुकानदारों को काफी परेशानी होती है। साथ हीं एकमात्र हाई मास्क लाइट पर्याप्त नहीं हैं। पुरानी बाजार, चक्रवृद्धि मोड़ व थाना मोड़ के पास भी हाई मास्ट लाइट की व्यवस्था होनी चाहिए। - डॉ. योगेन्द्र चौधरी। 18. बाजार में सार्वजनिक शौचालय नहीं है। इससे बाजार करने आने वाले लोगों को शौचालय के लिए यत्र-तत्र जाना पड़ता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। - जूही कुमारी। 19. बाजार में सार्वजनिक शौचालय और यात्री ठहराव की उचित व्यवस्था नहीं है। इससे ग्राहकों और दुकानदारों को काफी परेशानी होती है। बजार में वाहन पार्किंग की व्यवस्था भी नहीं है, जिससे जहां-तहां गाड़ी खड़ी रहती है। इस कारण अक्सर जाम लग जाता है। - अमित कुमार दूबे । 20. यात्री शेड या बस पड़ाव नहीं होने से बाजार में आने-जाने वालों को काफी परेशानियां होती है। उन्हें बाजार से खरीदारी करने के बाद सड़क पर हीं खड़े होकर गाड़ी का इंतजार करना पड़ता है। स्कूल गेट के सामने सड़क किनारे कचरा फेंके जाने से दुर्गंध आती है। -- योगेन्द्र प्रसाद उर्फ त्रिलोकी श्रीवास्तव। 21. सड़क के किनारे मछली की दुकान व नदी के किनारे मीट - मुर्गा की दुकान लगाने से काफी गंदगी रहती है। इससे बाजार आने-जाने वाले लोगों को काफी दुर्गंध आती है। वहीं बाजार का कूड़ा - कचड़ा भी एसएस हाई स्कूल के मेन गेट के सामने सड़क किनारे फेंकने से दुर्गंध आती है। - प्रमोद बैठा।
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