four child prisoners escape from remand home in film style Locked the guard in the bathroom jump from roof with the help of sheet फिल्मी स्टाइल में रिमांड होम से 4 बाल कैदी फरार; गार्ड को बाथरूम में बंद किया, चादर की मदद से छत फांदी, Bihar Hindi News - Hindustan
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फिल्मी स्टाइल में रिमांड होम से 4 बाल कैदी फरार; गार्ड को बाथरूम में बंद किया, चादर की मदद से छत फांदी

मुंगेर जिले के रिमांड होम से 4 बाल कैदी फिल्मी स्टाइल में फरार हो गए। पेशाब का बहाना बनाकर गेट खुलवाया और फिर बाथरूम में गार्ड को बंद दिया। और चादर की मदद से छत फांद गए।

Sandeep अविनाश कुमार, पटनाMon, 17 June 2024 06:54 PM
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फिल्मी स्टाइल में रिमांड होम से 4 बाल कैदी फरार; गार्ड को बाथरूम में बंद किया, चादर की मदद से छत फांदी

मुंगेर जिले में रेप, हत्या, बलात्कार जैसे संगीत मामलों के आरोपी 4 बाल कैदी रिमांड होम की सुरक्षा को चकमा देकर फरार हो गए। पुलिस ने बताया कि चारों कैदियों ने सबसे पहले ड्यूटी पर तैनात नाइट गार्ड संजय कुमार पर हमला किया। कैदियों ने पेशाब जाने की बात कही, और जैसे ही संजय ने गेट खोला, चारों ने उस पर हमला कर दिया, उसके हाथ-पैर बांध दिए और उसके मुंह पर टेप लगा दिया। और बाथरूम में बंद कर दिया। जबकि ऑब्जर्वेशन होम के प्रभारी को उसके ऑफिस के अंदर ही बंद कर दिया। और फिर बेडशीट की मदद से चाहरदीवारी फांदकर भाग निकले 

पर्यवेक्षण गृह के अधीक्षक नीलमणि ने बताया कि डकैती, अपहरण, हत्या और बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में शामिल किशोर मुंगेर लाल किले के परिसर में स्थित पर्यवेक्षण गृह में थे। घटना के बारे में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर दिया है। साथ ही घायल नाइट गार्ड को सदर अस्पताल ले जाया गया।

मौके पर पहुंचे मुंगेर एसपी और डीएम ने घटना की जानकारी ली। डीएम ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और जिला कल्याण पदाधिकारी को यह पता लगाने का निर्देश दिया है कि क्या कर्मचारियों के साथ-साथ नाइट गार्ड की ओर से भी कोई लापरवाही हुई है। कैदियों की गिरफ्तारी के लिए एसपी ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।

मुंगेर एसपी ने कहा, फरार बाल कैदियों का पता लगाने के लिए छापेमारी कर रहे हैं।  चार आरोपियों के खिलाफ कोतवाली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है, जिनमें से तीन लखीसराय से और एक मुंगेर जिले से है। जेजे अधिनियम 2015 के तहत, 16 से 18 वर्ष की आयु के किशोर, जो जघन्य अपराध करने के दोषी पाए जाते हैं, उन्हें बच्चों की अदालत में भेजा जाएगा जो उन्हें सजा सुना सकती है।