डायट बागेश्वर में 'थिएटर इन एजुकेशन' कार्यशाला
बागेश्वर के डायट में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें 55 प्रशिक्षु शिक्षक भाग ले रहे हैं। इस कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों की रचनात्मकता और संवेदनशीलता को विकसित करना है। दिल्ली की सोल...
बच्चों की शिक्षा को किताबों के पन्नों से आगे ले जाकर उनकी रचनात्मकता, अभिव्यक्ति और संवेदनशीलता को विकसित करने के उद्देश्य से डायट बागेश्वर में थिएटर इन एजुकेशन पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसमें डायट के डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 55 प्रशिक्षु शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं। पहले दो दिन की गतिविधियां अत्यंत रोचक, प्रभावशाली और प्रेरणादायक रहीं। कार्यक्रम का शुभारंभ डायट के प्रभारी प्राचार्य डॉ. राजीव जोशी ने किया। कार्यशाला में संदर्भदाता के रूप में दिल्ली स्थित सोल डायट्स फाउंडेशन की सिमरन नागपाल और सरस्वती उपस्थित रहीं, जिन्होंने प्रशिक्षुओं को थिएटर के जरिए शिक्षण की नई विधियां सिखाईं।
कार्यक्रम समन्वयक एवं सेवा पूर्व शिक्षक शिक्षा विभाग प्रभारी रवि कुमार जोशी ने बताया कि आज की कक्षा में किताबों से परे जाकर एक जीवंत और सहानुभूतिपूर्ण वातावरण बनाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि थिएटर इन एजुकेशन छात्रों की रचनात्मकता को बढ़ाने के साथ शिक्षकों के दृष्टिकोण को भी संवेदनशील बनाता है। यह पद्धति अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर जैसे देशों में लंबे समय से अपनाई जा रही है। पहले दिन प्रशिक्षुओं ने मैं शिक्षक क्यों बनना चाहता हूं विषय पर आत्ममंथन किया। वाइब्स विद स्टूडेंट्स थीम पर चर्चा, आइस-ब्रेकिंग और टीम-बिल्डिंग जैसे कई थिएटर आधारित अभ्यास कराए गए। डॉ. राजीव जोशी ने विचार रखे। यहां डायट के प्रवक्ता डॉ. केएस रावत, डॉ. संदीप कुमार जोशी, डॉ. बीडी. पांडे, डॉ. भुवन पांडे, डॉ. हरीश चंद्र जोशी, डॉ. दीपा जोशी, पूजा लोहुमी, रुचि पाठक, डॉ. सीएम जोशी, कैलाश प्रकाश चंदोला, डॉ. दया सागर, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी हेम चंद्र गुरु रानी सहित कई शिक्षक और स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।
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