कर्नाटक में भाजपा का सख्त ऐक्शन, पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए 2 विधायकों को निकाला
साल 2019 में ये उन 18 कांग्रेस और जद(एस) विधायकों में शामिल थे, जिनके विद्रोह ने एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार को गिरा दिया। इससे भाजपा को सत्ता में आने का मौका मिला और बी एस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने थे।

भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक में अपने 2 विधायकों एस टी सोमशेखर और ए शिवराम हेब्बार को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में मंगलवार को यह ऐक्शन हुआ। पार्टी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पार्टी आलाकमान ने लंबे विचार-विमर्श के बाद यह फैसला लिया। सोमशेखर और हेब्बार क्रमशः यशवंतपुर और येल्लापुर विधानसभा क्षेत्रों से विधायक हैं। दोनों विधायक पहले कांग्रेस से जुड़े थे।
साल 2019 में ये उन 18 कांग्रेस और जद(एस) विधायकों में शामिल थे, जिनके विद्रोह ने एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार को गिरा दिया। इससे भाजपा को सत्ता में आने का मौका मिला और बी एस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने थे। दोनों विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया, जिसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गए। 2023 के विधानसभा चुनाव में दोनों ने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की, लेकिन इसके बाद वे कांग्रेस के साथ नजदीकी बढ़ाने लगे।
पार्टी की बैठकों में नहीं होते थे शामिल
पार्टी सूत्रों के अनुसार, दोनों विधायक अक्सर भाजपा के निर्देशों की अवहेलना करते थे और पार्टी बैठकों में भी हिस्सा नहीं लेते थे। कर्नाटक विधानसभा में भी वे सत्तारूढ़ कांग्रेस का समर्थन करते दिखे। विजयेंद्र ने कहा, 'दोनों विधायकों को अपनी गलतियों को सुधारने के लिए काफी समय दिया गया, लेकिन उन्होंने सभी चेतावनियों को नजरअंदाज किया। आखिरकार, उन्हें पार्टी से निष्कासित करने का फैसला लिया गया।' उन्होंने बताया कि उनकी गतिविधियों पर पार्टी की राज्य कोर कमेटी की बैठकों में चर्चा हुई और केंद्रीय नेतृत्व को भी इसकी जानकारी दी गई थी।
भेजा गया था कारण बताओ नोटिस
भाजपा की केंद्रीय अनुशासन समिति के सदस्य सचिव ओम पाठक ने निष्कासन पत्र में कहा, 'समिति ने 25 मार्च को जारी कारण बताओ नोटिस के जवाब पर विचार किया और पार्टी अनुशासन के बार-बार उल्लंघन को गंभीरता से लिया। इसके चलते, आपको तत्काल प्रभाव से 6 साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया जाता है। आप किसी भी पार्टी पद से हटा दिए गए हैं।' इस तरह, कर्नाटक में भाजपा से निष्कासित विधायकों की संख्या तीन हो गई है। इससे पहले विजयपुरा के विधायक बसनगौड़ा पाटिल यत्नाल को येदियुरप्पा और उनके बेटे बी वाई विजयेंद्र की खुली आलोचना करने के लिए निष्कासित किया गया था।