नेपाल में मंदारिन भाषा की पढ़ाई और चीन में लाइव स्ट्रीमिंग, ड्रैगन की साजिश क्या है?
- पुलिस के अनुसार, चार केंद्रों पर सात सौ से ज्यादा बच्चे भाषा सीखने आ रहे थे। चंद्रपुर के मेयर संजय काफले ने बताया कि यह मामला गंभीर है। पुलिस इसकी गंभीरता से जांच कर दोषियों को सख्त सजा दिलाये।

पर्यटक वीजा पर नेपाल आए चीनी नागरिकों द्वारा बच्चों को प्रलोभन देकर अनधिकृत रूप से मंदारिन (चीन की भाषा) पढ़ाने के मामले में नये खुलासे हो रहे हैं। भारत से सटे नेपाल के रौतहट जिले में छापेमारी के दौरान ऐसे चार केंद्रों का खुलासा हुआ है। पुलिस का कहना है कि चीनी नागरिक द्वारा बच्चों को मंदारिन पढ़ाने का लाइव प्रसारण चीन में किया जाता था। मामले में अब तक पांच चीनी नागरिकों व तीन नेपाली नागरिकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है। हालांकि, पुलिस ने सभी को चेतावनी देकर काठमांडू भेज दिया है। हिरासत में लिये गये तीन स्थानीय नागरिकों को बांड पर छोड़ दिया है। खुलासे के बाद नेपाल की ग्रामीण जनता सकते में है और पुलिस से सख्ती की मांग कर रहे हैं।
पुलिस जांच में पता चला है कि मंदारिन पढ़ाने के दौरान लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग के लिए एक अन्य चीनी नागरिक लगातार वीडियो बनाता है। वीडियो में देखा जा सकता है कि पढ़ाने वाली चीनी महिला के हाथ में बेल्ट के माध्यम से मोबाइल बंधा है। इसमें लगातार लाइव स्ट्रीमिंग जारी है। बच्चों को पढ़ाने के बाद उससे पूछताछ का वीडियो भी लाइव किया जाता है। बच्चों को मंदारिन भाषा सिखाने के एवज में 50 रुपये फीस ली जाती थी। अगर बच्चा सही से यह भाषा पढ़ने, लिखने व बोलने लगेगा तो उसे उपहार दिया जाएगा। उपहार में साइकिल, मोबाइल व सामान दिये जाते थे। रोज पढ़ने आने वाले बच्चों को चॉकलेट व अन्य खाद्य सामग्री दी जाती थी।
जांच में पता चला है कि केंद्र संचालन के लिए कमरे का किराया महीने में 10 से 15 हजार रुपये दिया जाता था। कक्षा संचालन में सहयोग करनेवालों को सौ-दो सौ रुपये रोज दिया जाता था। रौतहट के चंद्रपुर नगरपालिका क्षेत्र में एक धर्मशाला में चल रहे केंद्र में दो सौ से ज्यादा बच्चे मंदारिन पढ़ने आ रहे थे। सभी बच्चों को आईडी कॉर्ड जारी किया गया था, जिस पर चाइनीज भाषा में लिखा है। स्थानीय लोगों की शिकायत पर पहुंची पुलिस पुलिस ने बच्चों से पूछताछ की।
पुलिस के अनुसार, चार केंद्रों पर सात सौ से ज्यादा बच्चे भाषा सीखने आ रहे थे। चंद्रपुर के मेयर संजय काफले ने बताया कि यह मामला गंभीर है। पुलिस इसकी गंभीरता से जांच कर दोषियों को सख्त सजा दिलाये। चीनी पर्यटकों के विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिये। हम अपने स्तर से इसकी जांच करवा रहे हैं। सरकार व प्रशासन को चाहिए कि इस तरह के मामले आगे न हो, इसके लिए देशभर में इसकी जांच कराए। बाल अधिकारकर्मी कोपिला तिमल्सिना ने बताया कि प्रलोभन देकर पढ़ाने का मामला गंभीर है। इस पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है। बच्चों के परिवार को भी लालच दिया गया है। इसकी सही से जांच होनी चाहिए।
पांच चीनी व तीन नेपाली नागरिकों से हो रही पूछताछ
रौतहट के चंद्रपुर के डीएसपी राजकुमार राई ने बताया कि अब तक चंद्रपुर में चार केंद्रों का पता चला है। पांच चीनी नागरिकों के साथ तीन स्थानीय लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है। हिरासत में लिए लोगों ने कुछ स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। वे पल-पल बयान बदल रहे हैं। भाषा की कुछ समस्या है। मुख्यालय से ट्रांसलेटर बुलाया गया है। मामले की जानकारी वरीय अधिकारी को दी गयी है।
रील बनाकर पैसा कमाने का दिया प्रलोभन व सिखाने लगा मंदारिन
बीते कुछ माह से चीनी पर्यटक चंद्रपुर नगरपालिका के वार्ड-6 व 10 में बालचनपुर के बच्चों को पहले रील बनाकर पैसा कमाने का प्रलोभन दिया। सोशल मीडिया पर रील डालकर उन्हें अपनी ओर से कुछ गिफ्ट व पैसे दिया। इसके बाद बालचनपुर स्थित एक धर्मशाला में बिना अनुमति भाषा पढ़ाने के लिए कक्षा संचालन शुरू कर दिया। धीरे-धीरे इस केंद्र पर करीब दो सौ बच्चे भाषा सीखने के लिए आने लगे। अधिकतर बच्चे गरीब परिवार से हैं और प्रलोभन के कारण यहां आ रहे थे। चीनी नागरिकों की गतिविधियों को संदिग्ध देख लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।