बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव रंजन की संघर्ष से सफलता तक की एक प्रेरक कहानी
डॉ. राजीव रंजन द्वारा भागलपुर में अपने अत्याधुनिक पीडियाट्रिक हॉस्पिटल एडवांस चिल्ड्रन हॉस्पिटल का उद्घाटन। यह हॉस्पिटल न केवल चिकित्सा सेवाओं का केंद्र होगा, बल्कि एक उदाहरण होगा कि कैसे कठिन परिश्रम और आत्म-विश्वास से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

जीवन में यदि कुछ करने की ठान ली जाए और उसके लिए पूरी निष्ठा और मेहनत से कार्य किया जाए, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती। ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है डॉ. राजीव रंजन की, जिनका बचपन गांव की साधारण पृष्ठभूमि में बीता, स्कूली शिक्षा संघर्षों से भरी रही, लेकिन जिनकी आंखों में एक सपना था- डॉक्टर बनने का। आज उसी सपने को साकार करते हुए वे 30 अप्रैल 2025 को भागलपुर में अपने अत्याधुनिक पीडियाट्रिक हॉस्पिटल "एडवांस चिल्ड्रन हॉस्पिटल" का उद्घाटन करने जा रहे हैं। यह हॉस्पिटल न केवल चिकित्सा सेवाओं का केंद्र होगा, बल्कि एक उदाहरण होगा कि कैसे कठिन परिश्रम और आत्म-विश्वास से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
डॉ. राजीव रंजन का जन्म एक सामान्य ग्रामीण परिवार में हुआ। उनके पिता बिहार सरकार में सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट में कार्यरत ये, जिनकी नौकरी स्थानांतरण वाली थी। डॉ. राजीव रंजन की स्कूली शिक्षा पिता के स्थानंतरण के कारण अलग-अलग शहरों में हुई। पिताजी के दोस्त के बेटे डॉ. राकेश रंजन को देखकर इन्हें भी डॉ. बनने की प्रेरणा आई। डॉ. राकेश रंजन ही डॉ. राजीव के प्रेरणास्रोत बने।
शिक्षा में संघर्ष और आत्मबोध
शुरुआत में राजीव जी की पढ़ाई में कोई विशेष रुचि नहीं थी। लेकिन जब वे 10वीं कक्षा में पहुंचे, तो उन्हें पहली बार यह एहसास हुआ कि अब उन्हें गंभीरता से पढ़ाई करनी बाहिए। 11वीं और 12वीं कक्षा में उन्होंने दिन-रात पढ़ाई की, केवल 4-6 घंटे की नींद लेकर शेष समय आत्म-अध्ययन और ट्यूशन में बिताया।
पहली बार मेडिकल परीक्षा देने पर उन्हें लगा कि वे अभी भी शून्य पर हैं, तैयारी अधूरी है। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। पटना जाकर ट्यूशन्स लिए, अच्छे दोस्तों की संगत में पढ़ाई की, लेकिन पहले दो प्रयासों में असफल रहे। फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और तीसरे प्रयास में परीक्षा पास की। हालांकि उस बार उनका चयन वेटनरी में हुआ और वे बिहार वेटनरी कॉलेज, पटना में दाखिल हो गए।
दिशा परिवर्तन और दृढ़ संकल्प वेटनरी की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने आईएएस बनने की तैयारी शुरू कर दी। लेकिन इस दौरान प्रोफेसर मनोज कुमार (जो उनके जीजाजी भी है) का मार्गदर्शन मिला, जिनकी मदद से वे फिजिक्स जैसे कठिन विषय में मजबूत हुए। एक वर्ष में, जब फिजिक्स का पेपर सबसे कठिन आया, उसी वर्ष उन्होंने 50 में से 40 अंक प्रास किए और ऑल इंडिया मेडिकल एंट्रेंस परीक्षा में सफलता प्राप्त की।

मेडिकल करियर की शुरुआतः असम मेडिकल कॉलेज डिब्रूगढ़
2007 में डॉ. राजीव रंजन को असम मेडिकल कॉलेज, डिब्रूगढ़ में एमबीबीएस में प्रवेश मिला। यहीं से उन्होंने पोस्ट-फेजुएट की पढ़ाई भी की। इस दौरान उन्हें कई बार 72-72 घंटे लगातार काम करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हर कठिनाई को अवसर में बदला। पेशेंट की सेवा, प्रेजेंटेशन की तैयारी और रिसर्च इन सबका संतुलन बखूबी संभाला। इसके बाद उन्होंने न्यूनेटोलॉजी में एक साल की फेलोशिप की और फिर अपने होमटाउन भागलपुर लौटने का फैसला किया।
अपने शहर की सेवा का संकल्पः क्लिनिक से हॉस्पिटल तक का प्रेरणादायक सफर
यो वर्ष 2019 था, जब डॉ. राजीव रंजन ने भागलपुर में एक छोटे से क्लिनिक की स्थापना की। उस समय उनके पास न कोई बड़ी इमारत थी, न कोई विशेष संसाधन केवल था तो एक सपना और अपने शहर के बच्चों के लिए कुछ कर गुजरने का दृढ़ संकल्प। उसी छोटे से क्लिनिक में वे प्रतिदिन ओपीडी चलाते थे, बच्चों को जांचते और जरूरत पड़ने पर भर्ती भी करते थे। सीमित संख्धनों के बावजूद, उनका समर्पण, व्यवहार और इलाज की कुशलता इतनी प्रभावशाली थी कि धीरे-धीरे लोगों का भरोसा और स्नेह उन्हें मिलने लगा।
समय के साथ, डॉ. राजीव रंजन एक ऐसे बाल चिकित्सक के रूप में उभरे, जिनके पास न सिर्फ चिकित्सा ज्ञान या, बलिया मरीजों को साथ गहराई से जुड़ने की मानवीय संवेदनाएं भी थीं। उनकी यही विशिष्टता उन्हें अन्य चिकित्सकों से अलग बनाती गई। इलाज के प्रति उनकी ईमानदारी, पेले के प्रति निष्ठा और समाज के प्रति उत्तरदायित्व में उन्हें भागलपुर के लोगों के दिलों में एक विशेषस्थान दिला दिया।
क्लिनिक तक सीमित नहीं था सपना
हालांकि, उनका सपना सिर्फ एक क्लिनिक तक सीमित नहीं था। वे शुरू से ही एक पूर्ण और अत्याधुनिक बाल चिकित्सा अस्पताल की परिकल्पना करते थे एक ऐसा स्थान जहां नवजात शिशुओं से लेकर किशोर अवस्था तक के बच्चों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके। इसी सपने को पूरा करने की दिशा में उन्होंने पहला कदम उठाया था, जब उन्होंने एक किराए के परिसर में अस्पताल की शुरुआत की। वहां भी उन्होंने बच्चों के इलाज में कोई समझौता नहीं किया और लगातार बेहतरीन सेवाएं देते रहे।
अपने अस्पताल का उद्घाटन आज, वर्षों की अथक मेहनत, धैर्य और
समाज के विश्वास के साथ, वह ऐतिहासिक दिन आ गया है-30 अप्रैल 2025। इस दिन डॉ. राजीव रंजन अपने स्वप्न को साकार करते हुए भागलपुर में अपने स्वयं के भवन में स्थापित एक पूर्ण, अत्याधुनिक बाल चिकित्सा अस्पताल एडवांस चिल्ड्रन हॉस्पिटल" का शुभारंभ कर रहे हैं। यह अस्पताल केवल एक ईंट और सीमेंट की इमारत नहीं है, यह एक सोच है-अपने शहर के बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य देने की, माताओं के चेहरे पर मुस्कान लाने की, और उन परिवारों की मदद करने की जिन्हें अपने बच्चों के इलाज के लिए बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता था।
एड्वांस चिल्ड्रन हॉस्पिटल" की विशेषताएं
एडवांस चिल्ड्रन हॉस्पिटल" आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस, जो न केवल भागलपुर बल्कि पूरे क्षेत्र के बच्चों के लिए वरदान साबित होगा। इस हॉस्पिटल की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं।
- पीडियाट्रिक आउटडोर क्लिनिक (OPD) - सामान्य बीमारियों की जांच व इलाज।
- पीडियाट्रिक इनडोर वार्ड (IPD) भर्ती बच्चों के लिए विशेष वार्ड।
- नवजात देखभाल इकाई (NICU) नाजुक नवजात शिशुओं के लिए ICUI
- बाल गहन चिकित्सा इकाई (PICU) गंभीर स्थिति वाले बच्चों के लिए विशेष देखभाल।
- टीकाकरण केंद्र सभी प्रकार की नियमित और विशेष वैक्सीनेशन।
- बाल परामर्श एवं विकास थेरेपी-मानसिक और विकासात्मक समस्याओं के लिए।
- ग्रोथ मॉनिटरिंग बच्चों के शारीरिक विकास की नियमित जांच।
- बाल विशेषज्ञ सेवाएं कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी आदि।
- 24x7 इमरजेंसी सेवा चौबीसों घंटे आपातकालीन इलाज।
- फिजियोथेरेपी और ऑक्यूपेशनल थेरेपी - विशेष बच्चों के लिए सहायता। नवजात स्क्रीनिंग और विकास जांच-जन्म के बाद की प्रारंभिक जांच।
- ऑडियोमेट्री और विजन स्क्रीनिंग सुनने और देखने की जांच।
- डायग्नोस्टिक सुविधाएं एक्स-रे, जैसी सुविधाएं। खून, पेशाब,
सुविधाजनक वातावरण - एसी रूम व साफ-सुथरा, बच्चे के खेलने के लिए अनुकूल वातावरण।
एक प्रेरणा स्रोत डॉ. राजीव रंजन की यात्रा उन सभी युवाओं
के लिए एक प्रेरणा है, जो कठिनाइयों और असफलताओं से घबराते हैं। उनके जीवन ने यह सिद्ध किया है कि अगर आप में दृढ़ इच्छाशक्ति, मेहनत और सकारात्मक सोच हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। भागलपुर का यह पीडियाट्रिक हॉस्पिटल न केवल चिकित्सा सेवा का केंद्र बनेगा, बल्कि यह उस संघर्ष, समर्पण और प्रेरणा की कहानी भी बताएगा जो लाखों दिलों को छू जाएगी।

क्यों बने डॉ. राजीव रंजन एक बाल रोग विशेषज्ञ (पेडियाट्रिशियन) ?
डॉ. राजीव रंजन का बच्चों के प्रति प्रेम और स्नेह बचपन से ही उनके व्यक्तित्व का अभिन्न हिस्सा रहा है। जब वे स्वयं एक छात्र थे 10वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ते समय तब भी उनका अधिकतर समय छोटे बच्चों के साथ खेलते, हैं सते और उनके साथ समय बिताते हुए गुजरता था। यह एक ऐसी आदत थी जिसे लेकर उन्हें अक्सर अपनी माताजी की डांट भी सुननी पड़ती थी। परंतु यह डांट भी उनके दिल में बसे बच्चों के प्रति प्रेम को कभी कम नहीं कर सकी।
डॉ. राजीव कहते हैं, "जब भी में किसी बच्चे को देखता हूँ, मुझे अपना बचपन याद आ जाता है। में महसूस करता हूँ कि जैसे में फिर से उस मासूम और निश्चल दुनिया का हिस्सा बन गया हूँ।"
बच्चों की मासूम मुस्कान, उनका निस्वार्थ स्नेह, और उनके साथ बिताए पलों ने ही डॉ. राजीव को प्रेरित किया कि वे अपना सम्पूर्ण जीवन बच्चों की सेवा में समर्पित करें। इसी भावना से उन्होंने पेडियाट्रिक्स को अपनी चिकित्सा-यात्रा का केंद्र बनाया।
आज वे सिर्फ एक डॉक्टर नहीं हैं, बल्कि बच्चों के लिए एक मार्गदर्शक, एक मित्र, और एक संरक्षक की भूमिका निभाते हैं। उनका यह चुनाव केवल एक पेशा नहीं, बल्कि एक सच्ची सेवा और अपने दिल की पुकार का उत्तर है।
भविष्य की योजना
डॉ. राजीव रंजन सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक सुविधाओं वाली चिकित्सा सेवा भागलपुर में भी उपलब्ध करवाना चाहते हैं। इसके लिए एक बेहतरीन टीम की जरूरत होती। इसलिए वह बाहते हैं कि वह भविष्य में एक बेहतरीन नर्सिंग केयर यूनिट बना सकें, जिससे की बच्चों की सही देखभाल सुनिश्चित की जा सके। ताकि भागलपुर के बच्चों को इलाज के बाहर इलाज करवाने न जाना पड़े। डॉ. राजीव यहीं पर गुणवत्तापूर्ण और किफायती इलाज बच्चों को उपलब्ध करवाना चाहते हैं। इससे बच्चों का इलाज कम पैसों में भागलपुर में ही हो सके। वह भागलपुर में नर्सिंग सेवा को बेहद एडवांस और अच्छा बनाना चाहते हैं ताकि लोगों का भरोसा बने।
परिवार का योगदान
डॉ. राजीव रंजन जी के जीवन में उनके परिवार का अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रेरणादायी योगदान रहा है। विशेष रूप से उनकी माताजी श्रीमती शीला राजपाल, जो एक समर्पित प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका रही हैं, ने उनके जीवन की नींव मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। उनके पिता श्री सुरेश राजपाल, जो स्वयं अत्यंत शिक्षित व्यक्ति हैं डबल एम.ए., एलएल.बी., और एम.एड जैसी उच्च डिग्रियों से सुशोभित - उन्होंने अपने बच्चों को बड़े सपने देखने की प्रेरणा दी। जहां पिताजी ने उन्हें ऊंचाइयों तक उड़ान भरने का हौसला दिया, वहीं माताजी ने उन सपनों को साकार करने का रास्ता दिखाया। राजीव जी के स्कूली जीवन के दौरान उनकी माताजी न केवल उन्हें पढ़ाती थी, बल्कि इस बात का भी पूरा ध्यान रखती थीं कि ये क्या पढ़ रहे हैं, उनका होमवर्क समय पर हो रहा है या नहीं। एक माँ के रूप में उन्होंने अनुशासन, समर्पण और शिक्षा के प्रति प्रेम का जो संस्कार डॉ. राजीव को दिया, यही आज उनके व्यक्तित्व में साफ झलकता है। वर्ष 2019 में डॉ. राजीव रंजन जी का विवाह श्रीमती रूपा रानी जी से हुआ। उनके जीवन में रूपा जी का भी विशेष योगदान रहा है। उन्होंने हर कदम पर डॉ. साहब का साथ दिया, उन्हें प्रोत्साहित किया, और पारिवारिक तथा व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बनाकर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सच ही कहा गया है एक सफल व्यक्ति के पीछे एक मजबूत और प्रेरणादायक परिवार होता है, और डॉ. राजीव रंजन जी इसका एक जीवंत उदाहरण हैं।
संक्षिप्त परिचय
नाम : डॉ. राजीव रंजन
कार्य : शिशु रोग विशेषज्ञ (एडवांस विल्ड्रन हॉस्पिटल)
माता : श्रीमती शीला राजपाल (शिक्षिका)
पिता : श्री सुरेश राजपाल
भाई: डॉ. संजीव रंजन (जूनियर साइंटिस्ट) / डॉ. रविश रंजन (जेनरल फिजिशियन)
पत्नी : रूपा रानी
बच्चे : ऋदान रंजन
"मेरी ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वह मुझे इतनी शक्ति, धैर्य और संवेदनशीलता प्रदान करें कि मैं न केवल अपने लिए, बल्कि हर उस बच्चे के लिए निरंतर कड़ी मेहनत करता रहूं जिसकी जान बचाने की जिम्मेदारी मेरे कंधों पर हो। मेरी सेवा के माध्यम से मैं उन मासूम जिंदगियों को बचा सकूंकू, जिनकी आंखों में जीवन के सपने अभी अधूरे हैं। ईश्वर मुझे इतना विनम्र बनाए रखें कि कभी मेरे भीतर अहंकार न आने पाए न कोई पद, न कोई प्रशंसा, न कोई सफलता मुझे बदल सके। मैं सदा अभिभावकों के चेहरे पर मुस्कान ला सकूं, उन्हें विश्वास और सुकून दे सकूं कि उनका बच्चा सुरक्षित हाथों में है। यही मेरी सच्ची जीत होगी, यही मेरा सबसे बड़ा पुरस्कार।" - डॉ. राजीव रंजन
पहला पता :
बैंक कॉलोनी, शितला स्थान रोड, शिला भवन रोड के सामने तिलकामांझी, भागलपुर
संपर्क :
मो. 081026 71163
दुसरा पता : महेशपुर काली स्थान अलीगंज, भागलपुर
संपर्क :
मो. 07634034880
(अस्वीकरण : इस लेख में किए गए दावों की सत्यता की पूरी जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति /संस्थान की है)
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