From Nayanjyoti to public welfare this is the resolve of Dr Shailendra Kumar to serve नयनज्योति से जनकल्याण तक डॉ. शिलेन्द्र कुमार के लिए सेवा ही है संकल्प, Brand-post Hindi News - Hindustan
Hindi Newsब्रांड पोस्ट न्यूज़From Nayanjyoti to public welfare this is the resolve of Dr Shailendra Kumar to serve

नयनज्योति से जनकल्याण तक डॉ. शिलेन्द्र कुमार के लिए सेवा ही है संकल्प

डॉ. शिलेन्द्र कुमार लगातार जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा के लिए आर्थिक सहयोग करते हैं, गरीब युवतियों के विवाह में सहायक बनते हैं।

Brand PostSat, 24 May 2025 05:17 PM
share Share
Follow Us on
नयनज्योति से जनकल्याण तक डॉ. शिलेन्द्र कुमार के लिए सेवा ही है संकल्प

सहरसा जिले के प्रतिष्ठित समाजसेवी डॉ. शिलेन्द्र कुमार एक ऐसे

व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने अपने जीवन को जनसेवा के लिए समर्पित कर दिया

है। नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में उन्होंने जो योगदान दिया है, वह तो

उल्लेखनीय है ही, लेकिन उनका समाजसेवा का दायरा इससे कहीं व्यापक है।

नयनज्योति चिकित्सा केंद्र के माध्यम से उन्होंने हजारों लोगों के आंखों

का इलाज किया, वहीं शिक्षा, स्वास्थ्य, दिव्यांग सहायता, निर्धन कन्याओं

के विवाह, और गरीब परिवारों के लिए निःशुल्क जागरूकता शिविर जैसे कार्यों

के जरिए वे समाज में सकारात्मक बदलाव के वाहक बने हैं। डॉ. शिलेन्द्र

कुमार का मानना है कि समाज की सच्ची सेवा केवल एक क्षेत्र तक सीमित नहीं

हो सकती। इसी सोच के साथ वे लगातार जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा के लिए

आर्थिक सहयोग करते हैं, गरीब युवतियों के विवाह में सहायक बनते हैं,

दिव्यांगों को उपकरण उपलब्ध कराते हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में

स्वास्थ्य व स्वच्छता को लेकर जागरूकता फैलाते हैं। उनकी सेवा की भावना,

विनम्र स्वभाव और सादगी उन्हें न सिर्फ सहरसा, बल्कि सम्पूर्ण उत्तर

बिहार में एक प्रेरणास्रोत और सम्मानित समाजसेवी के रूप में स्थापित करती

है।

डॉ. शिलेन्द्र कुमार एक ऐसे चिकित्सक हैं, जिन्होंने चिकित्सा सेवा को

व्यापार नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम बनाया है। उन्होंने सहरसा जैसे

क्षेत्र में नेत्र चिकित्सा को नई दिशा दी, जहां पहले मरीजों को इलाज के

लिए बड़े शहरों की ओर देखना पड़ता था। नयनज्योति चिकित्सा केंद्र आज

हजारों लोगों की उम्मीद का केंद्र है। उनकी जीवन यात्रा यह सिखाती है कि

अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो और सेवा का भाव दिल में हो, तो किसी भी क्षेत्र

में क्रांति लाई जा सकती है।

पारिवारिक पृष्ठभूमि और शिक्षा

डॉ. शिलेन्द्र कुमार का पैतृक घर बिहार के पटना जिले के बख्तियारपुर में

है। उनका जन्म एक शिक्षाविद् परिवार में हुआ। उनके पिता, स्व. शिवनंदन

पंडित, एक सम्मानित शिक्षक थे, जिनके संस्कारों ने डॉ. शिलेन्द्र के भीतर

सेवा का भाव बचपन से ही जगा दिया था। उनके बड़े भाई, प्रियनंदन पंडित भी

शिक्षण कार्य से जुड़े हैं। यह पारिवारिक पृष्ठभूमि ही थी जिसने डॉ.

शिलेन्द्र को समाज के प्रति उत्तरदायित्व का अहसास कराया।

अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद, उन्होंने प्रतिष्ठित पटना मेडिकल कॉलेज से

पोस्ट ग्रेजुएशन किया और नेत्र विज्ञान (Ophthalmology) को अपनी

विशेषज्ञता के रूप में चुना।

 

image

चिकित्सा सेवा की शुरुआत और प्रेरणा

पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में चार वर्षों तक सेवा देने के बाद,

नवंबर 2010 में डॉ. शिलेन्द्र कुमार सहरसा लौटे। लेकिन नेत्र सर्जन बनने

की प्रेरणा उन्हें तभी मिली थी जब वे पटना मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत थे।

वहां सहरसा से आने वाले मरीजों को देख वे बार-बार सोचते कि उनके अपने

जिले में क्यों न ऐसी व्यवस्था हो जिससे लोगों को बाहर न जाना पड़े।

उसी सोच को कर्म में बदलते हुए उन्होंने नयनज्योति चिकित्सा केंद्र की

स्थापना की। आज यह केंद्र उत्तर बिहार का एक प्रमुख नेत्र चिकित्सालय बन

चुका है, जहां अत्याधुनिक उपकरणों और अनुभवी चिकित्सकों के साथ मरीजों को

सर्वोत्तम इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है।

निजी जीवन और पारिवारिक सहयोग

डॉ. शिलेन्द्र कुमार का जीवन जितना पेशे में समर्पित है, उतना ही

पारिवारिक जीवन में संतुलित है। उनकी पत्नी श्रीमती अनीता कुमारी एक

गृहणी हैं, जो घरेलू जिम्मेदारियों को निभाकर परिवार को सहयोग देती हैं।

उनकी दो बेटियां डॉ. प्रियंका कुमारी और डॉ. कलाकुमारी

अब खुद भी चिकित्सा सेवा में हैं। उनका बेटा हिमांशु कुमार NEET की

तैयारी कर रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि चिकित्सा सेवा उनके परिवार

का भी हिस्सा बन चुकी है।

जन्मजात मोतियाबिंद से ग्रसित बच्ची का जीवन किया रोशन

सहरसा में चिकित्सा सेवा की शुरुआत के कुछ समय बाद, एक तीन साल की बच्ची

उनके पास लाई गई जिसे जन्मजात मोतियाबिंद था। इस उम्र में सर्जरी करना न

केवल चुनौतीपूर्ण होता है, बल्कि जोखिम भी रहता है। लेकिन डॉ. शिलेन्द्र

कुमार ने सर्जरी की, और नतीजे इतने शानदार रहे कि आज वह बच्ची 14 साल की

हो चुकी है और कभी-कभी अपने "डॉक्टर अंकल" से मिलने भी आती है। इस मामले

ने डॉ. शिलेन्द्र को भावनात्मक संतुष्टि दी और उनके कार्य को सार्थकता

प्रदान की।

आंखों की देखभालः अहम सुझाव

डॉ. शिलेन्द्र के अनुसार, आज के युग में कंप्यूटर, मोबाइल और टीवी जैसे

स्क्रीन आधारित उपकरण जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन चुके हैं। इससे आंखों

पर बुरा प्रभाव पड़ता है, विशेष रूप से ब्लूरे से।

इसलिए वे "ब्लू कट ग्लासेस" का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं जो इन

हानिकारक किरणों को रोकने में सहायक होते हैं और रेटिना की सुरक्षा करते

हैं।

इसके अतिरिक्त, आंखों की ड्राइनेस (सूखापन) से निपटने के लिए वे

"20-20-20 फार्मूला" अपनाने की सलाह देते हैं:

हर 20 मिनट पर, 20 फीट दूर किसी चीज को 20 सेकंड तक देखें।

यह फार्मूला कंप्यूटर या मोबाइल पर काम करने वालों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।

भविष्य की योजना

डॉ. शिलेन्द्र का उद्देश्य आने वाले समय में अपनी चिकित्सकीय सेवाओं का

और अधिक विस्तार करना है। वे नयनज्योति चिकित्सा केंद्र में उन चिकित्सा

सुविधाओं को शामिल करना चाहते हैं, जो वर्तमान में उपलब्ध नहीं हैं, जैसे

रेटिना संबंधी उपचार और पीडियाट्रिक सर्जरी। उनका मानना है कि अधिक से

अधिक लोगों को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी चाहिए। सेवा को ही

अपना धर्म मानने वाले डॉ. शिलेन्द्र अब तक 8,000 से अधिक रोगियों की

निःशुल्क सर्जरी कर चुके हैं। पिछले 15 वर्षों से वे सतत रूप से समाज की

सेवा में जुटे हैं और भविष्य में भी इसी सेवा भाव के साथ कार्य करते रहने

की उनकी योजना है।

नियमित जागरूकता कैंप

स्वास्थ्य के प्रति जन-जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से डॉ. शिलेन्द्र

नियमित रूप से विभिन्न जागरूकता कैंपों का आयोजन करते हैं। विशेष रूप से

स्कूलों में आयोजित स्क्रीनिंग कैंप के माध्यम से वे बच्चों की आँखों की

प्रारंभिक जांच करते हैं। यदि किसी बच्चे में दृष्टि संबंधी कोई समस्या

प्रारंभिक अवस्था में दिखती है, तो उसका समय रहते उपचार किया जाता है।

डॉ. शिलेन्द्र इस बात को लेकर चिंतित हैं कि आजकल बहुत से बच्चे चश्मे की

आवश्यकता होने पर भी उसे पहनने से कतराते हैं. जिससे स्थायी दृष्टि हानि

की संभावना बढ़ जाती है। इस प्रकार की समस्याओं को रोकने के लिए वे

निरंतर प्रयासरत रहते हैं और समय पर उपचार सुनिश्चित करने हेतु ऐसे

कैंपों का आयोजन करते रहते हैं।

एक समर्पित समाजसेवी हैं डॉ. शिलेन्द्र

* बेटियों के विवाह में योगदान डॉ. शिलेन्द्र न केवल एक कुशल चिकित्सक

हैं, बल्कि एक समर्पित समाजसेवी के रूप में भी उनकी पहचान है। उन्होंने

कई सामाजिक कार्यों के माध्यम से जरूरतमंदों की सहायता की है। विशेष रूप

से वे उन गरीब बेटियों के विवाह में सहयोग करते हैं, जिनके माता-पिता

आर्थिक तंगी के कारण उनकी शादी नहीं करवा पाते। अब तक वे 14 गरीब बेटियों

का विवाह संपन्न करवा चुके हैं।

* खेलों को दे रहे बढ़ावा : खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में भी डॉ.

शिलेन्द्र सक्रिय हैं। हाल ही में सहरसा में 11-11 क्रिकेट फॉर्मेट की

शुरुआत हुई है, जिसका पहला नेशनल मैच यहीं आयोजित होने जा रहा है। इस

आयोजन की अध्यक्षता स्वयं डॉ. शिलेन्द्र कर रहे हैं।

* शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान : शिक्षा के क्षेत्र में भी

उनका योगदान उल्लेखनीय है। वे एकल शिक्षा अभियान के तहत उन ग्रामीण और

शहरी स्लम क्षेत्रों में शिक्षा उपलब्ध कराने में सहयोग कर रहे हैं, जहां

स्कूल जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। डॉ. शिलेन्द्र ने अब तक ऐसी 13

स्कूलों को गोद लिया है, और उनका पूरा खर्च स्वयं वहन करते हैं। साथ ही,

हर वर्ष कक्षा 6 से 11 तक के दो छात्रों को 12,000 रुपये की छात्रवृत्ति

भी प्रदान करते हैं, ताकि वे बिना किसी आर्थिक बाधा के अपनी पढ़ाई जारी

रख सकें।

* दिव्यागों के लिए विशेष कैंप और विभिन्न स्थानों पर मेलों के आयोजन में

सहयोग इसके अतिरिक्त, वे दिव्यागों के लिए विशेष कैंप, गांवों में

सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन, तथा मेलों में सहयोग जैसे सामाजिक

कार्यों में में भी सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। वे भारत विकास परिषद से

भी हैं और निरंतर समाज सेवा के के कार्यों में जुड़े हुए हैं। संलग्न

रहते हैं।

image

समाज सेवा मेरे लिए कोई विकल्प नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य है। जब किसी

की आंखों में रोशनी लौटती है या किसी जरूरतमंद की मदद से उसका जीवन बेहतर

होता है, तो वही मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि होती है।

डॉ. शिलेन्द्र कुमार

संक्षिप्त जीवन परिचय

नाम : डॉ. शिलेन्द्र कुमार

कार्य : समाजसेवी, नेत्र सर्जन ( नयनज्योति चिकित्सा केंद्र)

पुरस्कार और सम्मानः मिथिला विभूति सम्मान से सम्मानित हिंदुस्तान आइकॉन

अवॉर्ड प्राप्त

पिता : स्व. शिवनंदन पंडित

बड़े भाई: प्रियनंदन पंडित (शिक्षक)

पत्नी: श्रीमती अनीता कुमारी (गृहणी)

बेटियां: डॉ. प्रियंका कुमारी, डॉ. कलाकुमारी

बेटा: हिमांशु कुमार, (नीट की तैयारी)

नयनज्योति चिकित्सा केंद्र पर उपलब्ध सुविधाएं

* यह चिकित्सा केंद्र आधुनिक नेत्र चिकित्सा का केंद्र बन चुका है। यहां

उपलब्ध प्रमुख सेवाएं हैं:

* मेडिकल रेटिना ट्रीटमेंट : रेटिना संबंधी बीमारियों की सटीक और आधुनिक चिकित्सा।

* ग्लूकोमा उपचार : इस "साइलेंट अंधेपन" को रोकने के लिए विशेष जांच और

दवाइयों की व्यवस्था।

* जनरल कैटरेक्ट सर्जरी : अत्याधुनिक फैको सर्जरी तकनीक के जरिए

मोतियाबिंद का इलाज।

* कॉम्प्रिहेंसिव ओकुलोप्लास्टी : आंखों के आस-पास के अंगों की शल्य

चिकित्सा व सौंदर्य सुधार की व्यवस्था।

* यहां डॉ. शिलेन्द्र कुमार के साथ-साथ डॉ. घनश्याम कुमार और डॉ. संजीव

कुमार भी मरीजों की सेवा में तत्पर हैं।

(अस्वीकरण : इस लेख में किए गए दावों की सत्यता की पूरी जिम्मेदारी

संबंधित व्यक्ति / संस्थान की है)

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।