8वां वेतन आयोग: इन कर्मचारियों को होगा बड़ा फायदा! DA को लेकर भी हैं ये प्रस्ताव, बैठक आज
- 8th Pay Commission: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 जनवरी, 2025 को लगभग 50 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन और 65 लाख पेंशनभोगियों के भत्ते की समीक्षा के लिए 8वें वेतन आयोग की स्थापना को मंजूरी दे दी है।

8th Pay Commission: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 जनवरी, 2025 को लगभग 50 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन और 65 लाख पेंशनभोगियों के भत्ते की समीक्षा के लिए 8वें वेतन आयोग की स्थापना को मंजूरी दे दी है। अब नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (जेसीएम) स्टाफ साइड ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) के लिए संदर्भ की शर्तों (टीओआर) के लिए अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की हैं। नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी के कर्मचारी पक्ष ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए सैलरी स्ट्रक्चर, डीए मर्जर, पेंशन में बढ़ोतरी समेत कई महत्वपूर्ण सहित सिफारिशें प्रस्तुत की हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज सोमवार, 10 फरवरी 2025 को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) और नेशनल काउंसिल JCM की स्टैंडिंग कमेटी (स्टाफ साइड) के बीच मीटिंग होने वाली है। इसमें अहम फैसले लिए जा सकते हैं।
क्या है डिटेल
बता दें कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने 23 जनवरी 2025 को 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के संदर्भ की शर्तों (टीओआर) को फाइनल रूप देने के लिए राष्ट्रीय परिषद जेसीएम के कर्मचारी पक्ष से सुझाव आमंत्रित किए। एनसी-जेसीएम स्टाफ साइड के सचिव, शिव गोपाल मिश्रा ने मांगों के विवरण को रेखांकित करते हुए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसमें कुल मिलाकर 15 प्रस्ताव शामिल थे। सरकारी कर्मचारियों के लिए कर्मचारी पक्ष की प्रमुख सिफारिशों में से एक महत्वपूर्ण मांग 1-6 वेतन स्तरों के तहत वेतनमान के विलय की थी। 3 फरवरी 2025 को लिखे एक लेटर में संदर्भ की शर्तें - कर्मचारी पक्ष के प्रस्ताव जेसीए और जेसीएम सचिव को भेज दिए गए थे। इसमें जिक्र किया गया है कि लेवल-1 को लेवल-2 के साथ और लेवल-3 को लेवल-4 और लेवल 5 को लेवल-6 के साथ विलय करने पर विचार करना चाहिए।
क्या होगा बदलाव
वर्तमान वेतनमान के तहत, स्ट्रक्चर लेवल 1 से 18 तक है। 7वें वेतन आयोग के बाद, स्तर 1 पर न्यूनतम मासिक वेतन 18,000 रुपये तय किया गया था, लेवल 18 पर अधिकतम वेतन 2,50,000 रुपये प्रति माह तय किया गया था। ऐसे में अगर सरकार लेवल 1 से लेकर लेवल 6 तक लेवल को मर्ज करेगी। मान लीजिए वर्तमान में लेवल 1 पर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये और लेवल 2 के केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी 19,900 रुपये है। अगर इन दोनों को मर्ज किया जाता है और फिटमेंट फैक्टर 2.86 लागू होता है। यानी फिर इनकी सैलरी 51,480 हो जाएगी। अगर लेवल 3 और 4 को मर्ज करते हैं तब सैलरी 72,930 रुपये बनती है। वहीं, लेवल 5 और 6 को मर्ज करने पर 2.86 फिटमेंट के साथ बेसिक सैलरी 1,01, 244 रुपये हो जाएगी। विलय का उद्देश्य सैलरी एडवांसमेंट में विसंगतियों को दूर करना और एक क्लियर सैलरी स्ट्रक्चर का गठन करना है।
ये भी हैं प्रस्ताव
पे स्केल मर्जर के अलावा, कर्मचारी पक्ष बेसिक सैलरी और पेंशन के साथ महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) के क्विक इंटीग्रेशन का समर्थन कर रहा है। प्रस्ताव में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर महंगाई के प्रभाव को कम करने, टेक-होम सैलरी और पेंशन को बढ़ावा देने के लिए सैलरी स्ट्रक्चर में डीए/डीआर का एक स्पेसिफाइड पर्सेंटज शामिल करने की सिफारिश की गई है।
आगे क्या होगा
अनुमान है कि सरकार इस महीने के भीतर तीन सदस्यों वाला 8वां वेतन पैनल स्थापित करेगी, जिसमें एक अध्यक्ष समिति का नेतृत्व करेगा। वेतन आयोग को लगभग 12 महीने की समय सीमा के भीतर सरकार को अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करने की उम्मीद है। इसके बाद, सरकार इस पैनल द्वारा दी गई सिफारिशों के आधार पर 1.2 करोड़ से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए पेंशन और वेतन में संशोधन के संबंध में निर्णय लेगी।
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