Amid market rout FPIs hit the sell button pull 31575 crore rupees from Indian equities in April ट्रंप टैरिफ से हाहाकार के बीच विदेशी निवेशक खफा! बेच डाले ₹31575 करोड़ के शेयर, Business Hindi News - Hindustan
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ट्रंप टैरिफ से हाहाकार के बीच विदेशी निवेशक खफा! बेच डाले ₹31575 करोड़ के शेयर

  • FPI Outflow: अमेरिका द्वारा भारत सहित दुनिया के तमाम देशों पर लगाए गए शुल्क की चिंता के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अप्रैल में अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 31,575 करोड़ रुपये निकाले हैं।

Varsha Pathak भाषाSun, 13 April 2025 10:13 PM
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ट्रंप टैरिफ से हाहाकार के बीच विदेशी निवेशक खफा! बेच डाले ₹31575 करोड़ के शेयर

FPI Outflow: अमेरिका द्वारा भारत सहित दुनिया के तमाम देशों पर लगाए गए शुल्क की चिंता के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अप्रैल में अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 31,575 करोड़ रुपये निकाले हैं। इससे पहले 21 मार्च से 28 मार्च तक छह कारोबारी सत्रों में एफपीआई ने शेयरों में 30,927 करोड़ रुपये डाले थे। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस निवेश से मार्च में एफपीआई की कुल कुल निकासी घटकर 3,973 करोड़ रुपये रही है। पिछले महीनों की तुलना में यह स्थिति में उल्लेखनीय सुधार है।

फरवरी और जनवरी के आंकड़े

फरवरी में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शेयरों से 34,574 करोड़ रुपये निकाले थे, जबकि जनवरी में यह निकासी और भी अधिक यानी 78,027 करोड़ रुपये थी। निवेशक भावना में यह बदलाव वैश्विक वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव और बदलती परिस्थितियों को दर्शाता है। आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल से 11 अप्रैल के बीच एफपीआई ने भारतीय शेयरों से 31,575 करोड़ रुपये निकाले हैं। इसके साथ ही, 2025 में अबतक एफपीआई की कुल निकासी 1.48 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।

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क्या है एनालिस्ट की राय

जियोजीत इन्वेस्टमेंट के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी शुल्क के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में उथल-पुथल भारत में एफपीआई निवेश को भी प्रभावित कर रही है।’’ उनका मानना ​​है कि मौजूदा उथल-पुथल थमने के बाद ही एफपीआई की रणनीति अधिक स्पष्ट हो पाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘मध्यम अवधि में एफपीआई भारत में खरीदार बन सकते हैं, क्योंकि अमेरिका और चीन दोनों ही मौजूदा व्यापार युद्ध के चलते अपरिहार्य सुस्ती की ओर बढ़ रहे हैं। प्रतिकूल वैश्विक परिदृश्य में भी भारत वित्त वर्ष 2025-26 में छह प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकता है। बाजार में उथल-पुथल के शांत होने के बाद भारत में एफपीआई निवेश बढ़ेगा।’’ समीक्षाधीन अवधि में शेयरों के अलावा एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड से सामान्य सीमा के तहत 4,077 करोड़ रुपये और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग से 6,633 करोड़ रुपये निकाले हैं।

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