₹14 पर आ गया पावर कंपनी का यह शेयर, कभी 75 पैसे थी कीमत, निवेशकों की है पैनी नजर
- Power Stock: ट्रंप टैरिफ के ऐलान के बाद से ही भारतीय शेयर बाजार में भारी उतार-चढाव देखने को मिल रहा है। बीते सोमवार को कारोबार के दौरान बाजार में करीबन 4000 अंकों की बड़ी गिरावट देखी गई थी। इसके बाद मंगलवार को कुछ रिकवरी हुई।

Power Stock: ट्रंप टैरिफ के ऐलान के बाद से ही भारतीय शेयर बाजार में भारी उतार-चढाव देखने को मिल रहा है। बीते सोमवार को कारोबार के दौरान बाजार में करीबन 4000 अंकों की बड़ी गिरावट देखी गई थी। इसके बाद मंगलवार को कुछ रिकवरी हुई। बुधवार को फिर से बाजार गिर गया था और गुरुवार को महावीर जयंती के मौके पर बाजार बंद था। हालांकि, बीते शुक्रवार को शेयर बाजार में अच्छी तेजी देखी गई। भारत समेत विभिन्न देशों पर लगाए उच्च सीमा शुल्क को तीन महीनों के लिए टालने के अमेरिकी सरकार के फैसले से स्थानीय शेयर बाजारों में तेजी रही। बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 1,310.11 अंक यानी 1.77 प्रतिशत उछलकर 75,157.26 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,620.18 अंक बढ़कर 75,467.33 तक पहुंच गया था। इससे निवेशकों की संपत्ति 7.85 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई। इस बीच एक पावर कंपनी के शेयर भी फोकस में रहे। यह शेयर - जयप्रकाश पावर का है।
कंपनी के शेयरों के हाल
जयप्रकाश पावर के शेयर बीते शुक्रवार को कारोबार के दौरान 3% तक चढ़कर 14.80 रुपये पर पहुंच गए थे। कंपनी के शेयरों का 52 वीक हाई प्राइस 23.77 रुपये और 52 वीक का लो प्राइस 12.35 रुपये है। कंपनी का मार्केट कैप 9,951.22 करोड़ रुपये का है। पिछले एक साल में शेयर में 16 फीसदी की गिरावट आई है। पिछले छह महीने में कंपनी के शेयर 32% और इस साल अब तक 20% तक टूट चुके हैं। हालांकि, पांच साल की लंबी अवधि में शेयर में करीबन 2,000% तक की तेजी आई है। पांच साल पहले कंपनी के शेयर की कीमत केवल 70 पैसे थी।
कंपनी का कारोबार
बता दें कि जेपी समूह की प्रमुख पावर कंपनी है। इसकी स्थापना 21 दिसंबर, 1994 को हुई थी। यह बिजली परियोजनाओं की योजना, विकास, कार्यान्वयन और संचालन करता है। कंपनी हाइड्रो और कोयला स्रोतों का उपयोग करके बिजली का उत्पादन करती है। समूह के पास हाइड्रो और थर्मल पावर सेक्टर में बिजली उत्पादन का विविध पोर्टफोलियो है। यह 400 मेगावाट विष्णुप्रयाग हाइड्रोपावर स्टेशन (उत्तराखंड) का संचालन करता है और इसने 300 मेगावाट बस्पा II और 1000 मेगावाट करछम वांगटू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट (हिमाचल प्रदेश) का निर्माण किया है।