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आर्मी को हथियार सप्लाई करेगी अनिल अंबानी की रिलायंस, ₹10000 करोड़ के रेवेन्यू की उम्मीद

अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इन्फ्रा ने जर्मनी की कंपनी के साथ डील की है। डील के तहत भारती सेना को हथियार सप्लाई करना है। इस खबर के बीच रिलायंस इन्फ्रा के शेयर रॉकेट बन गए।

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तानTue, 10 June 2025 07:20 PM
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आर्मी को हथियार सप्लाई करेगी अनिल अंबानी की रिलायंस, ₹10000 करोड़ के रेवेन्यू की उम्मीद

Reliance Infra unit deal: अनिल अंबानी की रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने डिफेंस सेक्टर की एक डील को लेकर अहम ऐलान किया है। रिलायंस इन्फ्रा की सहायक कंपनी रिलायंस डिफेंस और जर्मनी की डाइहल डिफेंस ने मंगलवार को कहा कि वे भारतीय सशस्त्र बलों को हथियारों की आपूर्ति के लिए अपनी रणनीतिक साझेदारी का विस्तार कर रहे हैं। इसके जरिए 10 हजार करोड़ रुपये के राजस्व की उम्मीद है।

डील की अहम बातें

रिलायंस डिफेंस ने कहा कि इस साझेदारी से भारतीय सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने वाली अत्याधुनिक 'वल्केनो 155 मिमी सटीक निर्देशित गोला-बारुद' प्रणाली के स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। बयान के मुताबिक, 155 मिलीमीटर तोप के अंतिम चरण में निर्देशित होने वाले गोले अनुमानित प्रभाव क्षेत्र तक पहुंचने के 10 सेकंड पहले ही लक्ष्य पर हमला कर सकते हैं। इसमें लगी प्रणाली की वजह से दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग उपकरण भी इसे आसानी से निष्क्रिय नहीं कर सकते हैं। अपग्रेडेड गोला-बारूद प्रणाली में लक्ष्य पर निशाना साधने के लिए अत्याधुनिक लेजर और जीपीएस-निर्देशित प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होगा जिससे इसकी सटीक हमला करने की क्षमता बढ़ेगी।

10,000 करोड़ रुपये के राजस्व की उम्मीद

रिलायंस डिफेंस ने कहा कि उसके पास उन्नत गोला-बारूद प्रणालियों के विकास और आपूर्ति के जरिये संभावित रूप से 10,000 करोड़ रुपये का राजस्व पैदा करने का बाजार अवसर है। बता दें कि यह रिलायंस समूह की चौथी रणनीतिक वैश्विक साझेदारी है। इसके पहले वह दसॉ एविएशन, थेल्स ग्रुप और रीनमेटल के साथ भी गठजोड़ कर चुका है।

महाराष्ट्र में प्लांट लगाने की योजना

रिलायंस डिफेंस ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के वाटाड औद्योगिक क्षेत्र में वल्केनो प्रणाली के लिए एक ग्रीनफील्ड मैन्युफैक्चरिंग फैसलिटीज यानी प्लांट स्थापित करने की योजना की भी घोषणा की। इस फैसलिटीज से भारत के 'मेक इन इंडिया' और रक्षा स्वदेशीकरण पहलों के तहत घरेलू उत्पादन का समर्थन करने की उम्मीद है।

जर्मनी की कंपनी के बारे में

रिलायंस इन्फ्रा की सहयोगी डीहल डिफेंस जर्मन टेक्नो समूह डीहल स्टिफ्टंग एंड कंपनी केजी का हिस्सा है। यह सटीक निर्देशित युद्ध सामग्री, वायु रक्षा और गोला-बारूद सहित अपग्रेडेड डिफेंस सिस्टम में विशेषज्ञता रखती है। बता दें कि भारत सरकार आयात पर निर्भरता कम करने और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए डिफेंस सेक्टर में निजी क्षेत्र और विदेशी भागीदारी को बढ़ावा दे रही है।

रिलायंस इन्फ्रा के शेयर में उछाल

इस बीच, सप्ताह के दूसरे दिन बीएसई पर रिलायंस इन्फ्रा के शेयर 3.5% बढ़कर ₹404.40 पर बंद हुए। ट्रेडिंग के दौरान शेयर 410.10 रुपये तक पहुंचा था। यह शेयर के 52 हफ्ते का हाई है।

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