ATM withdrawals to become costlier from May 1 know new charges ATM से कैश निकालना पड़ेगा महंगा, RBI ने बढ़ाया चार्ज, जानिए अब किस सर्विस के लिए कितना लगेगा?, Business Hindi News - Hindustan
Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़ATM withdrawals to become costlier from May 1 know new charges

ATM से कैश निकालना पड़ेगा महंगा, RBI ने बढ़ाया चार्ज, जानिए अब किस सर्विस के लिए कितना लगेगा?

  • ATM Withdrawals New Charges: अगर आप एटीएम मशीन (ATM) से पैसे निकालते हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले दिनों में एटीएम से कैश निकालना महंगा पड़ सकता है।

Varsha Pathak लाइव हिन्दुस्तानWed, 26 March 2025 09:17 AM
share Share
Follow Us on
ATM से कैश निकालना पड़ेगा महंगा, RBI ने बढ़ाया चार्ज, जानिए अब किस सर्विस के लिए कितना लगेगा?

ATM Withdrawals New Charges: अगर आप एटीएम मशीन (ATM) से पैसे निकालते हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले दिनों में एटीएम से कैश निकालना महंगा पड़ सकता है। दरअसल, मंगलवार को डीडी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 1 मई से एटीएम से कैश निकालना महंगा होने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इंटरचेंज फीस बढ़ा दी है। यह बढ़ी हुई फीस तब लागू होगी जब ग्राहक अन्य एटीएम से मुफ्त ट्रांजैक्शन लिमिट पार के बाद भी कैश निकालते हैं। बता दें कि अन्य बैंकों के एटीएम से मुफ्त ट्रांजैक्शन की लिमिट मेट्रो शहरों में पांच और गैर-मेट्रो सिटीज में तीन है। इसके बाद के ट्रांजैक्शन पर अतिरिक्त चार्ज लगेगा। एटीएम इंटरचेंज फीस एक ऐसा शुल्क है जो एक बैंक दूसरे बैंक को एटीएम सेवाएं प्रदान करने के लिए देता है। यह शुल्क, आमतौर पर प्रति लेनदेन एक निश्चित राशि होती है, जिसे अक्सर ग्राहकों को उनकी बैंकिंग लागत के हिस्से के रूप में दिया जाता है।

किस सर्विस के लिए कितना लगेगा चार्ज?

1 मई से ग्राहकों को मुफ्त सीमा से परे प्रत्येक वित्तीय लेनदेन के लिए 2 रुपये अतिरिक्त देने होंगे। गैर-वित्तीय लेनदेन, जैसे बैलेंस पूछताछ के लिए शुल्क में 1 रुपये की बढ़ोतरी होगी। नतीजतन, एटीएम से कैश निकालने पर प्रति लेनदेन 19 रुपये खर्च होंगे, जो पहले 17 रुपये था। आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, खाते की बची राशि चेक करने पर अब प्रति लेनदेन 7 रुपये खर्च होंगे।

ये भी पढ़ें:म्यूचुअल फंड हो तो ऐसा: 103% तक का रिटर्न, ₹10000 का SIP बना ₹1.84 लाख
ये भी पढ़ें:चौथी बार अपने ही शेयर को वापस खरीदेगी यह कंपनी, ₹330 पर शेयर, आपका है दांव?

क्यों लिया गया यह फैसला?

आरबीआई ने व्हाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटरों के अनुरोधों के बाद इन चार्जेस को रिवाइज करने का फैसला किया, जिन्होंने तर्क दिया कि बढ़ते ऑपरेशनल खर्च उनके कारोबार को प्रभावित कर रहे हैं। शुल्कों में बढ़ोतरी पूरे देश में लागू होगी और इसका असर ग्राहकों, खासकर छोटे बैंकों के ग्राहकों पर पड़ने की उम्मीद है। ये बैंक एटीएम इंफ्रास्ट्रक्चर और संबंधित सेवाओं के लिए बड़े वित्तीय संस्थानों पर निर्भर हैं, जिससे वे बढ़ती लागतों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।

UPI पेमेंट बढ़ने से ATM की कम हुई है डिमांड

बता दें कि एक समय एटीएम को क्रांतिकारी बैंकिंग सेवा के रूप में देखा जाता था। हालांकि, डिजिटल भुगतान के बढ़ने के कारण यह भारत में संघर्ष कर रहा है। ऑनलाइन वॉलेट और यूपीआई लेनदेन की सुविधा ने एटीएम कैश निकासी की आवश्यकता को काफी कम कर दिया है। सरकारी डेटा से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2014 में भारत में डिजिटल भुगतान का वैल्यू 952 लाख करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2023 तक, यह आंकड़ा 3,658 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो कैशलेस लेनदेन की ओर बड़े पैमाने पर बदलाव को दर्शाता है।

जानें Hindi News, Business News की लेटेस्ट खबरें, शेयर बाजार का लेखा-जोखा Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।