एशियन पेंट्स में ब्लॉक डील, 1876 करोड़ रुपये में बिक गए 85 लाख शेयर
Asian Paints के शेयरों में आज बहुत बड़ा सौदा (लगभग 1,876 करोड़ रुपये का) हुआ और शेयर चढ़े। ये सौदा शायद रिलायंस द्वारा अपना बाकी बचा हिस्सा बेचने से हुआ है।

Asian Paints Block Deal: एशियन पेंट्स में आज बहुत बड़ी डील की खबर आ रही है। आज एक ब्लॉक डील में कंपनी के 85 लाख शेयर बिक गए। इन शेयरों की कीमत थी करीब 1,876 करोड़ रुपये है। ये कंपनी का लगभग 0.88% हिस्सा (इक्विटी) बैठता है। इस बड़े सौदे के बाद कंपनी के शेयरों के भाव में तेजी देखने को मिली।
किसने बेचे हो सकते हैं शेयर?
पिछले हफ्ते ही देश की सबसे बड़ी कंपनी, रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने कहा था कि उसकी सहायक कंपनी, सिद्धांत कमर्शियल्स लिमिटेड ने एशियन पेंट्स के 3.5 करोड़ शेयर बेच दिए हैं। हर शेयर की कीमत थी 2,201 रुपये। आज सुबह 9:45 बजे इसके शेयर 0.14 पर्सेंट ऊपर 2218.50 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे। बता दें इस बिक्री के बाद रिलायंस के पास Asian Paints के सिर्फ 87 लाख शेयर बचे थे।
मनी कंट्रोल की खबर के मतुाबिक आज जो 85 लाख शेयरों का सौदा हुआ, ये बहुत हद तक रिलायंस के बचे हुए शेयरों के आसपास की संख्या है। ऐसा लगता है कि रिलायंस ने अपना लगभग बाकी बचा हिस्सा भी बेच दिया होगा।
कंपनी में किसके पास कितना हिस्सा? (मार्च तक का हाल)
कंपनी के मालिक (प्रमोटर) सबसे बड़े हिस्सेदार हैं, उनके पास 52.6% हिस्सा है। विदेशी संस्थानिक निवेशक (FIIs) के पास 12.2% है। देशी संस्थानिक निवेशक (DIIs) के पास 15.6% है। आम जनता (पब्लिक) के पास 19.5% हिस्सा है।
कंपनी की फाइनेंशियल सेहत
कंपनी ने मार्च खत्म हुए तिमाही (Q4 FY25) का नतीजा बताया था। मुनाफा (नेट प्रॉफिट) 692 करोड़ रुपये रहा, जो बाजार की उम्मीदों से कम था। कुल आमदनी (कंसोलिडेटेड रेवेन्यू) भी पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 4.3% गिरकर 8,359 करोड़ रुपये रही।
CEO ने कहा-ऐसा पहले कभी नहीं हुआ
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO), अमित सिंघल ने नतीजों के बाद हुई बैठक में एक बहुत गंभीर बात कही। उन्होंने कहा कि पेंट उद्योग में मांग की स्थिति शायद पिछले दो दशकों में सबसे कमजोर है। उनका कहना था, "पिछले 20 सालों में, डेकोरेटिव पेंट्स में कभी एक साल भी नेगेटिव ग्रोथ नहीं देखी गई, लेकिन अब ऐसा हो रहा है।" यानी, बिक्री घट रही है, जो पहले कभी नहीं हुआ था। इस कमजोर मांग के दौर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने भी कंपनी को काफी चोट पहुंचाई है।