इस कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी बेचेगी मोदी सरकार! मई से प्रोसेस शुरू, जानिए क्या है योजना?
- सरकार एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज, एयरलाइन एलाइड सर्विसेज या अलायंस एयर, AI एयरपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड, एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज और होटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में संभावित हिस्सेदारी बिक्री के लिए रुचि का आकलन करने के लिए मई से भारत, सिंगापुर और यूरोप में रोड शो आयोजित करेगी।

Government to buy sell stake in former Air India arms: केंद्र सरकार एयर इंडिया की पूर्ववर्ती सहायक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज (AIATS), एयरलाइन एलाइड सर्विसेज (AAS) या अलायंस एयर, AI एयरपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (AIAS), एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज (AIES) और होटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (HCI) में संभावित हिस्सेदारी बिक्री के लिए रुचि का आकलन करने के लिए मई से भारत, सिंगापुर और यूरोप में रोड शो आयोजित करेगी।
क्या है डिटेल
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में एक सीनियर सरकारी अधिकारी के हवाले से बताया गया है, "सरकार ने वित्त वर्ष 26 में अपने विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए इन कंपनियों में हिस्सेदारी बिक्री को प्रायोरिटी के तौर पर पहचाना है।" उन्होंने कहा कि ये कंपनियां वर्तमान में एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड के पास हैं, जो एयर इंडिया की गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों और ऋण को रखने के लिए 2019 में स्थापित एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) है। पिछले साल, केंद्र सरकार ने देश की सबसे बड़ी रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) कंपनी एआईईएसएल के विनिवेश के लिए मुंबई में रोड शो आयोजित किए थे और कंपनी के लिए विनिवेश प्रक्रिया शुरू करने के लिए संबंधित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की मंजूरी प्राप्त की थी। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सरकार अगस्त तक इच्छुक बोलीदाताओं से एआईईएसएल, एआईएटीएसएल और एआईएएसएल के लिए रुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित करने की योजना बना रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हिस्सेदारी बिक्री 2025 के अंत तक पूरी हो जाए।
3,000 करोड़ रुपये जुटाए जाने की उम्मीद
बता दें कि जब सरकार के पास एयर इंडिया का स्वामित्व था, तब ये फर्म 2021 तक इसकी सहायक कंपनियां थीं। एयर इंडिया को टाटा समूह को बेचने के बाद, सरकार ने उनमें अपनी हिस्सेदारी अलग से बेचने का फैसला किया। AIES, AIATS, AAS, AIAS और HCI के विनिवेश को एयर इंडिया के विनिवेश के साथ 2017 में कैबिनेट की मंजूरी मिली थी। इन इंजीनियरिंग और ग्राउंड हैंडलिंग कंपनियों की बिक्री से लगभग 3,000 करोड़ रुपये जुटाए जाने की उम्मीद थी।