मोदी के भाषण के बाद चीन के बाजार में मचा हड़कंप, ड्रैगन्स को तगड़ा झटका
चीन की रक्षा कंपनी एविक चेंगदू एयरक्राफ्ट के शेयरों में तीन दिनों में 12% से अधिक की गिरावट आई है। आज गुरुवार को भी इस शेयर में 7% से अधिक की गिरावट थी।

Chinese Defence stock: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के सफल समापन पर दिए गए कड़े शब्दों वाले संदेश के बाद चीन की रक्षा कंपनी एविक चेंगदू एयरक्राफ्ट के शेयरों में तीन दिनों में 12% से अधिक की गिरावट आई है। आज गुरुवार को भी इस शेयर में 7% से अधिक की गिरावट थी। बता दें कि पीएम मोदी के संदेश के बाद मंगलवार को चीनी रक्षा कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई, जबकि भारतीय रक्षा शेयरों में तेजी आई। एविक चेंगदू एयरक्राफ्ट जे-10 लड़ाकू विमानों का निर्माता है, जिसके बारे में पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने कहा कि इसका इस्तेमाल उनकी वायु सेना द्वारा किया जाता है।
इस वजह से भी गिर रहा शेयर
बता दें कि जेट निर्माता के शेयर में गुरुवार को शंघाई में 6.7% की गिरावट आई और यह 84.34 युआन पर आ गया था। यह बिकवाली चीनी रक्षा शेयरों में व्यापक कमजोरी के बीच हुई, जिसमें हैंग सेंग चाइना ए एयरोस्पेस एंड डिफेंस इंडेक्स में गुरुवार को 1.7% की गिरावट आई - यह लगातार तीसरा सेशन है जिसमें नुकसान हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय फाइटर जेट के आगे जे-10 लड़ाकू विमानों का बुरा हाल हो गया था।
पाकिस्तान चीन से सस्ते में खरीदता है हथियार
बता दें कि पाकिस्तान द्वारा हाल ही में एचक्यू-9 एयर डिफेंस सिस्टम और पीएल-15 मिसाइल जैसे चीनी निर्मित हथियारों का अधिग्रहण देश की रक्षा खरीद रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव की ओर इशारा करता है। जबकि अमेरिका और यूरोप पाकिस्तान को सैन्य प्रौद्योगिकी के महत्वपूर्ण सप्लायर्स बने हुए हैं। जियोपोलिटिका की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में, चीनी सैन्य उपकरणों के सबसे बड़े आयातक पाकिस्तान है। पाकिस्तान को वित्तीय और भू-राजनीतिक कारणों से सस्ते चीनी सैन्य उपकरण खरीदता है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि चीन से खरीदा गया उसका HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय मिसाइलों के हमलों से बचाने में विफल रहा। पाकिस्तान जैसे देशों द्वारा चीन निर्मित हथियारों की बढ़ती खरीद का मुख्य कारण लागत है। ऐसी दुनिया में जहां रक्षा बजट अक्सर सीमित होते हैं, सैन्य तकनीक खरीदने का वित्तीय बोझ भारी पड़ सकता है। वायु रक्षा प्रणाली, लड़ाकू जेट और मिसाइलों सहित चीनी सिस्सटम अक्सर अमेरिका, यूरोप या रूस की समकक्ष प्रणालियों की तुलना में काफी सस्ती होती हैं।