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संकट से जूझ रही जेनसोल ने ब्लूस्मार्ट कैब्स लोन का मई में नहीं किया पेमेंट

Gensol Latest Updates: कुल लोन ₹5.6 करोड़ था। जेनसोल ने अब तक मूल रकम का 56% (लगभग ₹3.14 करोड़) वापस कर दिया है। अभी ब्याज समेत ₹4.04 करोड़ बाकी है।

Drigraj Madheshia लाइव हिन्दुस्तानFri, 30 May 2025 07:27 AM
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संकट से जूझ रही जेनसोल ने ब्लूस्मार्ट कैब्स लोन का मई में नहीं किया पेमेंट

Gensol Latest Updates: सोलर कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग को इलेक्ट्रिक कैब सर्विस BluSmart के संस्थापकों ने बढ़ावा दिया था। इस महीने, जेनसोल ने अपने कुछ खास निवेशकों (जिन्हें PTC होल्डर्स कहते हैं) को लगभग ₹4 करोड़ रुपये वापस नहीं लौटाए। यानी, उसने भुगतान करने में चूक (डिफॉल्ट) कर दी। आखिरी सफल भुगतान अप्रैल महीने में हुआ था।

जेनसोल ने पैसे जुटाने के लिए पास-थ्रू सर्टिफिकेट्स (PTCs) नाम के खास तरह के "लोन प्रमाणपत्र" जारी किए थे। इन्हें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म 'ग्रिप इन्वेस्ट' के जरिए छोटे निवेशकों को बेचा गया था। सोचिए, ये एक तरह के ऐसे लोन हैं, जो किसी चीज (यहां BluSmart की कारें) को गिरवी रखकर लिए जाते हैं।

गिरवी क्या रखा था? कैसे चुकाना था?

जेनसोल ने इन PTC लोन के बदले BluSmart प्लेटफॉर्म पर चलने वाली 76 इलेक्ट्रिक कारों को गिरवी रखा था। योजना यह थी कि जब ये कारें BluSmart पर चलेंगी और कमाई करेंगी, तो उसी कमाई से निवेशकों को पैसे वापस किए जाएंगे।

फिर समस्या क्यों आई?

मुश्किल यह हुई कि BluSmart की कैब सर्विस बंद हो गई। जेनसोल Uber जैसी दूसरी राइड-हेलिंग कंपनियों या कार फ्लीट चलाने वालों से बातचीत कर रही थी ताकि ये कारें फिर से चल सकें और कमाई शुरू हो, लेकिन ये सौदे अभी तक पूरे नहीं हुए। नतीजा: कारें खड़ी हैं, कमाई नहीं हो रही, और लोन चुकाने के लिए पैसा नहीं है।

कंपनी ने क्या कहा?

ग्रिप इन्वेस्ट के संस्थापक निखिल अग्रवाल ने ईटी से इस बात की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि कुल लोन ₹5.6 करोड़ था। जेनसोल ने अब तक मूल रकम का 56% (लगभग ₹3.14 करोड़) वापस कर दिया है। अभी ब्याज समेत ₹4.04 करोड़ बाकी है।

अब कारों का क्या होगा? कोर्ट ने क्या कहा?

29 मई को दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि इन 76 कारों पर 'वृक्ष एडवाइजर्स' नाम की कंपनी का हक है। वृक्ष एडवाइजर्स ग्रिप इन्वेस्ट की ही सहायक कंपनी है। कोर्ट ने वृक्ष एडवाइजर्स को यह अधिकार दिया कि वह…

1. इन कारों को खुद चला सकती है।

2. उन्हें बेच सकती है, या

3. किसी को किराए पर दे सकती है।

निखिल अग्रवाल ने कहा कि कारें अब वृक्ष एडवाइजर्स के पास हैं। उनकी जांच की गई है और सभी कारें अच्छी हालत में और चलने लायक हैं। कंपनी ने इन कारों के लिए चार्जिंग की व्यवस्था भी कर ली है और अब वह ऐसी फ्लीट कंपनियों से बात कर रही है जो इन कारों को Uber/Ola जैसे प्लेटफॉर्म पर फिर से चलाना चाहती हैं।

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क्या फिर से पेमेंट शुरू हो जाएगा?

हो सकता है, लेकिन एक मुश्किल है। एक जानकार ने बताया कि अगर कारें दूसरे प्लेटफॉर्म (जैसे Uber) पर चलने लगेंगी भी, तो भी भुगतान का तरीका बदल सकता है। क्यों? क्योंकि अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कमीशन, कमाई, किराये के दाम आदि अलग-अलग होते हैं। इन सब बातों पर विचार करने के बाद ही नए सिरे से भुगतान की योजना बनेगी।

वृक्ष एडवाइजर्स का मुख्य लक्ष्य अब यही है कि इन कारों को सबसे अच्छे दाम पर बेचा जाए या ऐसा कोई रास्ता निकाला जाए ताकि उन पैसों से निवेशकों का बकाया लोन चुकाया जा सके।

क्या सोच रहे हैं निवेशक?

एक निवेशक ने कहा कि लोगों ने BluSmart के बॉन्ड और PTC में इसलिए पैसा लगाया क्योंकि BluSmart एक बड़ा और भरोसेमंद ब्रांड था। साथ ही, इन निवेशों पर मिलने वाला 13.6% सालाना का आकर्षक रिटर्न भी एक बड़ा कारण था (जैसा कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसी केयर एज रेटिंग्स के डॉक्यूमेंट्स में भी बताया गया था)।

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