महाकुंभ में एयरलाइन कंपनियों की मनमानी, प्रयागराज के लिए ₹50000 तक पहुंच गया हवाई टिकट, अब एक्शन में DGCA
- Mahakumbh 2025: आगामी 29 जनवरी को मौनी अमावस्या से पहले ही उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। इस समय प्रयागराज में देश दुनिया से लोग पहुंच रहे हैं। यही वजह है कि इस रूट के लिए हवाई किराए में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी जा रही है।

Mahakumbh 2025: आगामी 29 जनवरी को मौनी अमावस्या से पहले ही उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। इस समय प्रयागराज में देश दुनिया से लोग पहुंच रहे हैं। यही वजह है कि इस रूट के लिए हवाई किराए में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी जा रही है। हवाई किराए में इस समय करीबन 600 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी जा रही है। हालांकि, अब नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने महाकुंभ के मद्देनजर एयरलाइन कंपनियों से प्रयागराज जाने वाली उड़ानों के हवाई किराए को तर्कसंगत बनाने को कहा है। बता दें कि महाकुंभ में अब तक 12 करोड़ से अधिक लोग आस्था की डुबकी लगा चुके हैं और 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के मौके पर करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे।
किस रूट पर कितना किराया
ट्रैवल पोर्टल स्काईस्कैनर के अनुसार, दिल्ली-प्रयागराज के लिए हवाई टिकट की कीमतें आसमान पर हैं। सोमवार सुबह 11:00 बजे तक वन-वे टिकट की कीमत 21,000 रुपये से अधिक देखी गई थी। मुंबई से प्रयागराज के टिकट की कीमत 22,000 से 60,000 रुपये के बीच है। बेंगलुरु से आने वाले तीर्थयात्रियों को सीधे एक तरफ के टिकट के लिए 26,000 रुपये से 48,000 रुपये के बीच है। आमतौर पर इस इन शहरों की एकतरफा किराया लगभग 5,000 से 7000 रुपये होता है। आपको बता दें कि 13 जनवरी को शुरू हुए महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को होगा।
81 अतिरिक्त फ्लाइट्स की मंजूरी
डीजीसीए ने 81 अतिरिक्त उड़ानों को भी मंजूरी दे दी है, जिससे महाकुंभ के कारण मांग को पूरा करने के लिए प्रयागराज के लिए हवाई संपर्क बढ़ाकर देश भर से 132 उड़ानें कर दी गई हैं। एयरलाइंस ने हमेशा आपूर्ति और मांग के एक समारोह के रूप में टिकट की कीमतों में वृद्धि का बचाव किया है। हालांकि, आलोचकों का तर्क है कि यह मुनाफाखोरी के बराबर है।
त्योहारी सीजन में अचानक बढ़ा दिया जाता है किराया!
बता दें कि त्योहारी सीजन के दौरान यात्रा एक समस्या बन गई है। पिछले साल फरवरी में एक संसदीय समिति ने प्रस्ताव दिया था कि सरकार को हवाई किराए में अचानक वृद्धि को कंट्रोल करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने चाहिए। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने पहले आश्वासन दिया था कि वह लगातार बढ़ती उड़ान टिकट की कीमतों की समीक्षा करेंगे। नायडू ने कहा था, 'मैं वास्तव में इस मुद्दे पर विचार करना चाहता हूं कि कैसे इसे देश के लोगों के लिए और अधिक सुलभ बनाया जाए।