कंपनी ने दी सफाई और 8% चढ़ गया शेयर, ₹55 पर आया भाव, जानिए पूरा मामला
- हैवी उद्योग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक दोपहिया विनिर्माता ओला इलेक्ट्रिक की तरफ से दिए गए बिक्री आंकड़ों और वास्तविक वाहन पंजीकरण के बीच के अंतर की जांच करने और कंपनी के खिलाफ आई उपभोक्ता शिकायतों की पड़ताल करने का ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया को निर्देश दिया था।

Ola Electric shares: ओला इलेक्ट्रिक के शेयर आज शुक्रवार को कारोबार के दौरान फोकस में हैं। कंपनी के शेयर आज 8% तक चढ़कर 55.80 रुपये के इंट्रा डे हाई पर पहुंच गए थे। शेयरों में इस तेजी के पीछे एक खबर है। दरअसल, ईवी टू व्हीलर कंपनी ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने फरवरी में बिक्री और रजिस्ट्रेशन में अंतर के बारे में स्पष्टीकरण जारी किया। अपने स्पष्टीकरण में, कंपनी ने कहा कि फरवरी में उसके वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन के बीच का अंतर वेंडर नेगोशिएशन के कारण हुए अस्थायी बैकलॉग के कारण था। दरअसल, हैवी उद्योग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक दोपहिया विनिर्माता ओला इलेक्ट्रिक की तरफ से दिए गए बिक्री आंकड़ों और वास्तविक वाहन पंजीकरण के बीच के अंतर की जांच करने और कंपनी के खिलाफ आई उपभोक्ता शिकायतों की पड़ताल करने का ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) को निर्देश दिया था। सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि मंत्रालय ने एआरएआई को 15 दिन के भीतर जांच पर आधारित एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
क्या है मामला
भविष अग्रवाल के स्वामित्व वाली कंपनी ओला इलेक्ट्रिक की तरफ से वाहन पोर्टल पर फरवरी के लिए पंजीकरण की कुल संख्या 8,652 थी जबकि कंपनी ने इस अवधि में 25,000 से अधिक इकाइयों की बिक्री की सूचना दी थी। वाहन पोर्टल पर 20 मार्च तक कंपनी के पंजीकरण 11,781 थे। ओला इलेक्ट्रिक ईवी को प्रोत्साहन देने वाली फेम-2 और पीएम ई-ड्राइव योजनाओं की लाभार्थी है। इसकी पात्रता का प्रमाणपत्र मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत प्रमाणन और परीक्षण एजेंसी एआरएआई ने दिया हुआ है।
क्या है डिटेल
अधिकारियों ने नाम सामने न आने की शर्त पर कहा, ‘‘यह एआरएआई की जिम्मेदारी है कि पीएम ई-ड्राइव योजना के दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित हो। एआरएआई कंपनी के बिक्री आंकड़ों में विसंगति और उपभोक्ता शिकायतों की भी जांच करेगा। हमने एजेंसी को 15 दिनो के भीतर एक रिपोर्ट देने के लिए कहा है।’’ सरकार के इस कदम के बारे में प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किए जाने पर ओला इलेक्ट्रिक ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। ओला इलेक्ट्रिक को कई नियामकीय दबावों का सामना करना पड़ रहा है। उपभोक्ता अधिकार नियामक सीसीपीए सहित कई प्राधिकरण कंपनी की सेवाओं और वाहनों में कथित 'खामियों' से संबंधित शिकायतों की जांच का आदेश दे रहे हैं। पिछले सप्ताह, ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड ने कहा था कि उसके वाहन पंजीकरण सेवा प्रदाता रोसमेर्टा डिजिटल सर्विसेज लिमिटेड ने अनुषंगी ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने की मांग की है।
(भाषा इनपुट के साथ)