पूर्व सीईओ समेत 5 अफसरों पर सेबी के बैन के बाद इंडसइंड बैंक के शेयर पर क्या पड़ रहा असर
सेबी ने इंडसइंड बैंक के पांचों अफसरों को शेयर खरीदने-बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें सुमंत काठपलिया (पूर्व सीईओ), अरुण खुराना (पूर्व डिप्टी सीईओ), सुशांत सोरव (ट्रेजरी हेड), रोहन जथन्ना (ग्लोबल मार्केट्स हेड), अनिल मार्को राव (कंज्यूमर बैंकिंग हेड) शामिल हैं।

गुरुवार की सुबह, बाजार खुलते ही इंडसइंड बैंक के शेयर ₹803.05 पर खुले। पिछले दिन के मुकाबले थोड़े नीचे रहे। इसकी मेन वजह, पूर्व सीईओ सुमंत काठपलिया और बैंक के चार अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर सेबी (SEBI) द्वारा शेयर बाजार में कारोबार करने पर रोक लगाना। साथ ही, सेबी ने इन पांचों से कुल ₹19.78 करोड़ जब्त किए। हालांकि, बैंक ने दावा किया है कि "सेबी के आदेश का हमारे कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ेगा।"
सुबह एनएसई पर इंडसइंड बैंक के शेयर 805.15 रुपये पर खुले और 803.05 रुपये तक आ गए। सुबह पौने दस बजे के करीब मामूली बंढ़त के साथ 809 रुपये के आसपास ट्रेड कर रहे थे।
क्यों सेबी ने लिया इतना बड़ा एक्शन
इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप : सेबी के मुताबिक, ये अधिकारी बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में हुई गड़बड़ियों (₹1,749.98 करोड़ के नुकसान) की गुप्त जानकारी (UPSI) होने के बावजूद, दिसंबर 2023 से मार्च 2025 के बीच अपने शेयर बेचते रहे। हैरानी की बात यह है कि इन्होंने इस दौरान कुल 4.79 लाख शेयर बेचे, लेकिन एक भी नहीं खरीदे।
जानबूझकर चुप्पी: बैंक ने यह गड़बड़ी पहली बार दिसंबर 2023 में जानी, लेकिन इसे गुप्त जानकारी (UPSI) घोषित करने में 15 महीने की देरी की। आखिरकार, इसका खुलासा 10 मार्च 2025 को हुआ। खबर आते ही बैंक का शेयर 28 दिसंबर 2023 के हाई ₹1,618.90 से गिरकर 12 मार्च 2025 को ₹605.40 (52-वीक लो) पर पहुंच गया। कुल 60% से ज्यादा की गिरावट।
सेबी ने किस-किस को किया बैन?
सेबी ने इन पांचों को शेयर खरीदने-बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
1. सुमंत काठपलिया (पूर्व सीईओ)
2. अरुण खुराना (पूर्व डिप्टी सीईओ)
3. सुशांत सोरव (ट्रेजरी हेड)
4. रोहन जथन्ना (ग्लोबल मार्केट्स हेड)
5. अनिल मार्को राव (कंज्यूमर बैंकिंग हेड)
इसके अलावा, अप्रैल 2025 में सीईओ काठपलिया और डिप्टी सीईओ खुराना ने इस्तीफा दे दिया। अब बैंक की कमान एक कमेटी ऑफ एक्जीक्यूटिव्स संभाल रही है।
बैंक पर क्या असर पड़ा?
चौंकाने वाला घाटा: मार्च 2025 तिमाही में बैंक को ₹2,329 करोड़ का रिकॉर्ड घाटा हुआ।
वजह: डेरिवेटिव ट्रेड्स की गलत रिपोर्टिंग (₹1,960 करोड़), फर्जी फी इनकम (₹172 करोड़ धोखाधड़ी), और गलत मैनुअल एंट्रीज (₹595 करोड़) का असर।
ऑडिट रिपोर्ट: "वरिष्ठ अधिकारियों ने जानबूझकर नियमों को तोड़ा," यह बात केंद्र सरकार को भी बताई गई।