JTET : झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा की अधिकतम आयु सीमा में मिलेगी 8 साल की छूट, विज्ञापन नए सिरे से
JTET : जेटेट आयोजन को लेकर जैक द्वारा आवेदन मंगाए जा चुके हैं। नियमावली में त्रुटि के कारण यह परीक्षा नहीं हो रही थी। अब नए सिरे से विज्ञापन जारी कर आवेदन मंगाए जाएंगे।

झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) में अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में आठ साल की छूट मिलेगी। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली 2025 का प्रारूप जारी कर दिया है। प्रारूप में शिक्षा विभाग ने कहा है कि इस परीक्षा में शामिल होने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष रखी गयी है, जबकि अधिकतम आयु सीमा कार्मिक विभाग द्वारा विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए जो निर्धारित है वही लागू होगी।प्रारूप के अनुसार, अधिकतम आयु सीमा में सभी अभ्यर्थियों को पिछली पात्रता परीक्षा और वर्तमान पात्रता परीक्षा के बीच के अंतराल से एक वर्ष कम करके छूट दी जाएगी। पिछली शिक्षक पात्रत्रा परीक्षा 2016 में हुई थी। इस आधार पर नौ साल हो गए हैं, इसलिए अधिकतम उम्र सीमा में आठ साल की छूट दी जाएगी। यह छूट एक बार ही मिलेगी।
58 वर्ष के पारा शिक्षक भी टेट में हो सकेंगे शामिल
पारा शिक्षकों (सहायक अध्यापकों) को अधिकतम आयु सीमा में छूट उनके अनुबंध की अवधि के बराबर दी जाएगी। यह अधिकतम आयु 58 वर्ष से अधिक नहीं होगी। इस तरह 58 वर्ष के पारा शिक्षक भी इस परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। जेटेट के सफल अभ्यर्थियों को मिलनेवाले प्रमाणपत्रों की वैधता आजीवन होगी। साथ ही वर्ष 2013 और 2016 की जेटेट परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की वैधता भी आजीवन होगी। प्रस्तावित नियमावली में इसका प्रावधान किया गया है।
डीईओ-डीएसई से मांगा गया सुझाव
शिक्षा विभाग ने जेटेट नियमावली के प्रारूप पर सभी डीईओ व डीएसई से सात दिनों के अंदर सुझाव मांगा है। सुझाव की समीक्षा के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। नियमावली को विधि व कार्मिक विभाग से स्वीकृति लेकर कैबिनेट में भेजा जाएगा।
जेटेट आयोजन को लेकर जैक द्वारा आवेदन मंगाए जा चुके हैं। नियमावली में त्रुटि के कारण यह परीक्षा नहीं हो रही थी। अब नए सिरे से विज्ञापन जारी कर आवेदन मंगाए जाएंगे।
राज्य के सभी हाईस्कूलों में होगी +2 की पढ़ाई
झारखंड के प्लस टू स्कूलों के अलावा वर्तमान शैक्षणिक सत्र से हाई स्कूलों और अनुदानित हाई स्कूलों में छात्र-छात्राओं का नामांकन हो सकेगा। इसकी तैयारी के लिए शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने विभागीय सचिव उमाशंकर सिंह को प्रस्ताव तैयार कराने का निर्देश दिया है। गुरुवार शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन, उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार और शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह के बीच बैठक हुई। स्कूलों से आधारभूर संरचनाओं पर रिपोर्ट मांगी गई है।