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हनुमानगढ़ के महेश कुमार ने NEET में मारी बाजी, पूरे देश में हासिल की 1st रैंक

देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET (UG)-2025 का परिणाम घोषित हो गया है, और राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के रहने वाले महेश कुमार ने इस परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल कर राज्य और पूरे देश का नाम रोशन कर दिया है।

Sachin Sharma लाइव हिन्दुस्तानSat, 14 June 2025 03:34 PM
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हनुमानगढ़ के महेश कुमार ने NEET में मारी बाजी, पूरे देश में हासिल की 1st रैंक

देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET (UG)-2025 का परिणाम घोषित हो गया है, और राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के रहने वाले महेश कुमार ने इस परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल कर राज्य और पूरे देश का नाम रोशन कर दिया है।

महेश ने अपनी तैयारी सीकर की गुरुकृपा कोचिंग संस्थान से की थी। उन्होंने बताया कि वह शुरू में आर्ट्स विषय लेकर UPSC की तैयारी करना चाहते थे, लेकिन उनकी बड़ी बहन हिमांशी के सुझाव पर उन्होंने बायोलॉजी विषय चुना और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

बहन की सलाह बनी टर्निंग पॉइंट

महेश ने 2022 में NEET की तैयारी शुरू की थी, लेकिन उम्र कम होने की वजह से वह परीक्षा में नहीं बैठ पाए। 4 मई 2025 को उन्होंने पहली बार NEET का एग्जाम दिया और पहली ही बार में देशभर में टॉप कर दिखाया कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो तो कोई भी मंजिल नामुमकिन नहीं।

महेश ने बताया कि वे हर दिन 6 से 7 घंटे की पढ़ाई करते थे। परीक्षा से एक महीने पहले उन्होंने अपना रूटीन बदला और स्मार्ट रिवीजन करते हुए 4 से 5 घंटे पढ़ाई करने लगे। महेश का मानना है कि “कठिन मेहनत के साथ सही दिशा हो तो कोई भी सपना हकीकत बन सकता है।”

राजस्थान बना टैलेंट की धरती, टॉप-15 में 7 स्टूडेंट्स

NEET-2025 की टॉप-15 सूची में राजस्थान से 7 स्टूडेंट्स शामिल हैं, जो राज्य के शैक्षिक माहौल को दर्शाता है:

महेश कुमार (हनुमानगढ़) – AIR-1

तनय – AIR-13

सौम्य शर्मा – AIR-14

मानवेंद्र सिंह राजपुरोहित (जोधपुर) – AIR-15

➡ मानवेंद्र को 720 में से 670 अंक मिले। वे दो साल से जोधपुर में रहकर पढ़ाई कर रहे थे।

कोटा की ताकत: तीन स्टूडेंट्स टॉप-10 में

राजस्थान के कोटा में पढ़ाई करने वाले तीन स्टूडेंट्स ने भी टॉप-10 में जगह बनाई:

मृणाल किशोर झा (दिल्ली) – AIR-4

केशव मित्तल (चंडीगढ़) – AIR-7

भव्य झा (अहमदाबाद) – AIR-8

भव्य झा IT सेक्टर में कार्यरत माता-पिता के बेटे हैं। वे अब AIIMS दिल्ली से MBBS करना चाहते हैं। उनके बड़े भाई भी डॉक्टर हैं।

संघर्ष की मिसाल: कुछ और प्रेरक कहानियां

पाली का बेटा मुकेश,मां ने खेतों में पसीना बहाकर बनाया डॉक्टर

पाली जिले के रोहट के गांव सोनाई लाखा के मुकेश पटेल ने OBC कैटेगरी में 9546वीं रैंक (ओवरऑल 21148) पाई है। 20 साल पहले उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। मां हसबूदेवी ने खेती कर पांच बेटियों और एक बेटे को पढ़ाया। मुकेश ने NEET की तैयारी जोधपुर में रहकर की।

चूरू के अभिजीत कुल्हारी,पिता सेना से रिटायर्ड, बेटा NEET में टॉपर

चूरू जिले के सादुलपुर के अभिजीत कुल्हारी ने AIR-25 हासिल की है और OBC कैटेगरी में चौथा स्थान पाया है। उनके पिता जनवरी 2025 में भारतीय सेना से रिटायर्ड हुए हैं। अभिजीत जून 2022 से कोटा में रहकर तैयारी कर रहे थे। वे बचपन से ही मेरिट लाने का सपना देखते थे।

बीकानेर के रोबिन मंडा: जनरल में 27वीं, ऑल इंडिया में 32वीं रैंक

गांव जांगलू के रोबिन मंडा ने बड़ी सफलता हासिल की है। उनके पिता मुनीराम मुंडा किसान हैं और रोबिन की मेहनत ने परिवार को गौरवान्वित किया है।

झुंझुनूं की तनिष्का: मां ने छोड़ी सरकारी नौकरी, बेटी ने रचा इतिहास

झुंझुनूं की तनिष्का तेतरवाल ने जनरल कैटेगरी में 438वीं और ऑल इंडिया में 688वीं रैंक हासिल की है। उनकी मां ने बेटी की पढ़ाई के लिए पांच साल पहले अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी। तनिष्का ने कोटा में रहकर NEET की तैयारी की और हर दिन 7-8 घंटे पढ़ाई की।

राजस्थान में टैलेंट की बौछार, महेश की कहानी बन गई प्रेरणा

महेश कुमार की सफलता सिर्फ एक रैंक नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है – उन लाखों स्टूडेंट्स के लिए जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। हनुमानगढ़ के इस बेटे ने यह साबित कर दिया कि अगर सही मार्गदर्शन, मेहनत और हिम्मत हो तो कोई भी बच्चा देशभर में टॉप कर सकता है।

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