बिहार : बिना एनओसी के 80 कॉलेजों ने फार्मेसी एफिलिएशन के लिए किया आवेदन
बिहार सरकार ने फार्मेसी कॉलेज खोलने के लिए फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से छूट की मांग की। पोर्टल खोलने के लिए आवेदन दिया। फार्मेसी काउंसिल ने छूट भी दे दी, लेकिन इसका फायदा निजी कॉलेजों ने उठाया। 80...

बिहार सरकार ने फार्मेसी कॉलेज खोलने के लिए फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से छूट की मांग की। पोर्टल खोलने के लिए आवेदन दिया। फार्मेसी काउंसिल ने छूट भी दे दी, लेकिन इसका फायदा निजी कॉलेजों ने उठाया। 80 निजी कॉलेजों ने बिना एनओसी लिए सीधे काउंसिल में आवेदन दे दिया। अब एकेयू का कहना है कि सत्र 2020-21 के लिए किसी को संबद्धता नहीं दी जाएगी।
दरअसल, बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को अगस्त 2019 में एक पत्र भेजा था। पत्र के माध्यम से केन्द्र सरकार से अनुरोध किया गया था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय के अंतर्गत इस साल बिहार सरकार पांच सरकारी बी फार्मा कॉलेज खोलना चाहती है। इसी का फायदा उठाते हुए 80 कॉलेजों ने विश्वविद्यालय और सरकार दोनों से एनओसी लिये बिना फॉर्मेसी काउंसिल में आवेदन दे दिया। आवेदन देने से पहले सरकार और विवि से एनओसी लेना अनिवार्य था। ऐसी परिस्थिति में फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने इन निजी महाविद्यालय से एक एफिडिफिट लेकर फार्मेसी कॉलेज खोलने का अनुमति दे दी। एफिडिफिट में निजी महाविद्यालयों द्वारा कहा गया कि सही समय पर यदि हम विश्वविद्यालय और सरकार से एनओसी प्राप्त नहीं कर सकेंगे तो हमारा संबंधन फार्मेसी काउंसिल द्वारा स्वत: समाप्त हो जाएगा। ज्ञात हुआ कि इन 80 महाविद्यालयों में से करीब 40 महाविद्यालयों ने आर्यभट्ट विवि से बिना अनापत्ति प्रमाण-पत्र लिये फार्मेसी काउंसिल से अनुमति प्राप्त कर ली है। सत्र 2020-21 में एक भी निजी महाविद्यालय को अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं दिया गया है। इसकी सूचना सभी निजी महाविद्यालयों, बिहार सरकार, फार्मेंसी काउंसिल ऑफ इंडिया, एआईसीटीई और विवि ने अपनी वेबसाइट पर सही समय पर जारी कर थी। इधर, विश्वविद्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, फॉर्मेसी काउंसिल ने सभी की मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
- एकेयू नहीं देगा किसी को संबद्धता, नए सत्र में होगा विचार
- बिहार में फार्मेंसी संस्थानों में नहीं होती मास्टर डिग्री की पढ़ाई
- 40 कॉलेजों ने फार्मेसी काउंसिल से अनुमति ली
किसी निजी संस्थान को एनओसी नहीं दिया
एकेयू के प्रभारी कुलपति प्रो. एसएम करीम ने बताया कि सत्र 2020-21 के किसी निजी संस्थान को अनापत्ति पत्र नहीं दिया गया है। सरकार की तरफ से प्रस्ताव आएगा तो उसपर विश्वविद्यालय त्वरित कार्रवाई करेगा और निजी महाविद्यालय सत्र 2021-22 के लिए प्रस्ताव देगा तो उसपर नियमानुसार विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 80 फार्मेसी कॉलेज के लिए कहां से शिक्षक आएंगे। बिहार में कोई ऐसा फार्मेसी का महाविद्यालय नहीं है जहां मास्टर डिग्री की पढ़ाई होती है। ऐसे में शिक्षक खोजना मुश्किल होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को पहले इस ओर ध्यान देना चाहिए।