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UP BEd Toppers : यूपी बीएड टॉपरों में किसी के पिता मजदूर, किसी ने सरकारी नौकरी ठुकरा की तैयारी

यूपी बीएड प्रवेश परीक्षा में मिर्जापुर के सूरज पटेल ने पहला स्थान हासिल किया है। सूरज ने कुल 400 अंकों में 362.662 अंक पाए हैं। सूरज पटेल के पिता फैक्ट्री में मजदूरी का काम करते हैं।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तानWed, 18 June 2025 08:34 AM
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UP BEd Toppers : यूपी बीएड टॉपरों में किसी के पिता मजदूर, किसी ने सरकारी नौकरी ठुकरा की तैयारी

यूपी बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा का परिणाम मंगलवार को घोषित कर दिया गया। मिर्जापुर के सूरज पटेल ने पहला स्थान हासिल किया है। सूरज ने कुल 400 अंकों में 362.662 अंक पाए हैं। सूरज पटेल के पिता फैक्ट्री में मजदूरी का काम करते हैं। भदोही की शीबा परवीन ने 333.99 अंक हासिल कर दूसरा, जौनपुर की शिवांगी यादव ने 331.992 अंक पाकर तीसरा, मऊ के प्रदुम्न सिंह यादव ने 330.658 अंक पाकर चौथा और अररिया बिहार के रोशन रंजन ने 327.656 अंक हासिल कर पांचवां स्थान प्राप्त किया है। प्रवेश परीक्षा में कुल 344546 अभ्यर्थी पंजीकृत थे और उसमें से 305439 यानी 89 प्रतिशत अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए। जिसमें 304980 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया है। इस बार कुल 88.52 प्रतिशत विद्यार्थी परीक्षा में सफल रहे। इसमें 88.54% छात्राएं और 88.49% छात्र हैं। परीक्षा बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने कराई है।

बीएड के टॉपर्स से बातचीत : कड़ी मेहनत व समय प्रबंधन ने दिलाई सफलता

मजदूर पिता के सपने करेंगे साकार

मेरे पिता बबलू पटेल आयरन फैक्ट्री में मजदूरी का काम करते हैं। मैं मीरजापुर के बनइमलिया गांव का रहने वाला हूं और बीएसी मैथ्स की पढ़ाई पूरी की है। मैं शिक्षक बनकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दूंगा। घर में दो छोटी बहने हैं वह भी मेधावी हैं। मैं ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई का खर्च निकालता हूं। कड़ी मेहनत व समय प्रबंधन से मुझे सफलता मिली है। - सूरज कुमार पटेल,पहली रैंक

क्लर्क की नौकरी छोड़ी, समय प्रबंधन से सफलता

मेरा केनरा बैंक में वर्ष 2016 में क्लर्क पद पर चयन हुआ था लेकिन यह हमारा लक्ष्य नहीं है। ऐसे में वर्ष 2021 में क्लर्क के पद से इस्तीफा दे दिया। मैं उन्नाव का रहने वाला हूं। मैं सिविल सर्विसेज में जाना चाहता हूं और उसी के अनुसार तैयारी करने में जुटा हुआ हूं। अगर वहां सेलेक्शन न हुआ तो शिक्षक जैसे सम्मानजनक पद पर नौकरी कर राष्ट्र सेवा करुंगा। समय प्रबंधन ने मुझे सफलता दिलाई - विवेक शुक्ला, आठवीं रैंक

लक्ष्य साधाकर की पढ़ाई, निरंत अभ्यास से कामयाबी

मैं आगे प्रशासनिक अधिकारी या फिर शिक्षक बनकर देश की सेवा करना चाहता हूं। मैंने लक्ष्य साधकर पढ़ाई की और निरंतर अभ्यास ने यह सफलता दिलाई। मेरा मानना है कि पढ़ाई में प्रयोग, रिसर्च व इनोवेशन को जगह मिलनी चाहिए। मेरे पिता रमेश कुमार की इलेक्ट्रानिक्स की दुकान है। बड़े भाई अमित शर्मा इंग्लैंड में इंजीनियर हैं। चार भाई बहनों में मैं सबसे छोटा हूं। - अजीत कुमार, छठी रैंक

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पढ़ाई के साथ करेंगे बच्चों की काउंसिलिंग

मैंने टाइम टेबल का हमेशा सख्ती से पालन किया। हर दिन निर्धारित पाठ पढ़ने के साथ ही रिविजन पर भी पूरा फोकस किया। मेरा मानना है कि स्कूलों में सिर्फ बच्चों को शिक्षा दी जा रही है और आगे भविष्य में उन्हें क्या बनना है इसके लिए कोई जानकारी नहीं दी जाती। ऐसे में मैं हर बच्चे की काउंसिलिंग जरूर करूंगा। ताकि वह अपने लक्ष्य को आसानी से पा सकें। - मनीष मिश्रा, नौवीं रैंक

सात घंटे की सेल्फ स्ट्डी से मिला लक्ष्य

मैं प्रतिदिन कम से कम सात घंटे सेल्फ स्ट्डी जरूर करते हैं। अभी बीएससी बॉयोलॉजी अंतिम वर्ष की परीक्षा दी है। लक्ष्य को हासिल करने के लिए समर्पण बहुत जरूरी है। मेरे पिता मोहम्मद कलीम अंसारी सरकारी प्राइमरी स्कूल में टीचर हैं। मैं अपने पिता से ही प्रेरित होकर आगे शिक्षक बनना चाहती हूं।

शीबा परवीन, दूसरी रैंक

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