Sachin Tendulkar Foundation to develop 50 playgrounds in Chhattisgarh Naxal-hit Dantewada नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में खेल प्रतिभाओं को लगेंगे पंख, 50 प्ले ग्राउंंड बनाएगा सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन, Chhattisgarh Hindi News - Hindustan
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नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में खेल प्रतिभाओं को लगेंगे पंख, 50 प्ले ग्राउंंड बनाएगा सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन

छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा अपने ऊपर लगे नक्सल प्रभावित जिले के टैग को हटाकर स्थानीय प्रशासन की अनोखी पहल से स्पोर्ट्स हब के रूप में अपनी नई पहचान बना रहा है। प्रशासन की इस पहल को महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की फाउंडेशन उनकी मदद कर रहा है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, दंतेवाड़ा। रितेश मिश्राMon, 16 June 2025 10:07 AM
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नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में खेल प्रतिभाओं को लगेंगे पंख, 50 प्ले ग्राउंंड बनाएगा सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में अब खेल प्रतिभाओं को नए पंख मिलेंगे। यह क्षेत्र अब अपने ऊपर लगे नक्सल प्रभावित जिले के टैग को हटाकर स्थानीय प्रशासन की अनोखी पहल से स्पोर्ट्स हब के रूप में अपनी नई पहचान बना रहा है। जिला प्रशासन ने सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन और मान देशी फाउंडेशन की मदद से ‘मैदान कप’ पहल के तहत 50 खेल के मैदान बनाने का फैसला किया है। अब तक, सक्रिय सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से 20 खेल के मैदान पूरे हो चुके हैं, और शेष 30 अक्टूबर तक तैयार होने की उम्मीद है।

दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों का प्रभाव अब धीरे-धीरे कम हो रहा है, इसलिए प्रशासन ने मान देशी फाउंडेशन और सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन के साथ मिलकर ‘मैदान कप’ की शुरुआत की है। इसके तहत दंतेवाड़ा में खेल संस्कृति और प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए 50 खेल के मैदान विकसित किए जाएंगे।

दंतेवाड़ा के जिला कलेक्टर कुणाल दुदावत ने कहा, "यह प्रोजेक्ट केवल खेल के बुनियादी ढांचे के बारे में नहीं है - यह जीवन के पुनर्निर्माण, युवाओं को सशक्त बनाने और दंतेवाड़ा को एक नया भविष्य देने के बारे में है।"

उन्होंने कहा कि बस्तर ओलंपिक 2024 से प्रेरित होकर दूरदराज के क्षेत्रों के बच्चों और युवाओं को खेल के माध्यम से मुख्यधारा के अवसरों से जोड़ने के लिए ‘मैदान कप’ की शुरुआत की गई है।

13 खेलों की सुविधाओं वाले मैदान विकसित किए गए

कलेक्टर ने बताया कि पहले चरण में 50 गांवों में खेल के मैदानों का निर्माण किया जाएगा, जिसे बाद के चरणों में पूरे जिले में इसका विस्तार किया जाएगा। स्थानीय सामग्रियों से सरकारी हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूल और पोर्टा-केबिन स्कूलों के परिसरों में खेल के मैदान बनाए जा रहे हैं। जिनमें से प्रत्येक की लागत 4 लाख रुपये से कम है। इनमें रनिंग ट्रैक, शॉटपुट, जेवलिन थ्रो, डिस्कस थ्रो, लॉन्ग जंप, वॉल क्लाइंबिंग आदि जैसी 13 खेल वस्तुओं की सुविधाएं शामिल हैं। स्थानीय बच्चों ने भी चारदीवारी को रंगकर इस जगह को और अधिक जीवंत और व्यक्तिगत बना दिया है।

कलेक्टर ने कहा कि इस पहल का मकसद नक्सल प्रभावित और संवेदनशील जिलों की खेल प्रतिभाओं को खेलों के माध्यम से दुनिया से जोड़ना है। इन सुविधाओं के साथ, हम चाहते हैं कि देश की अगली खेल हस्ती बस्तर क्षेत्र से आए।

सचित तेंदुलकर फाउंडेशन को क्यों चुना गया

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन स्वयं भी खेल के मैदानों का निर्माण कर सकता था, लेकिन युवाओं और बच्चों को आकर्षित करने के लिए समुदाय और सचिन तेंदुलकर जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों को इसमें जोड़ा गया। कलेक्टर ने कहा,‘‘लंबे समय में हम चाहते हैं कि अगला सचिन तेंदुलकर, नीरज चोपड़ा और पीटी उषा बस्तर से आएं।’’

अधिकारी ने कहा कि इस पहल के तहत अपने क्षेत्रों में खेल के बेहतरीन मैदान विकसित करने वाली पंचायतों को स्केटिंग पार्क से पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन एक रेजिडेंशियल स्पोर्ट्स सिटी भी बना रहा है, जहां क्षेत्र के पदक जीतने की क्षमता वाले शीर्ष खिलाड़ियों को स्पेशल ट्रेनिंग मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस स्पोर्ट्स सिटी में क्रिकेट, फुटबॉल और हॉकी के मैदान, स्विमिंग पूल और अन्य खेल सुविधाएं होंगी।

70 फीसदी स्कूलों में उचित खेल सुविधाओं का अभाव

मान देशी फाउंडेशन की ओर से इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व कर रहीं दिव्या सिन्हा ने कहा, कि भारत में पहली बार बच्चों के लिए खेल का मैदान बनाने के लिए सामुदायिक मुहिम चल रही है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि दंतेवाड़ा और बस्तर को वॉल क्लाइंबिंग और स्केटबोर्ड के लिए जाना जाए - संघर्ष के लिए नहीं। दिव्या ने कहा कि उन्होंने कहा कि करीब 70 फीसदी भारतीय स्कूलों में उचित खेल सुविधाओं का अभाव है, और 500 मिलियन से अधिक भारतीयों ने कभी कोई खेल नहीं खेला है।

इन गांवों में खेल के मैदान पहले ही पूरे हो चुके

अब तक छिंदनार, कासोली और हीतामेटा जैसे गांवों में खेल के मैदान बनकर तैयार हो चुके हैं, जिससे लगभग 10,000 बच्चों को सीधा लाभ मिल रहा है। फाउंडेशन के ट्रैवल कोच कार्यक्रम के तहत, दंतेवाड़ा में 100 से ज्यादा सरकारी स्कूल के खेल शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है - यह एक व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है जिसके तहत महाराष्ट्र में पहले ही 1,700 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

मान देशी फाउंडेशन के प्रभात सिन्हा ने कहा, ''दंतेवाड़ा में, हमने मान देशी फाउंडेशन के ट्रैवल कोच कार्यक्रम के तहत 100 सरकारी स्कूलों के खेल शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है। महाराष्ट्र में, हमने सरकारी स्कूलों के 1,700 खेल शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है।

मान देशी फाउंडेशन के प्रभात सिन्हा ने कहा कि देश में पहली बार मैदान कप पहल को शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा में इसकी सफलता के बाद ‘मैदान कप’ का आयोजन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के गृह जिले जशपुर और रायगढ़ जिलों में कराया जाएगा।

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