अमिताभ कांत ने 45 साल की सरकारी सेवा पर लगाया ब्रेक, अब क्या करेंगे नीति आयोग के पूर्व सीईओ
अमिताभ कांत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके इस बारे में जानकारी दी। इस पोस्ट में उन्होंने अपने शानदार कार्यकाल का जिक्र किया। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार भी जताया।

अमिताभ कांत ने जी20 शेरपा के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 45 वर्ष की अपनी सरकारी सेवा के दौरान कई कार्यभार संभाले। अमिताभ कांत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके इस बारे में जानकारी दी। इस पोस्ट में उन्होंने अपने शानदार कार्यकाल का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार भी जताया। केरल कैडर के 1980 बैच के सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी कांत को जुलाई 2022 में भारत का जी20 शेरपा नियुक्त किया गया था। भारत के जी20 की अध्यक्षता संभालने के कुछ महीने पहले उनकी नियुक्ति की गई थी।
मेरा नया सफर
पेशेवर मंच लिंक्डइन पर ‘मेरा नया सफर’ शीर्षक के साथ कांत ने लिखा कि 45 साल की समर्पित सरकारी सेवा के बाद, मैंने नए अवसरों को अपनाने तथा जीवन में आगे बढ़ने का फैसला किया है। मैं जी20 शेरपा के रूप में मेरा इस्तीफा स्वीकार करने और मुझे कई विकासात्मक पहलों को आगे बढ़ाने तथा भारत की वृद्धि, विकास एवं प्रगति में योगदान करने का अवसर देने के लिए भारत के प्रधानमंत्री का बहुत आभारी हूं। इसके अलावा अमिताभ कांत ने इस पोस्ट में अपने लंबे सरकारी सेवा के काम-काज और इस दौरान उल्लेखनीय कार्यों का जिक्र किया है।
बेहद उल्लेखनीय रहा कार्यकाल
-अमिताभ कांत ने औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग के सचिव के रूप में मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस जैसे अभियान चलाए।
-बतौर नीति आयोग सीईओ, अमिताभ कांत ने देश को नीति सुधारों की दिशा में गति दी।
-अमिताभ कांत ने अपनी यात्रा की शुरुआत का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि केरल में मशहूर पर्यटन अभियान को आगे बढ़ाया।
-साथ ही उन्होंने कोझिकोड (कालीकट) में मननचिरा मैदान के कायाकल्प, हवाईअड्डे के विस्तार, और मछुआरा समुदाय के साथ भी काम किया।
-इसके अलावा भारत की अध्यक्षता वाले जी20 शिखर सम्मेलन में भी अमिताभ कांत की अहम भूमिका रही। इस दौरान उन्होंने नीतिगत समन्वय समेत कई अहम चीजों में बड़ी भूमिका निभाई।
क्या होगी नई भूमिका
जी20 शेरपा के पद से रिटायर होने के बाद अमिताभ कांत अब स्टार्टअप्स, थिंक टैंक और नीति संस्थानों के साथ काम करेंगे। उन्होंने इस दौरान भारत की बदलाव की यात्रा में योगदान की इच्छा जताई है। इस दौरान वह भारतीय स्टार्टअप और नीति निर्माण जगत के लिए नई संभावनाएं ला सकते हैं।