सोनम-राजा केस के बीच एक और मर्डर मिस्ट्री, छह महीने बाद मिला कंकाल; कौन है विलेन
एक तरफ देश में राजा रघुवंशी के मर्डर केस की चर्चा है, जहां उसकी पत्नी सोनम ने ही उसे मौत के घाट उतार दिया। वहीं, एक मर्डर मिस्ट्री कर्नाटक से सामने आई है। यहां पर कौन है विलेन…

एक तरफ देश में राजा रघुवंशी के मर्डर केस की चर्चा है, जहां उसकी पत्नी सोनम ने ही उसे मौत के घाट उतार दिया। वहीं, एक मर्डर मिस्ट्री कर्नाटक से सामने आई है। यहां पर पुलिस को छह महीने की तलाश के बाद एक कंकाल मिला है। आरोप है छह साल के रिश्ते बाद लड़की अपने प्रेमी पर शादी के लिए दबाव बना रही थी। इसके बाद उसने लड़की को मारकर दफना दिया। इस मामले में लड़की छह महीने गायब थी। लड़की के घरवालों की शिकायत के बाद पुलिस ने तलाश शुरू किया तब जाकर इस मर्डर मिस्ट्री का खुलासा हुआ।
प्रेम संबंध का मामला
जानकारी के मुताबिक कर्नाटक के गडग जिले की 26 साल की अंगाडी छह महीने पहले गायब हो गई थी। इससे पहले अंगाडी का 28 साल के सतीश के साथ प्रेम संबंध था। सतीश वहीं के नारायणपुर गांव का रहने वाला है और पेट्रोल पंप पर काम करता है। दोनों के बीच यह संबंध छह साल से था। जब परिवार के लोगों को उनके रिश्तों की भनक लगी तो उन्होंने अंगाडी को एक रिश्तेदार के यहां भेज दिया। 16 दिसंबर 2024 को उसने अपने रिश्तेदार का घर छोड़ दिया। इसके बाद वह कहां गायब हो गई, किसी को कुछ भी पता नहीं चल पाया। 12 जनवरी 2025 को लड़की के परिजनों ने बेटागेरी पुलिस थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
बहस के बाद हत्या
इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और मामले का खुलासा किया। इसमें सामने आया कि जिस रात लड़की गायब हुई, सतीश उसे गांव के ही पास एक फॉर्महाउस पर लेकर गया था। पुलिस के मुताबिक वहां लड़की ने सतीश पर शादी के लिए दबाव डाला। इसके बाद दोनों के बीच काफी बहस हुई। इसी दौरान गुस्से में आकर सतीश ने लड़की का गला दबा दिया और नहर के पास दफना दिया। हत्या करने के बाद भी सतीश बिल्कुल सामान्य ढंग से रह रहा था, ताकि किसी को अंदेशा न हो। वह पेट्रोल स्टेशन पर अपनी नौकरी करने जाता था। अंगाडी को लेकर उसने लोगों को कहानी सुनाई कि उसे कस्बे के बाहर छोड़ दिया था। उसने दावा किया वह दोनों की आखिरी मुलाकात थी।
यकीन था लाश नहीं मिलेगी
हालांकि तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर वह पुलिस के शिकंजे में आ गया। गाडगे के पुलिस अधीक्षक बीएस नामगौड़ा के मुताबिक अंगाडी के फोन की लोकेशन सतीश के बयान से मिल नहीं रही थी। जब तमाम सबूतों की रोशनी में सतीश से कड़ाई से पूछताछ हुई तो उसने सच कबूल कर लिया। इसके बाद वह पुलिस को उस जगह पर लेकर गया जहां उसने अंगाडी को दफनाया था। वहां पर खुदाई के बाद पुलिस ने कंकाल बरामद किया। अब पुलिस फोरेंसिक जांच करा रही ताकि इस बात की पुष्टि हो सके कि यह कंकाल अंगाडी का ही है। पुलिस ने बताया कि सतीश को यकीन था कि अंगाडी की लाश कभी नहीं मिलेगी। शुरू में हमें लगा कि वह किसी के साथ भाग गई। लेकिन न तो उसे ढूंढा जा और कोई डिजिटल एक्टिविटी सामने आ रही थी। इसके बाद हमारा शक गहराया और आखिर हम केस सॉल्व करने में कामयाब रहे।