राज्यपाल आवास पर RSS नेताओं की तस्वीरें लगाने पर हंगामा, SFI का केरल राजभवन के सामने प्रदर्शन
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के खिलाफ नारे लगाते हुए एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने अपने हाथों में महात्मा गांधी और बीआर आंबेडकर की तस्वीरें ले रखी थीं। वे उन्हें राजभवन परिसर की दीवारों पर चिपकाने के लिए कह रहे थे।

केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की छात्र शाखा स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को राजभवन के सामने प्रदर्शन किया। ये लोग राज्यपाल के आधिकारिक आवास पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेताओं की तस्वीरें लगाए जाने का विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग ने राज्यपाल के सरकारी आवास के परिसर में घुसने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें तुरंत रोक दिया। हाल में राजभवन में भारत माता के साथ आरएसएस के संस्थापक केबी हेडगेवार और विचारक गोलवलकर की तस्वीरें लगाए जाने के बारे में खबरें आई थीं।
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के खिलाफ नारे लगाते हुए एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने अपने हाथों में महात्मा गांधी और बीआर आंबेडकर की तस्वीरें ले रखी थीं और उन्हें राजभवन परिसर की दीवारों पर चिपकाने पर जोर दिया। पुलिस वाहन में जबरन ले जाए जाने के दौरान कई प्रदर्शनकारियों को यह कहते हुए सुना गया कि राजभवन राज्यपाल की निजी संपत्ति नहीं है। इससे पहले एसएफआई के प्रदेश सचिव संजीव पीएस ने फेसबुक पर पोस्ट में आर्लेकर को आरएसएस नेता बताया। उन्होंने कहा कि राजभवन उनकी पैतृक संपत्ति नहीं है। हालांकि, उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कोई अन्य विवरण नहीं दिया।
भारत माता की तस्वीर पर भी बवाल
यह विवाद ऐसे समय में शुरू हुआ है जब कुछ दिनों पहले राजभवन में पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में भारत माता के चित्र का इस्तेमाल किया गया था। सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा में दूसरी सबसे बड़ी गठबंधन सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेतृत्व ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी। इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले भाकपा नेता और कृषि मंत्री पी प्रसाद ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग आधिकारिक कार्यक्रमों को राजनीतिक कार्यक्रमों में नहीं बदल सकते। माकपा नेता और राज्य के सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने भी इसी तरह का विचार व्यक्त किया। हालांकि, राज्यपाल ने इस कदम को उचित ठहराया। उन्होंने कहा, ‘चाहे किसी भी तरफ से दबाव क्यों न हो, भारत माता पर किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।’