Opinion Modi government Waqf bill will provide economic strength to Muslim community OPINION: मुस्लिम समाज को आर्थिक ताकत भी देगा मोदी सरकार का वक्फ बिल, India News in Hindi - Hindustan
Hindi NewsIndia NewsOpinion Modi government Waqf bill will provide economic strength to Muslim community

OPINION: मुस्लिम समाज को आर्थिक ताकत भी देगा मोदी सरकार का वक्फ बिल

संयुक्त संसदीय समिति में महीनों के विमर्श और लोकसभा व राज्यसभा में लंबी बहस के बाद मोदी सरकार द्वारा लाया गया वक्फ (संशोधन) 2025 कानून अब लागू हो गया है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कई प्रकार की गलत और भ्रामक बातें कही गईं।

Deepak लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 16 June 2025 11:21 AM
share Share
Follow Us on
OPINION: मुस्लिम समाज को आर्थिक ताकत भी देगा मोदी सरकार का वक्फ बिल

संयुक्त संसदीय समिति में महीनों के विमर्श और लोकसभा व राज्यसभा में लंबी बहस के बाद मोदी सरकार द्वारा लाया गया वक्फ (संशोधन) 2025 कानून अब लागू हो गया है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कई प्रकार की गलत और भ्रामक बातें कही गईं, जिससे मुस्लिम समुदाय के बीच अनेक भ्रांतियां उत्पन्न हुईं। यह वक्फ बिल कई मायनों में महत्त्वपूर्ण है। इस कानून से गैर-मुस्लिम व्यक्तियों की जमीन अथवा अन्य कानूनी मसलों के निराकरण में स्पष्टता आएगी, लेकिन इसके सबसे बड़े लाभार्थी मुस्लिम समुदाय के गरीब और वंचित वर्ग होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने अनेक बार मुस्लिम समुदाय के गरीब, पिछड़े लोगों- जिन्हें पसमांदा मुस्लिम कहा जाता है और जिनमें अधिकांश देशज मुस्लिम हैं- के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है। पिछले कई वर्षों से यह महसूस किया जा रहा था कि कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दलों की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति, वोट बैंक की राजनीति और अशराफ वर्ग से सीधे सौदेबाजी के चलते गरीब मुसलमानों को वह लाभ नहीं मिल पाया, जो मिलना चाहिए था। 2006 में आई सच्चर कमेटी की रिपोर्ट स्पष्ट रूप से इस बात को रेखांकित करती है कि मुस्लिम समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब है।

इस रिपोर्ट के अनुसार मुस्लिम समुदाय में साक्षरता और स्नातक होने की दर राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है। नौकरियों में भी प्रतिनिधित्व बहुत कम है। इस स्थिति के कारणों पर लंबी बहस हो सकती है, परंतु यह गौरतलब है कि यह दुर्दशा कांग्रेस की 60 वर्षों तक चली सरकार के बाद भी बनी रही, जो स्वयं को मुस्लिम हितैषी बताती रही। मेरा मानना है कि इस स्थिति का मुख्य कारण केवल वोट बैंक प्रबंधन रहा है, जिसमें लगातार मुस्लिम समुदाय की वास्तविक आवश्यकताओं, विशेषकर पसमांदा वर्ग की उपेक्षा हुई और लाभ कुछ गिने-चुने लोगों तक सीमित रहा, जो चुनावी राजनीति में लाभ दिलाने के लिए समुदाय को भड़काने में माहिर थे।

इसी प्रकार, पुराने वक्फ कानून का दुरुपयोग पिछली सरकारों में व्यापक रूप से हुआ, जहाँ बड़ी-बड़ी वक्फ संपत्तियों का उपयोग समाज के कल्याण के लिए न होकर एक छोटे समूह के स्वार्थ के लिए किया जाने लगा। यह दुरुपयोग उन्हीं लोगों द्वारा किया गया जो समाज के वोटों की ‘ठेकेदारी’ करते रहे। जबकि मूलतः वक़्फ़, मुस्लिम समुदाय के किसी व्यक्ति द्वारा दिया गया वह दान है जिसे समाज के समग्र कल्याण के लिए प्रयोग में लाया जाना चाहिए।

आज यह सर्वविदित है कि इन संपत्तियों पर अवैध कब्ज़े, इनके प्रबंधन में गड़बड़ियाँ और भ्रष्टाचार आम हैं। इनके विरोध में समय-समय पर आवाज़ें उठाई गईं, लेकिन उन्हें दबा दिया गया।

गौरतलब है कि भारत में वक़्फ़ बोर्ड, रेलवे और सेना के बाद तीसरा सबसे बड़ा ज़मीन का मालिक है। यदि इसका सही ढंग से उपयोग हो, तो यह मुस्लिम समुदाय के लिए बड़े पैमाने पर आय का स्रोत बन सकता है, जिससे समाज के गरीब और वंचित वर्ग के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सुविधाओं का प्रबंध किया जा सकता है।

वर्तमान में देश भर में लगभग 3 लाख 56 हजार वक्फ एस्टेट्स, 8 लाख 72 हज़ार अचल संपत्तियाँ और 16 हजार के करीब चल संपत्तियां हैं। इनमें से मात्र 3% ही डिजिटल रूप से चिह्नित हैं। इतनी संपत्तियां होने के बावजूद मौजूदा आय केवल 3,200 करोड़ रुपये है, जो वक्फ संपत्तियों के कुप्रबंधन को दर्शाता है। यह बात सही है कि अनेक संपत्तियाँ मस्जिद, मदरसे और कब्रिस्तान के रूप में प्रयुक्त होती हैं, फिर भी इनमें करीब 92 हजार घर, 62 हजार खाली जमीनें, 1 लाख 10 हजार से अधिक दुकानें, 1 लाख 40 हजार खेती की जमीनें, 92 हज़ार प्लॉट्स, 10 हजार बिल्डिंग्स सहित अनेक अन्य संपत्तियाँ भी हैं।

इनका पारदर्शी ढंग से उचित प्रबंधन, मुस्लिम समाज की आय सुनिश्चित कर सकता है, जिसका उपयोग मदरसों के आधुनिकीकरण, आधुनिक शिक्षा व्यवस्था और अन्य कल्याणकारी कार्यों में किया जा सकता है। यहाँ यह बताना आवश्यक है कि वक्फ के कुप्रबंधन के कारण ही 59 हजार के करीब अचल संपत्तियाँ अवैध कब्जें में हैं, 13 हजार के करीब संपत्तियाँ कानूनी लड़ाई में उलझी हुई हैं, और 4 लाख से अधिक संपत्तियाँ बिना किसी प्रबंधन के चल रही हैं।

यह नया कानून जहाँ एक ओर पारदर्शिता और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देगा, वहीं वक़्फ़ संपत्तियों के वाणिज्यीकरण को भी सुनिश्चित करेगा, जिससे मुस्लिम समाज के ही गरीबों को अनेक लाभ मिलेंगे। यह कानून मुस्लिम समुदाय की वंचित जातियों और महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित करता है। इन्हीं उद्देश्यों के साथ लाया गया नया वक्फ कानून मोदी सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के आदर्श को रेखांकित करता है, जो चुनावी राजनीति से हटकर अल्पसंख्यक समाज के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

(लेखक- शौर्य डोभाल, उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य हैं)

इंडिया न्यूज़ , विधानसभा चुनाव और आज का मौसम से जुड़ी ताजा खबरें हिंदी में | लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज , बिजनेस न्यूज , क्रिकेट न्यूज पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।