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अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बाद देवदूत बनकर आए SDRF योद्धा, कैसे बचाई घायलों की जान?

SDRF के ASP और राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के नोडल अधिकारी शीतल गुर्जर ने बताया कि कैसे बचाव दल के जवानों ने असाधारण साहस दिखाते हुए जलने से घायल हुए लोगों को बचाने के लिए हॉस्टल की इमारत में ऑक्सीजन मास्क पहनकर और हाथों पर गीले कपड़े लपेटकर प्रवेश किया था।

Utkarsh Gaharwar लाइव हिन्दुस्तान, अहमदाबादMon, 16 June 2025 12:05 PM
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अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बाद देवदूत बनकर आए SDRF योद्धा, कैसे बचाई घायलों की जान?

अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश के बाद से देश गमजदा है। परिजनों की आंखें अहमदाबाद के अस्पतालों में अपनों को खोज रही हैं। हादसे की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाइए कि लाशों की पहचान के लिए डीएनए का सहारा लिया जा रहा है। 12 जून का वो दिन पूरा भारत शायद ही भूल पाएगा। इस बीच कुछ ऐसी कहानियां भी सामने आई हैं,जिसे पढ़कर आप भी गर्व करेंगे। बहादुरी के ये किस्से एयर इंडिया प्लेन हादसे के बाद राहत एवं बचाव कार्य में जुटे SDRF योद्धाओं के हैं।

SDRF के ASP और राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के नोडल अधिकारी शीतल गुर्जर ने बताया कि कैसे बचाव दल के जवानों ने असाधारण साहस दिखाते हुए जलने से घायल हुए लोगों को बचाने के लिए हॉस्टल की इमारत में ऑक्सीजन मास्क पहनकर और हाथों पर गीले कपड़े लपेटकर प्रवेश किया था। SDRF-ASP ने यह भी बताया कि हमने बचाव अभियान के लिए आवश्यक सभी उपकरणों को साथ लेकर घुसे थे। उन्होंने कहा,"SDRF ने इमारत के अंदर फंसे लोगों को निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हम ऑक्सीजन मास्क पहनकर अंदर गए। कई लोगों के हाथ-पैर जल गए थे,लेकिन उन्हें बचाने के लिए हमने उनके शरीर को उठाने के लिए अपने हाथों पर गीले कपड़े बांधे। हमें सिर्फ आधे घंटे के भीतर 20-30 अतिरिक्त एम्बुलेंस मिल गईं।"

12 जून को सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के बाद लंदन जा रहा बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर एक छात्रावास से टकरा गया था,जिससे गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई। SDRF के अधिकारी शीतल गुर्जर ने बताया कि दुर्घटनास्थल पर भीषण गर्मी के कारण तुरंत बचाव अभियान चलाना बेहद खतरनाक था। गुर्जर ने बताया कि उस समय अंदर जाकर बचाव अभियान चलाना बहुत जोखिम भरा था क्योंकि तापमान बहुत ज्यादा था। फायर ब्रिगेड ने हमारी टीम के इमारत के अंदर जाने की व्यवस्था की। हमने हॉस्टल के अंदर से नागरिकों और छात्रों को बाहर निकाला। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया।

SDRF के ASP शीतल गुर्जर ने बताया,"सभी वरिष्ठ अधिकारी हमारे संपर्क में थे। हमने सभी पीड़ितों के शव बरामद कर लिए।" उन्होंने आगे कहा कि SDRF की सबसे पहली प्राथमिकता नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और आगे होने वाले नुकसान को रोकना है। शीतल गुर्जर ने बताया,"70-80 प्रतिशत अभियान SDRF द्वारा चलाए जाते हैं। हमारा लक्ष्य यह भी है कि क्षेत्र को सुरक्षित किया जाए ताकि आगे कोई नुकसान न हो।"

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