बिहार चुनाव के लिए भाजपा का वॉर रूम तैयार, किस शख्स को सौंपी कमान? इस रणनीति पर है ध्यान
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा अभी से सक्रिय हो चुकी है। प्रदेश में पार्टी का वॉर रूम तैयार हो चुका है। आइए जानते हैं क्या है भाजपा की रणनीति…
बिहार में विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने का वक्त बाकी है। भारतीय जनता पार्टी ने इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके तहत भाजपा ने बिहार में इलेक्शन वॉर रूम बना दिया है। यहीं से पार्टी की चुनावी गतिविधियां चलाई जाएंगी। भाजपा नेता रोहन गुप्ता को बिहार में भाजपा के इलेक्शन वॉर रूम का प्रभारी बनाया गया है। इससे पहले गुप्ता हरियाणा, झारखंड और दिल्ली विधानसभा चुनाव में यह जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। इस वॉर रूम के जरिए आने वाले चुनाव के उम्मीदवारों के संबंध में भी जानकारी जुटाई जा रही है। गौरतलब है कि नीतीश सरकार का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को पूरा हो रहा है। ऐसे में इस बात की पूरी उम्मीद है कि चुनाव की घोषणा से इससे पहले ही हो जाएगी।
हायर किए गए वॉलंटियर्स
जानकारी के मुताबिक इसके लिए पार्टी ने 135 से 150 वॉलंटियर्स को हायर किया है। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक इन सभी ने वॉर रूम में बनाए गए कॉल सेंटर में काम करना शुरू कर दिया है। यह वॉलंटियर्स बूथ और मंडल स्तरीय कार्यकर्ताओं को फोन कर रहे हैं। फोन पर महत्वपूर्ण जानकारियां और वोटर प्रोफाइल के बारे में जानकारी मांगी जा रही हैं। बताया जाता है कि पहले फेज में कार्यकर्ताओं से कहा जा रहा है कि वह नए वोटर्स से मिलें और उन्हें प्रदेश की वोटर लिस्ट में रजिस्टर कराने में मदद करें। इसके अलावा जिन इलाकों में कोई बड़ी रैली या आम-सभा होने वाली है, वहां के कार्यकर्ताओं को भी फोन किया जा रहा है।
ऐसी है तैयारी
इसके अलावा बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के संभावित उम्मीदवारों का फीडबैक भी लिया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जमीनी हालात का भी जायजा लिया जा रहा है। इसके लिए बूथ स्तर के साथ-साथ जिला स्तर के कार्यकर्ताओं से भी बात की जा रही है। एक महीने के बाद इस कॉल सेंटर से सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को फोन किया जाएगा। इसके अलावा महिला वोटरों तक पहुंचने की भी तैयारी की जा रही है। इन सबके अलावा प्रदेश भाजपा नेता भी जमीनी फीडबैक लेने में जुटे हुए हैं।
सीट बंटवारे पर भी चर्चा
भाजपा के प्रदेश सचिव (संगठन) भीखूभाई दलसानिया निजी तौर पर विधानसभा क्षेत्रों में जा रहे हें। इस दौरान वह स्थिति का आंकलन कर रहे हैं। हालांकि अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के बाद उनका कार्यक्रम बंद कर दिया गया था। लेकिन बहुत जल्द ही यह फिर से शुरू होने वाला है। एनडीए के सहयोगियों में सीट बंटवारे की भी चर्चा है। भाजपा अपने सहयोगी दलों से वह सीटें मांग सकती है, जिन्हें वह पिछले तीन चुनाव से जीतने में सफल नहीं रही है। इसके बदले में सहयोगियों को वह सीटें दी जाएंगी, जहां उनके लिए जीतना ज्यादा आसान होगा।