छत्तीसगढ़ में सुकमा जिले का बड़ेसट्टी गांव पहला नक्सल मुक्त ग्राम घोषित, कितना मिलेगा इनाम
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की बड़ेसट्टी ग्राम पंचायत को जिले का पहला नक्सल मुक्त ग्राम घोषित किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन की नीति के अनुसार, नक्सल मुक्त घोषित ग्राम पंचायत को एक करोड़ रुपये का विशेष प्रोत्साहन राशि विकास कार्यों के लिए प्रदान की जाएगी।

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की बड़ेसट्टी ग्राम पंचायत को जिले का पहला नक्सल मुक्त ग्राम घोषित किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन की नीति के अनुसार, नक्सल मुक्त घोषित ग्राम पंचायत को एक करोड़ रुपये का विशेष प्रोत्साहन राशि विकास कार्यों के लिए प्रदान की जाएगी।
‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025’ के अंतर्गत ‘नक्सली इलवद पंचायत योजना’ के तहत ग्राम पंचायत बड़ेसट्टी के कुल 11 सक्रिय माओवादियों ने शुक्रवार को सामूहिक सरेंडर किया, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। सरेंडर करने वालों में तीन पुरुष और एक महिला नक्सली पर दो-दो लाख रुपये तथा एक पुरुष नक्सली पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। इस तरह इस गांव से कुल 8 लाख 50 हजार रुपये का इनामी नक्सली सरेंडर कर चुके हैं।
अमित शाह ने सभी छिपे हुए नक्सलियों से की सरेंडर की अपील
भाषा के मुताबिक, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सभी अंडरग्राउंड नक्सलियों से जल्द सरेंडर करने और मुख्यधारा में शामिल होने का आह्वान करते हुए कहा कि सरकार 31 मार्च 2026 से पहले देश को नक्सलवाद के अभिशाप से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अमित शाह ने कहा कि कोबरा कमांडो और छत्तीसगढ़ पुलिस ने राज्य के बीजापुर जिले में संचालित विभिन्न अभियानों में आधुनिक हथियारों और विस्फोटक सामग्री के साथ 22 कुख्यात नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि सुकमा के बड़ेसट्टी पंचायत में 11 नक्सलियों ने सरेंडर किया है, जिससे यह पंचायत पूरी तरह नक्सल-मुक्त हो गई है।
शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘‘छिपे हुए नक्सलियों से मेरी अपील है कि मोदी सरकार की सरेंडर नीति को अपनाकर यथाशीघ्र हथियार डालें और मुख्यधारा में शामिल हों। 31 मार्च 2026 से पहले हम देश को नक्सलवाद के दंश से मुक्त करने के लिए संकल्पित हैं।’’
गृहमंत्री ने मध्य प्रदेश के नीमच में बृहस्पतिवार को सीआरपीएफ के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि नक्सलवाद अब भारत के सिर्फ चार जिलों तक सीमित रह गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 31 मार्च 2026 तक देश से यह समस्या समाप्त हो जाएगी। सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) और सीआरपीएफ, विशेषकर इसकी कोबरा बटालियन देश से नक्सलवाद को खत्म करने में प्रमुख भूमिका निभा रही है।
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