WTC में बदलेगा ये सिस्टम? ‘बिग थ्री’ के नुकसान की होगी भरपाई; टू-टियर का लोड लेने के मूड में नहीं ICC
- वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के पॉइंटस सिस्टम में बदलाव होने की संभावना है, जिससे ‘ब्रिग थ्री’ के नुकसान की भरपाई होगी। वहीं, आईसीसी फिलहाल टू-टियर सिस्टम का लोड लेने के मूड में नहीं है।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) अगले चक्र से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) की अंक प्रणाली में बड़े बदलावों पर सहमत हो सकता है जबकि सप्ताहांत में जिम्बाब्वे में बैठकों के दौरान टेस्ट क्रिकेट को दो स्तर में विभाजित करने के विवादास्पद प्रस्ताव को स्थगित करने की संभावना है।
शनिवार को ‘गार्जियन’ की एक रिपोर्ट में यह कहा गया। खेल की वैश्विक संचालन संस्था लंबे समय से जीत के अंतर के आधार पर बोनस अंकों की एक नई प्रणाली पर विचार कर रही है जैसी रग्बी यूनियन में उपयोग की जाती है। इसमें विरोधी टीम की ताकत के आधार पर जीत के लिए अंक दिए जाते हैं और विरोधी के मैदान पर जीत के लिए अतिरिक्त अंक मिलते हैं। यह बैठकों की सीरीज के दौरान चर्चा का एक बड़ा मुद्दा हो सकता है।
अगला डब्ल्यूटीसी चक्र इस साल जून में भारत के इंग्लैंड दौरे के साथ शुरू होगा जो लॉर्ड्स में दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2023-2025 चक्र के फाइनल के समापन के पांच दिन बाद होगा। मौजूदा डब्ल्यूटीसी प्रणाली समान संख्या में अंक प्रदान करती है जिसमें जीत के लिए 12, टाई के लिए छह और ड्रॉ के लिए चार अंक दिए जाते हैं जिससे असंतोष पैदा हुआ है कि क्रिकेट के ‘बिग थ्री’ भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को ‘एक दूसरे के खिलाफ अधिक मैच खेलने के कारण नुकसान होता है।’
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘इस साल के फाइनल में पहुंचने में दक्षिण अफ्रीका की उपलब्धि ने कुछ नाराजगी पैदा की क्योंकि उन्होंने इंग्लैंड या ऑस्ट्रेलिया के साथ खेले बिना ऐसा किया। वेस्टइंडीज, बांग्लादेश और श्रीलंका के खिलाफ सीरीज जीतने, भारत के खिलाफ ड्रॉ और भारत में हार के बावजूद दक्षिण अफ्रीका ने पहली बार फाइनल में पहुंचने के लिए पर्याप्त अंक हासिल किए।’’
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ओवर गति जुर्माने के मुद्दे पर भी चर्चा होगी। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘मौजूदा सत्र में नौ में से छह टीम को धीमे खेल के लिए जुर्माने का सामना करना पड़ा है जिसमें इंग्लैंड को सबसे अधिक नुकसान हुआ। उन्होंने अपने अभियान में 22 अंक गंवाए और 41.5 के अंक प्रतिशत के साथ छठे स्थान पर रहे। हालांकि, इस अवधि के दौरान उनका जीत प्रतिशत 51.5 रहा जो फाइनल में पहुंचे दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बाद तीसरा सर्वश्रेष्ठ है।’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि आईसीसी फिलहाल टेस्ट क्रिकेट को दो स्तर में विभाजित करने की योजना को रोक सकता है और एकल लीग डब्ल्यूटीसी प्रारूप को जारी रख सकता है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के दो स्तर के प्रस्ताव पर मतदान नहीं होगा।’’ इसमें कहा गया है कि आईसीसी को दो स्तरीय प्रणाली के खेल और वित्तीय प्रभावों को समझने के लिए और समय चाहिए और यह प्रस्ताव 2027-2029 डब्ल्यूटीसी चक्र से पहले एजेंडे में हो सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘अफगानिस्तान, आयरलैंड और जिम्बाब्वे को डब्ल्यूटीसी में जोड़कर छह टीम के दो डिविजन के विस्तार करने के बजाय 2027 तक चलने वाला अगला सत्र अपने मौजूदा नौ टीम के प्रारूप को बनाए रखेगा।’’ क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया दो स्तर बनाने के पक्ष में बताया जाता है जिसमें ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारत को हर तीन साल में दो बार एक-दूसरे के खिलाफ खेलना होगा। यह चार साल में दो सीरीज के मौजूदा मॉडल की जगह होगा और वित्तीय रूप से काफी फायदेमंद होगा। टेस्ट खेलने वाले अन्य देशों ने दो स्तरीय प्रणाली पर अपनी आपत्तियां व्यक्त की हैं। उनका तर्क है कि इससे वे तथाकथित बिग थ्री से और भी पीछे हो जाएंगे।