कभी 107 गेंद में 66 रन तो अब 53 गेंद में 93, कछुआ चाल का दाग पीछे छोड़ केएल राहुल यूं बने वाइट बॉल के चीता
केएल राहुल के करियर में कुछ मौके ऐसे भी आए जबी टी-20 और वनडे में उन्हें धीमे खेलने की वजह से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने आलोचकों को बल्ले से करारा जवाब दिया है। आरसीबी के खिलाफ दिल्ली कैपिटल्स की तरफ से 53 गेंद में 93 रन की उनकी नाबाद पारी ने आलोचकों के मुंह बंद कर दिए हैं।

एक समय टीम इंडिया के लिए अपनी उपयोगिता साबित करने के लिए जूझ रहे केएल राहुल ने चैम्पियंस ट्रॉफी से लेकर आईपीएल तक जिस तरह अपनी तकदीर का पासा पलटा है, वह उनके जैसा तकनीकी कौशल का धनी बल्लेबाज ही कर सकता है। पिछले सीजन में केएल राहुल जब लखनऊ के कप्तान थे तब उन्हें कई बार धीमी बल्लेबाजी के लिए आचोलनाओं का सामना करना पड़ा था। 2023 के वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में राहुल ने 107 गेंदों में 66 रन बनाए थे और उनका स्ट्राइक रेट 61.68 था। लेकिन अब वही राहुल वाइट बॉल क्रिकेट के बादशाह के तौर पर उभरे हैं।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ आईपीएल मैच में चिन्नास्वामी की पेचीदा पिच पर 175 की स्ट्राइक रेट से 53 गेंद में नाबाद 93 रन बनाकर उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स को 6 विकेट से जीत दिलाई। उनका अर्धशतक जोखिमरहित था। शुरुआत में उन्होंने संभलकर खेला और बाद में एकदम से टॉप गियर पकड़ लिया।
इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि राहुल ने 93 रन अपनी नाबाद पारी में एक समय 29 गेंद में 29 रन बनाए थे। बाद में 64 रन उन्होंने महज 24 गेंदों में बनाए।
यह कहना आसान है कि कर्नाटक का होने के कारण वह चिन्नास्वामी स्टेडियम से अच्छे से वाकिफ थे लिहाजा उन्हें तेजी से रन बनाने में मदद मिली। उन्होंने बाद में यह भी कहा ,‘यह मेरा घरेलू मैदान है और मैं दूसरों से बेहतर इसे जानता हूं।’ हो सकता है कि 'घरेलू मैदान' की वजह से उन्हें तेजी से रन बनाने में मदद मिली लेकिन सिर्फ यही कारण नहीं है।
वह दिल्ली टीम की बल्लेबाजी की धुरी बने हैं तो अपने तकनीकी कौशल के दम पर। उन्होंने बृहस्पतिवार को एक बार फिर साबित कर दिया कि टीम का उन पर भरोसा बेमानी नहीं है।
जोश हेजलवुड के 15वें ओवर में तीन चौकों और एक छक्के समेत 22 रन ठोककर उन्होंने मैच का पासा दिल्ली के पक्ष में पलट दिया।
आरसीबी के मेंटॉर दिनेश कार्तिक ने राहुल की पारी की तारीफ करते हुए कहा , ‘टी20 में अलग-अलग क्रम पर बल्लेबाजी करना आसान नहीं है लेकिन उसने पिछले कुछ समय में ऐसा बखूबी किया है। मेरा मानना है कि वह उच्च स्तर का मध्यक्रम का बल्लेबाज है।’
उन्होंने कहा , ‘उसके पास कौशल हमेशा से था लेकिन अब वह और स्वतंत्रता से खेल रहा है। उसे देखकर अच्छा लग रहा है।’
आरसीबी को उसके गढ़ में हराने के बाद जिस तरह मैदान पर सर्कल बनाकर बीच में उन्होंने अपना बल्ला ठोंककर जश्न मनाया, उससे साबित होता है कि सीमित ओवरों के प्रारूप में वह अपने हुनर का लोहा मनवाने में कामयाब रहे हैं।
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