विराट कोहली से भी ज्यादा इंतजार एक ट्रॉफी के लिए सचिन तेंदुलकर ने किया, वीरेंद्र सहवाग का दावा
विराट कोहली ने सिर्फ 18 साल इंतज़ार किया, लेकिन सचिन तेंदुलकर का इंतजार तो और भी लंबा था। ये कहना है वीरेंद्र सहवाग का। जिस तरह विराट आईपीएल ट्रॉफी के लिए तड़पे, उसी तरह सचिन के लिए वनडे वर्ल्ड कप था।

विराट कोहली के अंदर एक तड़प थी कि वे आईपीएल की ट्रॉफी नहीं जीते। 18 साल के लंबे इंतजार के बाद विराट कोहली की ये कसक 3 जून की रात को पूरी हो गई, जब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु यानी आरसीबी ने पंजाब किंग्स को हराकर खिताबी जीत हासिल की। इस जीत के बाद पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने का है कि विराट कोहली ने सिर्फ 18 साल एक ट्रॉफी के लिए इंतजार किया, लेकिन सचिन तेंदुलकर का इंतजार और भी ज्यादा लंबा था। 1989 में डेब्यू करने के बाद सचिन ने वनडे वर्ल्ड कप 2011 में आकर जीता था।
वीरेंद्र सहवाग ने क्रिकबज पर कहा, "उन्हें (कोहली को) ट्रॉफी जीतने के लिए सिर्फ 18 साल इंतजार करना पड़ा। सचिन तेंदुलकर ने 1989 से 2011 तक (वर्ल्ड कप जीतने के लिए) इंतजार किया। तो कोहली को कम इंतजार करना पड़ा और फिर भी सचिन ने कभी उम्मीद नहीं खोई। उन्होंने मन बना लिया था कि वे विश्व कप ट्रॉफी को हाथ में लेकर ही मैदान से बाहर निकलेंगे।" सहवाग ने कहा कि अब कोहली जब भी रिटायरमेंट का फैसला लेंगे, तो उन्हें राहत महसूस होगी और वे बिना किसी पछतावे के संन्यास ले सकते हैं।
पूर्व ओपनर ने आगे कहा, "विराट कोहली के लिए भी यही बात है। अब, वह निश्चिंत हो सकते हैं। वह जब चाहें आईपीएल खेलना बंद कर सकते हैं और रिटायरमेंट का फैसला ले सकते हैं। एक खिलाड़ी ट्रॉफी जीतने के लिए खेलता है। पैसा आता है और जाता है, लेकिन ट्रॉफी जीतना आसान नहीं है। कोहली का इंतजार खत्म होने के बाद भी, उन्होंने अभी भी अपने अभियान में बहुत मजबूत योगदान दिया है।" विराट कोहली ने इस सीजन 15 मैचों में 657 रन आरसीबी के लिए बनाए और वे टीम के लिए शीर्ष रन स्कोरर इस सीजन थे। उन्होंने ऑरेंज कैप की रेस में तीसरे स्थान पर अपने अभियान को समाप्त किया। उनका स्ट्राइक रेट 144.71 का था, जिस पर सवाल उठते रहे हैं।
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