मैं नहीं चाहता कि जसप्रीत बुमराह को कप्तान बनाया जाए…रवि शास्त्री ने क्यों कही ये बात? किसे बताया दावेदार
शास्त्री ने कहा कि वह नहीं चाहते कि जसप्रीत बुमराह को टीम इंडिया का कप्तान बनाया जाए। इसके पीछे उन्होंने वजह भी बताई है। उन्होंने कप्तानी का असली दावेदार शुभमन गिल को बताया है।

टीम इंडिया के नए टेस्ट कप्तान से जल्द ही पर्दा उठ जाएगा। हालांकि अभी भी क्रिकेट दिग्गज अपनी-अपनी राय देने में लगे हुए हैं। इस कड़ी में ताजा बयान टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री का सामने आया है। शास्त्री ने कहा कि वह नहीं चाहते कि जसप्रीत बुमराह को टीम इंडिया का कप्तान बनाया जाए। इसके पीछे उन्होंने वजह भी बताई है। उन्होंने कप्तानी का असली दावेदार शुभमन गिल को बताया है, वहीं उन्होंने इस दौरान ऋषभ पंत का भी नाम लिया। पूर्व कोच का मानना है कि इन दोनों खिलाड़ियों के पास सीखने के लिए काफी समय है।
रवि शास्त्री का कहना है कि अगर आप जसप्रीत बुमराह को टेस्ट कप्तान बनाते हैं तो आप उसे एक गेंदबाज के रूप में खो देंगे। बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कप्तानी की थी, मगर वह चोटिल हो गए थे और वह इस चोट के चलते चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट में भी हिस्सा नहीं ले पाए थे।
ICC से बात करते हुए रवि शास्त्री ने कहा, “मेरे लिए देखें, जसप्रीत ऑस्ट्रेलिया के बाद स्पष्ट विकल्प होता। लेकिन मैं नहीं चाहता कि जसप्रीत को कप्तान बनाया जाए और फिर आप उसे एक गेंदबाज के रूप में खो दें। मुझे लगता है कि उसे अपने शरीर को एक समय पर एक ही मैच के लिए तैयार करना चाहिए। वह एक गंभीर चोट के बाद अब वापस आ रहा है।”
रिपोर्ट्स हैं कि शुभमन गिल से हेड कोच गौतम गंभीर और चयनकर्ता अजीत अगरकर की बात हो गई है और वह ही अगले टेस्ट कप्तान होंगे।
गिल को लेकर पूर्व कोच ने कहा, "वह आईपीएल क्रिकेट खेल चुका होगा, जो चार ओवर का क्रिकेट है। अब 10 ओवर, 15 ओवर गेंदबाजी करने की परीक्षा होगी। और आखिरी चीज जो आप चाहते हैं वह यह है कि कप्तान होने के नाते उसके दिमाग पर कोई दबाव न हो। आप किसी को तैयार करते हैं, और मैं कहूंगा कि शुभमन बहुत अच्छा लग रहा है। उसे अवसर दें। वह 25, 26 साल का है, उसे समय भी दें।"
रवि शास्त्री ने शुभमन गिल के साथ ऋषभ पंत को भी अच्छा विकल्प बताया है।
उन्होंने कहा, "ऋषभ भी हैं। मुझे लगता है कि ये दोनों ही ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनकी उम्र कम है और उनके पास एक दशक का समय है। इसलिए, उन्हें सीखने दीजिए। अब उन्हें कप्तान के तौर पर अनुभव हो गया है, अपनी फ्रेंचाइजी की कप्तानी करने से फर्क पड़ता है। मैंने शुभमन को जितना भी देखा है, वह काफी दिलचस्प है। शांत, संयमित, उनमें सभी गुण हैं।"