clever victim gets caught in his own trap court sentenced lawyer to 10 years of imprisonment for a false case made this चतुर शिकार अपने ही जाल में फंसता है, झूठे केस पर अदालत ने वकील को सुनाई 10 साल की कैद; की ये टिप्पणी, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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चतुर शिकार अपने ही जाल में फंसता है, झूठे केस पर अदालत ने वकील को सुनाई 10 साल की कैद; की ये टिप्पणी

कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर और डीएम को आदेश दिया है कि यदि दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करने के बाद कोई धनराशि दी गई हो तो उसे तत्काल वापस ले लिया जाए। कोर्ट में विशेष लोक अभियोजक अरविंद मिश्रा ने बताया कि आरोपित वकील लाखन सिंह का सुनील दुबे से ज़मीन को लेकर विवाद चल रहा था।

Ajay Singh विधि संवाददाता, लखनऊSat, 17 May 2025 07:09 AM
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चतुर शिकार अपने ही जाल में फंसता है, झूठे केस पर अदालत ने वकील को सुनाई 10 साल की कैद; की ये टिप्पणी

जमीन के विवाद के चलते विरोधियों को सबक सिखाने के लिए उनके खिलाफ हत्या के प्रयास, जानमाल की धमकी और एससी-एसटी एक्ट का फर्जी केस दर्ज कराने के मामले में अदालत ने वकील को दस साल की कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने वकील पर 2.51 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पुलिस ने जांच में मामला झूठा मिलने पर कार्रवाई की सिफारिश की थी। निर्णय के साथ ही अदालत ने यह टिप्प्णी भी की। अदालत ने कहा कि चतुर शिकारी शिकार करते समय ऐसी चालें चल देता है जिससे वह अपने ही जाल में फंसता है।

यह फैसला एससी-एसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानन्द शरण त्रिपाठी ने सुनाया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि सभी सजाएं अलग-अलग चलेंगी। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर और डीएम को आदेश दिया है कि यदि दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करने के बाद कोई धनराशि दी गई हो तो उसे तत्काल वापस ले लिया जाए। कोर्ट में विशेष लोक अभियोजक अरविंद मिश्रा ने बताया कि आरोपित वकील लाखन सिंह का सुनील दुबे से ज़मीन का विवाद था।

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लाखन ने 15 फरवरी 2014 को कोर्ट के जरिए सुनील दुबे और साथियों पर विकास नगर थाने में हत्या के प्रयास, धमकी, तोड़फोड़, गालीगलौज, एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करा दिया। विवेचना में पता चला कि घटना हुई ही नहीं और एफआईआर झूठी थी।

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शिकारी अपनी ही चाल में फंस जाता है...

अदालत ने निर्णय में कहा है कि चतुर शिकारी शिकार करते समय ऐसी चालें चल देता है जिससे वह अपने ही जाल में फंसता है, जैसा लाखन ने किया। सुनील दुबे आदि पर झूठी रिपोर्ट लिखाकर चालें चलीं थीं। लाखन एडवोकेट है, रोज कोर्ट आता है। उसने कई परिवाद फर्जी रिपोर्ट दर्ज कराए हैं। वह बलात्कार के केस में जेल में है। एडवोकेट लिखकर कानून का दुरुपयोग कर रहा है। उसके कोर्ट परिसर में प्रवेश पर रोक लगाई जाए।