रेड बॉल से 25-30 रन बनाने के बाद अपना फोकस लूज कर देते हैं शुभमन गिल, खुद ही कबूल की ये बात
- शुभमन गिल ने अपने बारे में बताया है कि रेड बॉल क्रिकेट में वे 25-30 रन बनाने के बाद अपना फोकस लूज कर देते हैं। रणजी मैच में उन्होंने शतक लगाने के बाद इस बात को कबूल किया है।

भारतीय बल्लेबाज शुभमन गिल ने इस बात का कबूल किया है कि रेड बॉल क्रिकेट 25-30 रन बनाने के बाद उनका फोकस लूज हो जाता था। गिल ने बताया है कि इसके पीछे का कारण यह था कि वह 25-30 रन बनाने के बाद उसे बड़े स्कोर में तब्दील करने के बारे में सोचते थे और फिर उनके ऊपर दबाव आ जाता था। लंबे समय के बाद रणजी मैच खेलने उतरे शुभमन गिल पहली पारी में जल्दी आउट हो गए, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने पंजाब के लिए शतक जड़ा। हालांकि, ये पारी टीम के काम नहीं आई, क्योंकि पंजाब को पारी और 207 रन से कर्नाटक से हार का सामना करना पड़ा।
मैच के बाद शुभमन गिल ने कहा, "लाल गेंद से बल्लेबाजी चिंता का विषय है। कभी-कभी, मुझे लगता है कि लाल गेंद से, मैं जिन मैचों में खेलता हूं, उनमें मैं 25-30 रन बहुत अच्छे बनाता हूं। मुझे लगता है कि उन क्षणों में, कभी-कभी मैं बड़े रन बनाने में सक्षम होने के लिए खुद पर बहुत अधिक दबाव डालता हूं। मुझे लगता है कि मैं इस तरह से अपना खेल बढ़ा होते हुए कभी नहीं खेला।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं एक निश्चित जोन में हूं, एक निश्चित इंटेंट है और कभी-कभी मुझे लगता है कि मैं इसे खो देता हूं, क्योंकि मैं खुद पर इतना दबाव डालता हूं कि अब मुझे एक बड़ा स्कोर बनाना है। मुझे लगता है कि उन महत्वपूर्ण क्षणों में, मैं कभी-कभी अपना ध्यान और एकाग्रता खो देता हूं। मुझे लगता है कि यह आपको हर समय खेल में बनाए रखता है। एक व्यक्ति के रूप में, मुझे खेल और जो कुछ भी हो रहा है उसमें शामिल होना पसंद है। मुझे लगता है कि जब मैं लगातार खेल में शामिल रहता हूं तो यह एक खिलाड़ी के रूप में मेरे अंदर से सर्वश्रेष्ठ को सामने लाता है।"
ऑस्ट्रेलिया में 6 टेस्ट पारियों में वे 18.60 के औसत से सिर्फ 93 रन ही बना सके। वे पर्थ में चोट के कारण नहीं खेले थे और बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच से ड्रॉप कर दिए गए थे। हालांकि, शनिवार को खेली गई शतकीय पारी से उनके अंदर थोड़ा आत्मविश्वास आएगा। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हम किसी भी स्तर पर जो भी पारी खेलें, उसमें रन बनाना, फॉर्म में वापस आना और उस भावना को महसूस करना बहुत महत्वपूर्ण है। जब आप अच्छा खेल रहे होते हैं, जब आप उस जोन में होते हैं, तो जितना संभव हो सके उस जोन में बने रहना महत्वपूर्ण होता है और जब मैं वहां बल्लेबाजी कर रहा था, तो मैं यही करने की कोशिश कर रहा था।"
कर्नाटक के खिलाफ बनाए गए शतक को लेकर शुभमन गिल ने कहा, "मुझे लगता है कि यह पारी मेरे लिए बहुत संतोषजनक रही, जिस तरह से मैंने खेला। मुझे लगता है कि पहली पारी में, 130 गेंदों में, मैंने 40 रन बनाए और वे अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे और विकेट से भी कुछ मदद मिल रही थी। इसलिए, इसे ध्यान में रखते हुए, मुझे लगता है कि मैं जिस तरह से खेल रहा था, उससे मैं बहुत संतुष्ट था। लंच के बाद, मैंने सोचा कि मैं अपने शॉट्स को थोड़ा और खेलूं। साथ ही, एक छोर से विकेट गिर रहे थे। इसलिए, मैं यह सुनिश्चित करना चाहता था कि मैं कुछ रन बनाऊं, कुछ शॉट खेलूं।"