Dhadak 2 Siddhant Chaturvedi and Triptii Dimri Movie Got UA Certificate With 16 Cuts and Changes by CBFC 'धड़क 2' में एक-दो नहीं 16 बड़े बदलाव, डायलॉग्स से लेकर विजुअल तक, सेंसर बोर्ड ने बदल दिए ये सीन, Bollywood Hindi News - Hindustan
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'धड़क 2' में एक-दो नहीं 16 बड़े बदलाव, डायलॉग्स से लेकर विजुअल तक, सेंसर बोर्ड ने बदल दिए ये सीन

Dhadak 2 CBFC Changes: सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी की फिल्म धड़क-2 से कई डायलॉग बदले गए हैं और कई जगह पर म्यूट या ब्लैक किया गया है। जानिए किए गए हैं कौन से बदलाव।

Puneet Parashar लाइव हिन्दुस्तानSun, 25 May 2025 07:29 AM
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'धड़क 2' में एक-दो नहीं 16 बड़े बदलाव, डायलॉग्स से लेकर विजुअल तक, सेंसर बोर्ड ने बदल दिए ये सीन

जाह्नवी कपूर और ईशान खट्टर की साल 2018 में आई फिल्म 'धड़क' के तकरीबन 7 साल के बाद अब इसका सीक्वल आने जा रहा है। हालांकि इसमें आपको पिछली फिल्म वाला फील कितना आएगा यह कहना मुश्किल है। क्योंकि कहानी नई है, स्कार कास्ट बिलकुल फ्रेश है और निर्देशक भी बदल दिए गए हैं। मोटा-मोटा यह समझा जा सकता है कि पूरी तरह नई कास्ट और क्रू के साथ इस फिल्म को बनाया गया है जिसे हाल ही में सेंसर बोर्ड से पास करा लिया गया है। एक-दो नहीं बल्कि पूरे 16 बड़े बदलाव करने के बाद इस फिल्म को CBFC ने U/A सर्टिफिकेट दे दिया है।

एक-दो नहीं कुल 16 बदलावों के बाद मिल गई हरी झंडी

फिल्म में जिन जगहों पर कट लगाए गए हैं और जो बदलाव किए गए हैं उनमें कुछ पॉलिटिकल डायलॉग हैं तो कुछ जाति संबन्धी डायलॉग हैं जिन्हें या तो थोड़ा सॉफ्ट किया गया है, या फिर म्यूट कर दिया गया है। कुछ हिंसक सीन्स को बदला गया है तो वहीं कुछ अन्य सीन्स को बदलने के लिए मेकर्स से कहा गया है। कुल मिलाकर कई बार पोस्टपोन किए जाने के बाद सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी की फिल्म 'धड़क-2' को आखिरकार सेंसर बोर्ड से हरी झंडी मिल गई है। लेकिन UA सर्टिफिकेट इतनी आसानी से नहीं दिया गया है।

कई शब्दों को किया गया म्यूट तो कई को बदला गया

शाजिया इकबाल के निर्देशन में बनी इस सीक्वल मूवी के मोशन पोस्टर को दर्शकों ने काफी प्यार दिया था। हालांकि फिल्म के कॉन्टेंट पर CBFC को काफी आपत्ति थी। पॉलिटिकल हिंट देता एक डायलॉग बदला गया है ताकि इसकी किसी राजनैतिक हस्ती से संबन्ध स्थापित ना कर दिया जाए। जाति संबन्धी शब्दों को या तो म्यूट किया गया है या फिर कुछ सुरक्षित शब्दों के साथ बदला गया है, ताकि किसी की भावनाएं आहत ना हों। फिल्म में बोली गई एक लाइन, "धर्म का काम है" को बदलकर "पुण्य का काम है" किया गया है।

बदला गया तुलसीदास का दोहा और यह अहम डायलॉग

तुलसीदास जी का एक दोहा फिल्म के एक गाने में इस्तेमाल किया गया था जिसे उससे मिलते जुलते एक जुमले के साथ बदला गया है। इसी तरह एक और लाइन है जिसमें कहा गया- 3 हजार साल पुराना कचरा 70 साल में नहीं हटाया जा सकता है। इस लाइन को बदलकर- सदियों पुराना भेदभाव महज 70 साल में नहीं हटाया जा सकता है, जैसे डायलॉग्स के साथ बदल दिया गया है। इसी तरह का एक सीन है जिसमें एक नीले रंग के कुत्ते को दिखाया गया है। सेंसर बोर्ड ने कुत्ते का रंग बदलने की सलाह दी है। एक किरदार के पिता को बेइज्जत किए जाने के सीन में 16 सेकेंड लंबा कट लगाया गया है।

लंबा होगा डिसक्लेमर, इस सीन पर चलेगी ब्लैक स्क्रीन

एक औरत के साथ की गई हिंसा वाले सीन की जगह सेंसर बोर्ड ने ब्लैक स्क्रीन चलाने को कहा है। फिल्म की शुरुआत में जो 20 सेकेंड का डिसक्लेमर था उसे बोर्ड ने बढ़ाकर 1 मिनट 51 सेकेंड का करवाया है और साथ ही इसे तेज आवाज में चलाने के लिए कहा है। जाहिर है कि फिल्म में बेहिसाब छोटे-बड़े बदलाव किए गए हैं, लेकिन देखना यह होगा कि क्या इतने बदलावों के बाद भी यह फिल्म दर्शकों के दिलों पर वही असर छोड़ पाएगी जिसे ध्यान में रखते हुए मेकर्स ने इसे बनाया होगा। इसके लिए दर्शकों को थोड़ा इंतजार और करना होगा।

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