वकीलों के मेडिकल इंश्योरेंस के लिए सिब्बल ने अंबानी-अडानी से मांगे 50 करोड़, SC में मचा हंगामा
योजना के तहत नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के माध्यम से Apollo समूह की मदद से बीमा उपलब्ध कराया जाएगा। इस बीमा योजना का लाभ SCBA के लगभग 2,700–2,800 सदस्यों को मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा वकीलों के लिए शुरू की गई 50 करोड़ की सामूहिक स्वास्थ्य बीमा योजना को लेकर एसोसिएशन में आंतरिक विवाद उभर आया है। इस योजना के तहत देश के प्रमुख उद्योगपतियों से धन जुटाया गया है, लेकिन एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने इसे लेकर पुनर्विचार या रद्द करने की बात कही है।
कपिल सिब्बल ने वकीलों की चिकित्सा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उद्योगपतियों से फंड इकट्ठा कर 2 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा कवर देने की पहल की। योजना के तहत नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के माध्यम से Apollo समूह की मदद से बीमा उपलब्ध कराया जाएगा। इस बीमा योजना का लाभ SCBA के लगभग 2,700–2,800 सदस्यों को मिलेगा।
फंड देने वाले प्रमुख उद्योगपति
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसके लिए देश के प्रमुख उद्योगपति और रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने 10 करोड़ रुपये दिए। इसके अलावा, अनिल अंबानी, गौतम अडानी, एन चंद्रशेखरन (टाटा), समीर मेहता (टोरेंट), जीएम राव (GMR), कुमार मंगलम बिड़ला, अनिल अग्रवाल (वेदांता), लक्ष्मी मित्तल जैसे कारोबारियों ने 5 करोड़ दिए।
किस बात को लेकर भड़का विवाद
SCBA के नए अध्यक्ष विकास सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “मेरी व्यक्तिगत राय में इस योजना को फिर से बातचीत के ज़रिए बदला जाना चाहिए या समाप्त कर देना चाहिए। 2 लाख के बीमा कवर के लिए जो प्रीमियम हम दे रहे हैं वह 5 लाख के कवर की तुलना में कहीं ज़्यादा है।” उन्होंने यह भी कहा कि यह योजना केवल आर्थिक रूप से जरूरतमंद वकीलों के लिए होनी चाहिए, न कि सभी के लिए, जिसमें वे खुद और सिब्बल भी शामिल हैं।
विकास सिंह ने कहा कि यदि यह फंड CSR (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) का नहीं है और सीधे संस्था को दिया गया है तो कोई टकराव नहीं है।
कपिल सिब्बल ने क्या कहा
उन्होने कहा, “डोनेशन किसी व्यक्ति को नहीं, बल्कि बार एसोसिएशन को दिया गया है। मैं इन कंपनियों के खिलाफ या पक्ष में पेश होता रहा हूं और पेश होता रहूंगा। यह हमारा पेशेवर दायित्व है न कि दोस्ती का मामला।” कपिल सिब्बल ने बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत संबंधों के ज़रिए यह फंड इकट्ठा किया। उन्होंने उद्योगपतियों को फोन करके सीधे सहायता मांगी। सिब्बल के मुताबिक, गौतम अडानी से कहा, “अब आप देश के सम्राट जैसे हैं। 5 करोड़ बहुत कम है। इसपर अडानी ने कहा कि अगर और चाहिए तो बताइए। पर अभी ₹5 करोड़ ले लीजिए।”
चीफ जस्टिस का भी समर्थन
21 मई को SCBA के एक कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी आर गवई ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “यह एक अनुकरणीय प्रयास है जो वकीलों के कल्याण को लेकर गहरी चिंता को दर्शाता है। यह केवल एक सामाजिक पहल नहीं बल्कि वकीलों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है।”