Sadhguru Jaggi Vasudev and Javed Akhtar fired barbs at each other during an infamous panel discussion some years ago जावेद साहब से एक गुरु ने कहा कि दिमाग का इस्तेमाल मत करो, इन्होंने उनकी सलाह मान ली- सद्गुरु, Bollywood Hindi News - Hindustan
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जावेद साहब से एक गुरु ने कहा कि दिमाग का इस्तेमाल मत करो, इन्होंने उनकी सलाह मान ली- सद्गुरु

कुछ वर्ष पहले एक पैनल के दौरान सद्गुरु जग्गी वासुदेव और जावेद अख्तर ने एक-दूसरे पर कटाक्ष किए थे। पढ़िए जब दो अलग विचारधारा वाले व्यक्ति एक मंच पर बैठे थे तो क्या हुआ था।

Vartika Tolani लाइव हिन्दुस्तानWed, 11 June 2025 04:22 PM
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जावेद साहब से एक गुरु ने कहा कि दिमाग का इस्तेमाल मत करो, इन्होंने उनकी सलाह मान ली- सद्गुरु

ये किस्सा उन दिनों का है जब एक मंच पर देश के दो अलग-अलग सोच के धुरंधर बैठे थे — एक ओर थे आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव और दूसरी ओर अपने बेबाक बोल के लिए मशहूर लेखक-गीतकार जावेद अख्तर। दोनों ने आस्था, तर्क और इंसानी सोच पर अपने विचार रखे। शांत माहौल में बहस शुरू हुई और जल्द ही बात तीखी तकरार तक पहुंच गई।

जावेद अख्तर ने कहा था, “आध्यात्मिक गुरु सबसे पहले आपकी पांचों इंद्रियों पर से भरोसा हटाते हैं क्योंकि जब तक आप खुदका दिमाग इस्तेमाल करते हैं, तब तक कोई भी आपको बहका नहीं सकता। इसलिए ये आपका आपके ऊपर से भरोसा खत्म करते हैं और फिर आपको कंट्रोल करते हैं। अगर ये आध्यात्मिक गुरु सच कहते हैं तो कि दिमाग काम नहीं करता, तो फिर ब्रेन सर्जरी करवा लें और दिमाग हटवा लें। तब देखेंगे कि कितनी पर्सनैलिटी एक्सपैंड होती है। ”

जावेद अख्तर ने इसके बाद आस्था और विश्वास पर सवाल खड़ा करते हुए कहा था, “जिस चीज में तर्क, प्रमाण, गवाह और समझ न हो, उसे ‘faith’ कहते हैं। और मूर्खता की भी यही परिभाषा है। तो अब आप ही बताइए, इन दोनों में फर्क क्या है?”

जावेद अख्तर की बातों का जवाब देते हुए सद्गुरु ने कहा था, “जब मैं जावेद साहब से पहले मिला था तब इन्होंने बताया था कि किसी गुरु ने उनसे कहा है कि दिमाग का इस्तेमाल मत करो। पता नहीं कौन गुरु था, लेकिन इतना तो तय है कि उनकी सलाह इन्होंने गंभीरता से ले ली है।”

इस पर जावेद अख्तर ने कहा था, “गुरुजी, मैं वादा करता हूं कि मैंने कभी किसी गुरु को गंभीरता से नहीं लिया।” इतना कहकर जावेद अख्तर ने उस शाम की सबसे बड़ी लाइन कह दी — और तालियों की गूंज से हॉल भर गया। ये बहस यहीं खत्म नहीं हुई थी। सालों बाद जब Mid-day ने जावेद अख्तर से इस बहस के बारे में पूछा, तो उन्होंने एक और करारा जवाब दे दिया।

जावेद अख्तर ने कहा, “‘हम इस दुनिया में क्यों हैं?’ ये सवाल ही बेवकूफी भरा है। इंसान सोचता है कि उसका अस्तित्व बहुत अहम है, लेकिन सच्चाई ये है कि हम एक घास के तिनके की तरह हैं। इस विशाल ब्रह्मांड में हमारी औकात एक मच्छर या कॉकरोच से ज़्यादा नहीं है। बस हम थोड़ा बड़े हैं, और घमंडी भी।”

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