...तो 3 लाख रुपये में मिलेगा iPhone, तीन गुना बढ़ जाएगी कीमत, अगर यहां हुआ प्रॉडक्शन
अगर आप भी iPhone खरीदने का प्लान कर रहे हैं, तो यह खबर आपको परेशान कर सकती है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर iPhone को पूरी तरह से अमेरिका में बनाया जाए, तो इसकी कीमत तीन गुना ज्यादा यानी करीब 3 लाख रुपये तक हो सकती है।

अगर आप भी iPhone खरीदने का प्लान कर रहे हैं, तो यह खबर आपको परेशान कर सकती है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर iPhone को पूरी तरह से अमेरिका में बनाया जाए, तो इसकी कीमत तीन गुना ज्यादा यानी करीब 3 लाख रुपये तक हो सकती है। दरअसल, हाल ही में अमेरिकी सरकार ने अन्य देशों से आने वाले सामानों पर टैरिफ लगाया है, जिससे कंपनियों को मैन्युफैक्चरिंग जॉब्स को अमेरिका में वापस लाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का मानना है कि इस कदम से लाखों नई नौकरियां पैदा होंगी और स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस स्कीम से उपभोक्ताओं के लिए स्मार्टफोन बहुत महंगा हो सकता है।
आईफोन की कीमत 3,500 डॉलर तक पहुंच सकती है
सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर ऐप्पल पूरी तरह से अमेरिका में आईफोन बनाए, तो प्रत्येक फोन की कीमत करीब 3,500 डॉलर (करीब 3 लाख रुपये) हो सकती है। वर्तमान में एक आईफोन की कीमत करीब 1,000 डॉलर (करीब 86 हजार रुपये) है। कीमतों में यह भारी बढ़ोतरी अमेरिका में एडवांस्ड फैक्ट्रीक को बनाने और रखरखाव की उच्च लागत के कारण होगी।
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अब तक, ज्यादातर iPhone चीन में बनाए जाते हैं, जहां लेबर कॉस्ट सस्ती है। अमेरिका में उन्हीं फोन्स को बनाने का मतलब होगा कि ऐप्पल को नई फैक्ट्री और सप्लाई चैन स्थापित करने में अरबों डॉलर का निवेश करना होगा - ऐसा कुछ जिसे एशिया में बनाने में दशकों लग गए।
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रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ऐप्पल की सप्लाई चैन के एक छोटे से हिस्से को भी अमेरिका में शिफ्ट करने में कम से कम तीन साल और 30 बिलियन डॉलर का खर्च आएगा। इससे ऐप्पल के मैन्युफैक्चरिंग का केवल 10% ही रीलोकेट होगा।
ऐप्पल की एशिया पर निर्भरता
आईफोन बनाने वाले पार्ट्स कई अलग-अलग देशों से आते हैं। उदाहरण के लिए, चिप्स मुख्य रूप से ताइवान में बनाए जाते हैं, स्क्रीन दक्षिण कोरिया से आती हैं, और अन्य कंपोनेंट्स चीन में बनाए जाते हैं। इन सभी पार्ट्स को दुनियाभर में आईफोन भेजने से पहले चीनी कारखानों में इकट्ठा किया जाता है। यह अंतर्राष्ट्रीय सप्लाई चैन ऐप्पल को लागत कम रखने और ज्यादा प्रॉफिट कमाने में सक्षम बनाती है। यह भी एक कारण है कि ऐप्पल दुनिया की सबसे सफल टेक कंपनियों में से एक बन गई है।
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टैरिफ से ऐप्पल का कारोबार प्रभावित
नए टैरिफ की घोषणा के बाद से ऐप्पल के शेयर की कीमत में लगभग 25% की गिरावट आई है। चीन पर निर्भरता कम करने के लिए, ऐप्पल ने अपने प्रोडक्ट्स के प्रोडक्शन के लिए वैकल्पिक स्थानों की तलाश शुरू कर दिया है। यह भारत और ब्राजील जैसे देशों में विविधता ला रहा है, जहां टैरिफ कम है।
भले ही ऐप्पल अपना प्रोडक्शन अमेरिका में शिफ्ट न करे, फिर भी iPhone की कीमतें बढ़ सकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि टैरिफ बढ़ने से पार्ट्स इम्पोर्ट करने का खर्च बढ़ जाएगा। अगर ऐप्पल अपने ग्राहकों से यह शुल्क वसूलता है, तो नए मॉडल की कीमत 43% तक बढ़ सकती है।
(फोटो क्रेडिट-cnet)
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