ट्रस्टी का दावा,झूठे हलफनामे;गुजरात में वक्फ के नाम पर फ्रॉड,9 जगहों पर ED की रेड
ईडी ने यह मामला धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दर्ज किया है। यह मामला अहमदाबाद पुलिस द्वारा सलीम खान जुम्मा खान पठान,मोहम्मद यासर अब्दुलहमिया शेख, मेहमूद खान जुम्मा खान पठान, फेज़मोहम्मद पीर मोहम्मद चोबदार और शहीद अहमद याकूबभाई शेख के खिलाफ दर्ज की गई एक एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) के आधार पर है।

गुजरात में वक्फ के नाम पर बड़ी गड़बड़ी का पता चला है। ईडी की टीम प्रदेश की 9 जगहों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। बताया गया है कि ईडी की रेड कुछ वक्फ संपत्तियों में कथित वित्तीय गड़बड़ियों से लिंक मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ा है। इसके अलावा गैरकानूनी तरीके से ‘कांच की मस्जिद ट्रस्ट’ और ‘शाह बाड़ा कसम ट्रस्ट’ का ट्रस्टी होने का दावा भी किया गया है।
ईडी ने यह मामला धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया है। यह मामला अहमदाबाद पुलिस द्वारा सलीम खान जुम्मा खान पठान,मोहम्मद यासर अब्दुलहमिया शेख, मेहमूद खान जुम्मा खान पठान, फेज़मोहम्मद पीर मोहम्मद चोबदार और शहीद अहमद याकूबभाई शेख के खिलाफ दर्ज की गई एक एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) के आधार पर है।
एजेंसी ने कहा कि इन लोगों ने गैरकानूनी तरीके से ‘कांच की मस्जिद ट्रस्ट’ और ‘शाह बाड़ा कसम ट्रस्ट’ का ट्रस्टी होने का दावा किया था। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी के अहमदाबाद क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा गुजरात में आरोपियों और उनके साथियों के लगभग नौ ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। आरोपियों ने धोखे से पट्टे के समझौते किए, किरायेदारों से जबरन किराया वसूला और वक्फ बोर्ड को झूठे हलफनामे दिए।
ईडी को शक है कि आरोपियों ने ट्रस्ट की जमीन पर दुकानें बनवाईं और किराया वसूला और निजी फायदे के लिए अहमदाबाद नगर निगम और वक्फ बोर्ड के साथ धोखाधड़ी और साजिश की। द्र सरकार ने हाल ही में वक्फ संशोधन अधिनियम लाया है, जिसके बारे में उसका कहना है कि इससे वक्फ के कामकाज और लेनदेन में पारदर्शिता आएगी। विपक्ष ने इसे असंवैधानिक बताया है।
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