भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अचानक बढ़ गए जासूसी वाले कॉल, अधिकारियों को सतर्क रहने के आदेश
जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने खुलासा किया कि फोन कॉल के माध्यम से संवेदनशील जानकारी निकालने की कोशिशों में वृद्धि हुई है। ऐसा अक्सर लोग खुद सेना या वरिष्ठ सरकारी अधिकारी बताकर किया जाता है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस बीच सुरक्षा एजेंसियों ने बॉर्डरवाले इलाकों में जासूसी वाले कॉल में बढ़ोतरी दर्ज की है। इस बारे में बताते हुए जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने खुलासा किया कि फोन कॉल के माध्यम से संवेदनशील जानकारी निकालने की कोशिशों में वृद्धि हुई है। ऐसा अक्सर लोग खुद को सेना या वरिष्ठ सरकारी अधिकारी बताकर करते हैं।
उन्होंने कहा, हमने आंतरिक बैठकें की हैं और सभी अधिकारियों को सतर्क रहने के लिए सचेत किया है। ये कॉल करने वाले अधिकारी बनकर महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और सेना की आवाजाही के बारे में जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश करते हैं।
एसपी ने नागरिकों, विशेष रूप से रक्षा प्रतिष्ठानों या महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के पास रहने वाले लोगों से अपील की है कि वे अज्ञात कॉल करने वालों के साथ कोई भी जानकारी साझा न करें और ऐसी किसी भी घटना की तुरंत पुलिस को रिपोर्ट करें।
उन्होंने आगे कहा, सीमावर्ती क्षेत्रों में हम, बीएसएफ अधिकारियों के साथ, रक्षा प्रतिष्ठानों के आस-पास के लोगों की जांच कर रहे हैं और उनमें जागरूकता पैदा कर रहे हैं। अगर कोई पैसे के लिए कोई जानकारी लीक करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। अगर कोई डर के कारण या किसी रिश्तेदार के माध्यम से पाकिस्तान की ओर से ब्लैकमेल किए जाने के कारण ऐसा कर रहा है, तो उस व्यक्ति को हमें सूचित करना चाहिए। हमारी नजर हर किसी पर है, सारी मशीनरी और खुफिया एजेंसियां सक्रिय हैं। यहां तक कि नागरिक भी हमें जानकारी देते हैं।