Haryana jobs in trouble HC declared marks given on socio-economic basis illegal result will be made again हरियाणा की नौकरियों पर संकट, HC ने सामाजिक-आर्थिक आधार पर दिए गए अंकों को बताया गैरकानूनी; दोबारा बनेगा रिजल्ट, Haryana Hindi News - Hindustan
Hindi Newsहरियाणा न्यूज़Haryana jobs in trouble HC declared marks given on socio-economic basis illegal result will be made again

हरियाणा की नौकरियों पर संकट, HC ने सामाजिक-आर्थिक आधार पर दिए गए अंकों को बताया गैरकानूनी; दोबारा बनेगा रिजल्ट

हाईकोर्ट के फैसले से हरियाणा में 10 हजार से ज्यादा सरकारी नौकरीधारकों पर असर पड़ा है, जिसमें पुलिस भर्तियां सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानFri, 23 May 2025 11:28 PM
share Share
Follow Us on
हरियाणा की नौकरियों पर संकट, HC ने सामाजिक-आर्थिक आधार पर दिए गए अंकों को बताया गैरकानूनी; दोबारा बनेगा रिजल्ट

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकारी नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक आधार पर दिए गए अंकों संबंधी फैसला एक दिन पहले रद्द कर दिया था। इससे उन लोगों की चिंता बढ़ गई थी, जिन्हें हरियाणा सरकार के इस फैसले के आधार पर सरकारी नौकरियां मिली हैं। हाईकोर्ट के इस फैसले से सबसे अधिक पुलिस विभाग की भर्तियों पर असर पड़ने की संभावना है। पुलिस विभाग में एसआई, महिला एसआई तथा सिपाही के पदों पर सामाजिक-आर्थिक आधार के अंकों के आधार पर सबसे ज्यादा नियुक्तियां हुई हैं।

इस बीच आज पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 2019 के बाद की उन सभी भर्तियों का नए सिरे से परिणाम जारी करने का आदेश दिया है, जिनमें सामाजिक व आर्थिक आधार पर अंकों का लाभ दिया गया था। इन अंकों का लाभ दिए बगैर जारी परिणाम के अनुसार जो लोग मेधावी होंगे, उन्हें नियुक्ति दी जाएगी और भर्ती में चयनित होने वालों के चयन की तिथि से वरिष्ठता व अन्य लाभ दिए जाएंगे। जो लोग नए परिणाम के कारण भर्ती से बाहर होंगे, उनके लिए सरकार पद ढूंढेगी और यदि पद उपलब्ध नहीं होगा तो भविष्य में रिक्त पद होने तक उन्हें कच्चे कर्मचारी के तौर पर रखा जाएगा। जब नियमित पद उपलब्ध होंगे तो इन्हें नियुक्ति दी जाएगी और उनकी वरिष्ठता व अन्य लाभ नियुक्ति की तिथि से होंगे। हाईकोर्ट के इस आदेश से 10 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित होंगे।

सरकार ने प्रावधान ही गलत तरीके से किया

हाईकोर्ट ने कहा कि पहले ही तय किया गया था कि नियुक्तियां इस याचिका पर आने वाले फैसले पर निर्भर करेंगी। हम नहीं चाहते भर्ती से बाहर होने वाले लोग अपनी नौकरी खो दें, क्योंकि इसमें उनका कोई कसूर नहीं था। कोर्ट ने इसलिए भर्ती से बाहर होने वालों को निकालने का आदेश नहीं दिया। कोर्ट ने अपने विस्तृत आदेश में कहा कि सरकार ने सामाजिक व आर्थिक आधार पर अंकों का प्रावधान गलत तरीके से किया है। कोर्ट ने कहा कि जब पहले ही आर्थिक पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ दिया गया है तो इस अतिरिक्त आरक्षण की क्या जरूरत थी? कोर्ट ने कहा कि यह भी एक तरह से आरक्षण है और इस प्रावधान से आरक्षण 50 प्रतिशत की सीमा पार कर रहा है, जिसकी अनुमति नहीं है। कोर्ट ने कहा कि सरकार ने लापरवाही से चयन प्रक्रिया को पूरा किया है।

कर्मचारी चयन आयोग अध्यक्ष बोले-संयम रखें, कानूनी विकल्प उपलब्ध

उधर, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष हिम्मत सिंह ने शुक्रवार को प्रदेश के युवाओं के नाम जारी संदेश में कहा कि हाईकोर्ट के विस्तृत फैसले का सभी इंतजार कर रहे हैं। हाईकोर्ट द्वारा आर्डर अपलोड करने के बाद कर्मचारी चयन आयोग की टीम उस पर गहनता से विचार करेगी। कर्मचारी चयन आयोग के पास इस फैसले को लेकर बहुत से कानूनी विकल्प उपलब्ध हैं, जिनका आयोग उपयोग करेगा। हरियाणा के एडवोकेट जनरल से भी राय ली जाएगी। आप सभी संयम बनाए रखें, क्योंकि कर्मचारी चयन आयोग आपके साथ है।

रिपोर्ट: मोनी देवी

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।