‘डेजी नाम की बिल्ली ने सभी को पागल कर दिया’, किस बात पर बिगड़े जज साहब
याचिकाकर्ता ने 2023 में दर्ज मामले को रद्द करने की अपील करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था। मामले में 23 जुलाई, 2024 को सुनवाई हुई थी। न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने तब हुसैन के खिलाफ सभी कानूनी कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।

कर्नाटक हाई कोर्ट ने डेजी नाम की बिल्ली चुराने के आरोपी एक व्यक्ति के खिलाफ दायर आपराधिक मामले को मंगलवार को खारिज कर दिया। जब मामला न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना के समक्ष सुनवाई के लिए आया, तो जज साहब ने टिप्पणी करते हुए कहा, ‘डेजी नामक बिल्ली ने सभी को पागल कर दिया।’ इसके बाद उन्होंने ताहा हुसैन के खिलाफ कार्यवाही को रद्द कर दिया। उन्होंने दावा किया था कि उनके पड़ोसी ने उनके खिलाफ झूठा पुलिस मामला दर्ज कराया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने उनकी बिल्ली को चुरा लिया।
याचिकाकर्ता ने 2023 में दर्ज मामले को रद्द करने की अपील करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था। मामले में 23 जुलाई, 2024 को सुनवाई हुई थी। न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने तब हुसैन को अंतरिम राहत देते हुए उनके खिलाफ सभी कानूनी कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। अदालत ने कहा था, ‘ऐसे तुच्छ मामलों में आगे कार्यवाही की अनुमति देने से आपराधिक न्याय प्रणाली अवरुद्ध हो जाएगी।’ जुलाई 2024 में प्राथमिकी के बाद, पुलिस ने हुसैन के खिलाफ आरोपपत्र भी दाखिल किया था। हुसैन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 504, 506 और 509 के तहत आपराधिक धमकी, शांति भंग करने और महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।
बिल्ली चोरी को लेकर मचा भारी हंगामा
पुलिस ने दावा किया था कि इलाके के सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की गई और एक खास समय पर बिल्ली को हुसैन के घर के अंदर देखा गया। हुसैन के वकील ने उस समय दलील दी थी कि बिल्लियां खिड़कियों के माध्यम से एक घर से दूसरे घर में आती-जाती हैं। यह अपराध का मामला नहीं हो सकता। दूसरी ओर, प्रवर्तन निदेशालय के बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और अन्य के खिलाफ मैसूर नगर विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा भूखंडों के आवंटन में गड़बड़ी से जुड़े मामले की जांच के सिलसिल में 92 अचल सम्पत्तियों को कुर्क किया है। इस जांच में अब तक 400 करोड़ रुपये की अचल सम्पत्तियों की कुर्की करायी जा चुकी है। ईडी की मंगलवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कुर्की की प्रारंभिक कार्रवाई सोमवार को की गई। इन सम्पत्तियों का मूल्य लगभग 100 करोड़ रुपये आंका गया है।