बांग्लादेशी नोट पर छपेगी 18वीं सदी के हिंदू मंदिर की तस्वीर, आतंकी हमले का हो चुका है शिकार
बांग्लादेश ने नए 20 टका के नोट पर दीनाजपुर के हिंदू मंदिर की तस्वीर शामिल की है, जो 2015 में आतंकी हमले का शिकार हुआ था। अंतरिम सरकार ने शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर हटा दी।

मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हाल ही में नए करेंसी नोट जारी करने की घोषणा की है। इनमें से 20 टका के नोट पर दीनाजपुर के ऐतिहासिक कांतजीउ मंदिर की तस्वीर होगी। यह मंदि 18वीं सदी में निर्मित हुआ था और 2015 में आतंकी हमले का भी शिकार हुआ था। इस कदम के साथ यूनुस सरकार देश को उसके संस्थापक नेताओं में से एक, शेख मुजीबुर रहमान की विरासत से भी धीरे-धीरे दूर ले जा रही है। दरअसल पहले इस 20 टका के नोट पर शेख मुजीब की तस्वीर होती थी, जिसे अब हटाकर हिंदू और बौद्ध धार्मिक स्थलों की तस्वीरें लगाई जा रही हैं।
इस नए नोट के अग्रभाग पर 18वीं सदी के कांतजीउ (कांतानगर) मंदिर की तस्वीर है, जो कि दिनाजपुर जिले में स्थित है और बांग्लादेश के सबसे प्रमुख वैष्णव मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान कृष्ण और रुक्मिणी को समर्पित है और इसे महाराज प्रन्नाथ ने 1704 में बनवाना शुरू किया था, जिसे उनके पुत्र रामनाथ ने 1752 में पूर्ण किया।
कांतजीउ मंदिर को दिसंबर 2015 में इस्लामिक स्टेट (ISIS) से जुड़े आतंकवादी संगठन न्यू जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) ने उस समय निशाना बनाया था जब वहां रास मेला मनाया जा रहा था। तीन बम धमाकों में कई श्रद्धालु घायल हुए थे। हाल ही में 2024 में इस मंदिर की भूमि पर एक मस्जिद के निर्माण को लेकर विवाद भी हुआ, जिसे लेकर स्थानीय हिंदू समुदाय ने विरोध जताया। यह मस्जिद शेख हसीना सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई थी, जिसे दिनाजपुर-1 से सांसद जकारिया जाका ने उद्घाटित किया था।
हालांकि, यूनुस सरकार में धार्मिक मामलों के सलाहकार एएफएम खालिद हुसैन ने सितंबर 2024 में कहा कि "मंदिर की जमीन मंदिर के पास ही रहे और मस्जिद का विस्तार पास की लीज पर दी गई सरकारी जमीन पर किया जाए।" नए 20-टका के नोट के पीछे की ओर बौद्ध विरासत को दर्शाया गया है, जिसमें पहाड़पुर बौद्ध विहार की तस्वीर है। यह विहार 8वीं सदी का है और राजशाही डिवीजन के नाओगां जिले में स्थित है। इसे 1985 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। यह बौद्ध स्थापत्य और टेराकोटा कला का एक अद्भुत उदाहरण है।
इसी श्रृंखला में अन्य नोटों पर भी धार्मिक स्थलों की छवियां दी गई हैं – जैसे कि 100-टका पर शैट गुम्बज मस्जिद, 50-टका पर तारा मस्जिद और 10-टक़ा पर बाईतुल मुकर्रम मस्जिद। बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक ‘बांग्ला बैंक’ की वेबसाइट के अनुसार, नए 20-टका के नोट पर हल्के रंग में देश के राष्ट्रीय फूल – शापला (जलकुंभी) की पंखुड़ी, पत्ते और कली की छवि भी पृष्ठभूमि में दी गई है।
यह पहला मौका नहीं है जब बांग्लादेश की मुद्रा पर बदलाव हुआ हो। 2012 में शेख हसीना सरकार ने 20-टका नोट पर अपने पिता और बांग्लादेश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर छपवाई थी। इससे पहले 2002 में जब बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी सत्ता में थे, तब इस नोट पर छोटो सोना मस्जिद की तस्वीरें थीं। 2024 की जुलाई-अगस्त में हसीना सरकार के पतन के बाद, देश भर से अल्पसंख्यकों पर हमलों की सैकड़ों खबरें सामने आईं। मुजीब के खिलाफ बोलना पहले जहां 'ईशनिंदा' माना जाता था, वहीं अब कई स्थानों पर उनके पुतलों को तोड़ा गया और विरोध का प्रतीक बनाया गया।
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