पैसों के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे बांग्लादेश को एक और झटका, अब क्या करेंगे मोहम्मद यूनुस?
- आईएमएफ ने बांग्लादेश की आर्थिक स्थिति और प्रमुख सिफारिशों के बारे में अपना व्यापक मूल्यांकन साझा किया है। कम कर-से-जीडीपी अनुपात का हवाला देते हुए, फंड ने व्यापक कर सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया।
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही उसके देश की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है। गरीबी में जी रहे बांग्लादेश की अब कर्ज लेने की हालत हो गई है। वह पैसों के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है, लेकिन फिर भी मदद नहीं मिल रही। ताजा घटनाक्रम में, बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 4.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कर्ज की अगली दो किस्तों (चौथी और पांचवीं) को प्राप्त करने के लिए आवश्यक चार प्रमुख शर्तों को पूरा करने में पिछड़ रहा है। ऐसे में कर्ज मिलना मुश्किल हो गया है। ये चार शर्तें-कमजोर राजस्व वृद्धि, गैर-बाजार आधारित विनिमय दर, सब्सिडी में अपर्याप्त कमी और बैंकिंग क्षेत्र में अपेक्षित प्रगति की कमी हैं। आईएमएफ से झटका खाने के बाद सवाल उठने लगा है कि मोहम्मद यूनुस अब क्या करेंगे?
दो सप्ताह के समीक्षा मिशन के बाद गुरुवार को बांग्लादेश दौरे पर आए आईएमएफ प्रतिनिधिमंडल द्वारा एक ब्रीफिंग के दौरान इन मुद्दों को उठाया गया। आईएमएफ ने आगामी किश्तों के जारी होने पर अंतिम फैसला नहीं सुनाया, लेकिन कहा कि चर्चा जारी है। यदि प्रगति संतोषजनक रही, तो जून के अंत तक धनराशि वितरित की जा सकती है। बांग्लादेश बैंक में आयोजित इस ब्रीफिंग में आईएमएफ के शोध विभाग में विकास मैक्रोइकॉनॉमिक्स अनुभाग के प्रमुख क्रिस पापागेओर्गियो ने नौ अन्य प्रतिनिधिमंडल सदस्यों के साथ भाग लिया। ब्रीफिंग से पहले, आईएमएफ मिशन ने 6 अप्रैल से बुधवार तक वित्त सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद सहित विभिन्न सरकारी विभागों के साथ बैठकें कीं। बांग्लादेश के लोगों और सरकार के साथ सहयोग करने की आईएमएफ की इच्छा व्यक्त करते हुए, पापागेओर्गियो ने कहा कि 21-26 अप्रैल को वाशिंगटन, डीसी में होने वाली आईएमएफ-विश्व बैंक स्प्रिंग मीटिंग में आगे की चर्चा जारी रहेगी।
आईएमएफ ने बांग्लादेश की आर्थिक स्थिति और प्रमुख सिफारिशों के बारे में अपना व्यापक मूल्यांकन साझा किया है। देश के कम कर-से-जीडीपी अनुपात का हवाला देते हुए, फंड ने व्यापक कर सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया। इसने कर नीति और कर प्रशासन के बीच स्पष्ट रूप से अंतर करने, कर छूट को कम करने, नीतियों को सरल बनाने और राजस्व बढ़ाने के लिए स्थायी तरीकों की पहचान करने की सिफारिश की। आईएमएफ ने बैंकिंग क्षेत्र के स्वास्थ्य को बहाल करने के लिए कानूनी सुधारों और प्रभावी परिसंपत्ति गुणवत्ता मूल्यांकन की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। इसने बांग्लादेश बैंक की अधिक स्वतंत्रता और बेहतर प्रशासन के साथ-साथ मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण के खिलाफ कड़े उपायों का आह्वान किया। इसके अलावा, आईएमएफ ने अधिकारियों से गैर-निष्पादित ऋणों को कम करने, निगरानी में सुधार करने और बैंकिंग क्षेत्र में नीति-निर्माण अस्पष्टता को खत्म करने के लिए भी कहा है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।