China Japan and South Korea have decided to team up against Trump US tariffs अमेरिका के दोस्तों ने 'दुश्मन' से मिलाया हाथ, कैसे ट्रंप की मुश्किलें बढ़ाएगी ये तिकड़ी, International Hindi News - Hindustan
Hindi Newsविदेश न्यूज़China Japan and South Korea have decided to team up against Trump US tariffs

अमेरिका के दोस्तों ने 'दुश्मन' से मिलाया हाथ, कैसे ट्रंप की मुश्किलें बढ़ाएगी ये तिकड़ी

  • जापान और दक्षिण कोरिया लंबे समय से अमेरिका के करीबी सहयोगी रहे हैं, लेकिन अब चीन के साथ उनकी यह साझेदारी ट्रंप के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, सियोलTue, 1 April 2025 11:07 AM
share Share
Follow Us on
अमेरिका के दोस्तों ने 'दुश्मन' से मिलाया हाथ, कैसे ट्रंप की मुश्किलें बढ़ाएगी ये तिकड़ी

एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में, अमेरिका के पारंपरिक सहयोगी जापान और दक्षिण कोरिया ने चीन के साथ हाथ मिला लिया है। तीनों देशों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए जा रहे नए टैरिफ (आयात शुल्क) के खिलाफ संयुक्त रूप से जवाब देने का फैसला किया है। यह जानकारी सोमवार को चीन की सरकारी मीडिया ने दी। इस कदम से ट्रंप प्रशासन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, जो पहले से ही वैश्विक व्यापार को लेकर तनावपूर्ण स्थिति का सामना कर रहा है।

रविवार को जापान, दक्षिण कोरिया और चीन के व्यापार मंत्रियों ने सियोल में पांच साल बाद पहली आर्थिक वार्ता आयोजित की। इस बैठक का मकसद क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देना और ट्रंप के टैरिफ के प्रभाव से निपटने की रणनीति तैयार करना था। बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि चीन, जापान और दक्षिण कोरिया "क्षेत्रीय और वैश्विक व्यापार" को बढ़ावा देने के लिए एक त्रिपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत को तेज करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दक्षिण कोरिया के व्यापार मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया, "तीनों देशों ने वैश्विक व्यापार माहौल पर विचारों का आदान-प्रदान किया और आर्थिक सहयोग को जारी रखने की जरूरत पर सहमति जताई।"

सप्लाई चैन और व्यापार सहयोग पर सहमति

बैठक के दौरान तीनों देशों ने व्यापार संबंधों को सुचारु बनाए रखने के लिए सप्लाई चैन में सहयोग को गहरा करने पर सहमति जताई। इस संदर्भ में जापान और दक्षिण कोरिया चीन से सेमीकंडक्टर के कच्चे माल का आयात करेंगे, जबकि चीन जापान और दक्षिण कोरिया से चिप उत्पाद खरीदने पर सहमत हुआ। चीन के सरकारी सोशल मीडिया अकाउंट युयुआन तांतियान के अनुसार, तीनों देशों ने निर्यात नियंत्रण पर भी बातचीत जारी रखने का निर्णय लिया है, जिससे अमेरिकी टैरिफ के बावजूद व्यापार प्रवाह निर्बाध बना रहे। यह पहल ऐसे समय में आई है जब अमेरिका द्वारा जल्द ही नए टैरिफ लागू करने की संभावना जताई जा रही है। ट्रंप प्रशासन द्वारा उठाए जाने वाले इन कदमों को "लिबरेशन डे" रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिससे अमेरिका के व्यापारिक नीतियों में बड़ा बदलाव आ सकता है।

ट्रंप के टैरिफ से बढ़ा तनाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को "लिबरेशन डे" यानी मुक्ति दिवस करार देते हुए नए टैरिफ की घोषणा करने का ऐलान किया है। इन टैरिफ में ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स पर 25% शुल्क शामिल है, जो जापान और दक्षिण कोरिया जैसे बड़े वाहन निर्यातकों को सीधे प्रभावित करेगा। इसके अलावा, चीन पर पहले से ही कई टैरिफ लागू हैं, और अब यह तिकड़ी मिलकर इसका जवाब देने की तैयारी कर रही है। ट्रंप का यह कदम अमेरिका की व्यापार नीतियों को बदलने और विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता कम करने की उनकी रणनीति का हिस्सा है।

ये भी पढ़ें:ट्रंप के 'मुक्ति दिवस' वाले ऐलान का भारत पर क्या असर, टैरिफ वॉर से कितनी टेंशन
ये भी पढ़ें:ट्रम्प के टैरिफ डर से गिरा शेयर मार्केट, एसएंडपी और नैस्डैक को सबसे बड़ा झटका

अमेरिका के लिए चुनौती

जापान और दक्षिण कोरिया लंबे समय से अमेरिका के करीबी सहयोगी रहे हैं, लेकिन अब चीन के साथ उनकी यह साझेदारी ट्रंप के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तिकड़ी न केवल अमेरिकी टैरिफ का जवाब देगी, बल्कि क्षेत्रीय व्यापार में अमेरिका की भूमिका को कम करने की कोशिश भी कर सकती है। दक्षिण कोरिया के व्यापार मंत्री आन दुक-गुन ने कहा, "हमें RCEP (क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी) को मजबूत करने और कोरिया-चीन-जापान FTA के जरिए व्यापार सहयोग का ढांचा तैयार करने की जरूरत है।"

यह बैठक ट्रंप के टैरिफ लागू करने से ठीक पहले हुई है, जिससे वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल की आशंका बढ़ गई है। जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देश, जो अमेरिकी बाजार पर बहुत हद तक निर्भर हैं, अब वैकल्पिक रास्ते तलाश रहे हैं। इस बीच, चीन इस मौके का फायदा उठाकर अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। अगली त्रिपक्षीय बैठक जापान में होगी, हालांकि इसकी तारीख अभी तय नहीं की गई है। ट्रंप प्रशासन के लिए यह घटनाक्रम एक चेतावनी हो सकता है कि उनके सहयोगी अब उनके खिलाफ एकजुट हो रहे हैं। वैश्विक व्यापार के इस नए समीकरण से आने वाले दिनों में और बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।